पृथ्वीराज चव्हाण...
नई दिल्ली:
2011 में सनातन संस्था पर बैन के लिए महाराष्ट्र सरकार की सिफारिशों के बाद भी केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार ने कोई पहल नहीं की थी।
महाराष्ट्र में कई बम धमाकों में सनातन संस्था से जुड़े लोगों के शामिल होने के आरोप के बाद एटीएस ने इस संस्था की गतिविधियों पर चिंता जाहिर की थी और इसे बैन करने की जरूरत बताई थी।
महाराष्ट्र सरकार के तत्कालीन मुख्य सचिव उमेश सारंगी ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर सनातन संस्था पर बैन की मांग की थी। बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हुई।
NDTV से बातचीत में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने इस बात का खुलासा किया है। अब गोविंद पानसरे की हत्या में सनातन संस्था से जुड़े लोगों का नाम सामने आने के बाद ये मुद्दा फिर से गरमा गया है।
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण ने एनडीटीवी से कहा कि हमने इस ग्रुप पर बैन करने के लिए केंद्र को कहा था, जब इसके दो सदस्य 2008 ठाणे ऑडिटोरियम ब्लास्ट में आरोपी बनाए गए थे।
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम हम सनातन पर UAPA के तहत बैन चाहते थे। हमने केंद्र को अप्रैल 2011 में इसके लिए 1000 पेज को डोजियर भी भेजा था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उस समय के गृहमंत्री रहे सुशील कुमार शिंदे ने चव्हाण के बयान पर तुरंत प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अगर चव्हाण इस संस्था पर बैन लगाने के लिए इतने गंभीर थे तो वे मुझे फोन कर सकते थे। हम दोनों एक ही राज्य से आते हैं।
महाराष्ट्र में कई बम धमाकों में सनातन संस्था से जुड़े लोगों के शामिल होने के आरोप के बाद एटीएस ने इस संस्था की गतिविधियों पर चिंता जाहिर की थी और इसे बैन करने की जरूरत बताई थी।
महाराष्ट्र सरकार के तत्कालीन मुख्य सचिव उमेश सारंगी ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर सनातन संस्था पर बैन की मांग की थी। बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हुई।
NDTV से बातचीत में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने इस बात का खुलासा किया है। अब गोविंद पानसरे की हत्या में सनातन संस्था से जुड़े लोगों का नाम सामने आने के बाद ये मुद्दा फिर से गरमा गया है।
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण ने एनडीटीवी से कहा कि हमने इस ग्रुप पर बैन करने के लिए केंद्र को कहा था, जब इसके दो सदस्य 2008 ठाणे ऑडिटोरियम ब्लास्ट में आरोपी बनाए गए थे।
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम हम सनातन पर UAPA के तहत बैन चाहते थे। हमने केंद्र को अप्रैल 2011 में इसके लिए 1000 पेज को डोजियर भी भेजा था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उस समय के गृहमंत्री रहे सुशील कुमार शिंदे ने चव्हाण के बयान पर तुरंत प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अगर चव्हाण इस संस्था पर बैन लगाने के लिए इतने गंभीर थे तो वे मुझे फोन कर सकते थे। हम दोनों एक ही राज्य से आते हैं।
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