शहीद के परिवार के लिए उसके घर के चिराग का जाना हमेशा से ही पीड़ा दायक होता है. पीड़ित परिवार के अलावा आम लोग तो कुछ समय बाद ऐसे हादसों को भूल जाते हैं लेकिन उनका परिवार अपने लाड़लों को कभी नहीं भूल पाता. उन्हें हर समय उनकी कमी महसूस होती है. बीते कुछ वर्षों में ऐसे कई लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए जिसमें पायलट को अपनी जान गंवानी पड़ी. एक ऐसा ही हादसा एक फरवरी को सामने आया जब मिराज-2000 ट्रेनर विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की वजह से स्क्वाड्रन लीडर सीमर अबरोल शहीद हो गए.
बेंगलुरु में फाइटर जेट मिराज उड़ान भरते ही दुर्घटनाग्रस्त, दो पायलटों की मौत
अबरोल की शहादत की खबर पीड़ित परिजनों के लिए सदमे की तरह आई. परिवार अभी भी इस सदमे से उबरने की कोशिश कर रहा है. स्क्वाड्रन लीडर सीमर अबरोल की याद में उनकी पत्नी गरिमा ने एक भावुक कविता लिखी है. उन्होंने अपनी कविता की मदद से पति को याद करने के साथ-साथ सिस्टम पर सवाल खड़े किए हैं. गरिमा ने अपनी कविता में लिखा है कि
आसमां उसे संभाल न पाया, मिट्टी ने उसे सहेजा
पुरज़ा-पुरज़ा हुआ जिस्म, बस ब्लैक बॉक्स ही मिल पाया
उसकी छलांग सुरक्षित थी, मगर जल उठा पैराशूट
बिलख रहा है परिवार, सारे अरमान गए उसके टूट
आख़िरी लम्हों में उसने ली बेहद लंबी-भारी सांस
लेकिन नशे में भ्रष्ट दफ़्तरशाही को कहां ये एहसास
हम अपने ही वीरों को ज़ंग लगी मशीनों के साथ भेजते हैं रण में
फिर भी वो जीतते हैं जंग अपने हौसले, अपनी लगन से
एक बार फिर मारा गया एक शहीद
आसमां उसे संभाल न पाया, मिट्टी ने उसे सहेजा
कितना नागवार होता है एक टेस्ट पायलट का काम
दूसरों को रोशनी-राह मिले, इसलिए जोखिम में डालता है अपनी जान
अपने पति पर है मुझे अभिमान
लड़ता रहा हमेशा मेरा बैटमैन
अपनी कविता के जरिये गरिमा ने सेना में इस्तेमाल हो रहे हथियारों और नौकरशाही के रवैये पर भी सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने लिका है कि हम अपने सैनिकों को बेकार हो चुके हथियार लड़ने देते हैं. और वह फिर भी अपनी जान पर खेलकर जंग जीतते हैं. ऐसे में जरूरी है कि हम अपने सिस्टम को सही करें ताकि मां अपनी औलाद और पत्नियों को अपना पति यूं ही न खोना पड़े. गौरतलब है कि बेंगलुरु के पूर्वी उपनगर में एक परीक्षण उड़ान के दौरान एक फरवरी को भारतीय वायुसेना का लड़ाकू विमान मिराज-2000 दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, और इस दुर्घटना में दो वरिष्ठ पायलट की मौत हो गई थी.
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रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने यहां एक बयान में कहा था कि मिराज-2000 प्रशिक्षण विमान के बेंगलुरु के एचएएल (हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड) हवाईअड्डे पर दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद गंभीर रूप से घायल होने के कारण भारतीय वायुसेना के दो पायलटों की मौत हो गई. पायलटों की पहचान स्क्वाड्रन लीडर समीर अबरोल और स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ नेगी के रूप में हुई थी.
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बयान में कहा गया था कि विमान एचएएल द्वारा अपग्रेड किए जाने के बाद परीक्षण उड़ान पर था. दुर्घटना के कारणों की जांच का आदेश दिया जा रहा है. आगे के विस्तृत ब्यौरे की प्रतीक्षा है." राज्य में संचालित एचएएल भारतीय वायुसेना के प्रशिक्षण और युद्धक अभियानों के लिए देश के लड़ाकू विमानों को अपग्रेड (उन्नत बनाना) करती है. एचएएल के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया था कि दुर्घटना सुबह करीब 10.30 बजे हुई. एचएएल भारतीय वायुसेना और अन्य राज्य द्वारा संचालित रक्षा और एयरोस्पेस एजेंसियों जैसे डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) और एडीए (वैमानिकी विकास अभिकरण) के साथ सैन्य हवाईअड्डे का संचालन भी करता है.
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