कौन हैं एकनाथ शिंदे ? जानिए उनके बारे में..
महाराष्ट्र की राजनीति में एक कद्दावर श्ख्सियत का नाम है – एकनाथ शिंदे. 2019 में मुख्यमंत्री की रेस में एकनाथ शिंदे का नाम सबसे आगे चल रहा था लेकिन एकनाथ ने खुद ही अपने कदम पीछे कर लिए. एकनाथ ने उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाए जाने की पुरजोर वकालत की. लेकिन आज की तारीख में एकनाथ शिंदे ने उस बगावत की पटकथा लिखी जिसकी वजह से उद्धव ठाकरे की विदाई मुमकीन हो सकी.
बहरहाल, एक दौर था जब एकनाथ को ठाकरे परिवार का सबसे करीबी समझा जाता था. लेकिन बदले हालात में आज वे ठाकरे परिवार के कट्टर दुश्मन हो गए हैं. बहरहाल, इसी सियासी रंजिश का नतीजा है कि वे आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन गए हैं.
राजनीति में आने से पहले जीवन यापन के लिए एकनाथ शिंदे ऑटो चलाते थे. 1980 के दशक से वो शिवसेना के लिए काम करने लगे. ठाणे के शिवसेना के कद्दावर नेता आनंद दिघे के संपर्क में आए. बालासाहेब ठाकरे के जमाने में आनंद दिघे शिवसेना में नम्बर दो के नेता माने जाते थे. आनंद दिघे को एकनाथ शिंदे का राजनीतिक गुरू भी कहा जाता है. बहरहाल, 2001 में दिघे की मृत्यु के बाद ठाणे की सियासत एकनाथ शिंदे के हाथों में चली गई.
मुंबई से सटे ठाणे में उनकी लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही थी. और यही ठाणे उनका गढ़ माना जाता है. कहने की जरूरत नहीं कि शिंदे की बदौलत ही इन इलाकों में शिवसेना एक मजबूत पार्टी बनकर उभरी थी. शिंदे का परिवार महाराष्ट्र की राजनीति में काफी सक्रिय है. शिंदे के बेटे डा. श्रीकांत शिंदे कल्याण लोकसभा सीट से सांसद हैं तो उनके भाई प्रकाश शिंदेर पार्षद हैं.
साल 1997 में एकनाथ शिंदे सक्रिय राजनीति में शामिल हो गए थे जब ठाणे निगम में बतौर कारपोरेटर वे चुन लिए गए थे. शिंदे खुद ही कोपरी-पांचपखाड़ी सीट से चार बार विधायक चुने जा चुके हैं. साल 2014 और 2019 में दोनों सरकार में वे मंत्री थे.
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