बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के संस्थापक लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) अपने मजाकिया लहजे के कारण हमेशा सुर्खियां बटोरते रहे हैं. बिहार (Bihar) में उनकी लोकप्रियता का एक बहुत बड़ा कारण उनका अनोखा भाषण कौशल रहा है. लालू यादव के व्यक्तित्व में हास-परिहास इस कदर समाया हुआ है कि देश तो ठीक है, विदेशों में भी वे अपनी इस स्वभावगत विशेषता के कारण सुर्खियां बटोरते रहे हैं. उन्होंने पाकिस्तान (Pakistan) में वहां के एक मंत्री को ऐसी उपमा दे डाली थी कि उनके पैरों तले की जमीन खिसक गई थी.
लालू यादव अपने भाषणों में, पत्रकारों को दिए जाने वाले साक्षात्कारों में खास तौर पर विरोधियों को तरह-तरह की उपमाओं से नवाजते रहे हैं. कभी उन्होंने कहा- 'जब तक रहेगा समोसे में आलू, तब तक रहेगा बिहार में लालू...' कभी कहा- बिहार की सड़कों को हेमा मालिनी के गालों जैसी चिकनी बना देंगे... उनके इस तरह के बयानों पर जहां जनता तालियां बजाती रही वहीं उनके विरोधी उनकी आलोचना करते रहे. भले ही विवाद होते रहे, लेकिन लालू जैसे थे, वैसे ही बने रहे.
सन 2003 में भारत का संसदीय प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान की यात्रा पर गया था. इस प्रतिनिधिमंडल में लालू यादव भी शामिल थे. इस यात्रा के दौरान इस्लामाबाद में एक "रोड शो" आयोजित किया गया. इसी के बीच में लालू प्रसाद यादव अचानक पाकिस्तान के तत्कालीन सूचना मंत्री शेख रशीद (Sheikh Rashid) के घर पहुंच गए.
लालू यादव ने शेख रशीद के आवास 'लाल हवेली' में पहुंचकर उनके बारे में पूछा. वे उस समय वर्जिश करने के लिए जिम में गए थे. रशीद को जैसे ही लालू के आने की खबर मिली, वे जिम से अपने घर वापस चले आए. लालू और रशीद ने एक-दूसरे को गले लगाया और हाथ मिलाया.
हालांकि लालू यादव ने इस मजाक के बाद शेख रशीद से कश्मीर के मुद्दे पर गंभीर बातचीत भी की. उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के नेताओं को आपसी मतभेदों को सुलझाने के लिए एक साथ बैठना चाहिए क्योंकि अन्य ताकतें दोंनो देशों के बीच तनाव का फायदा उठा रही हैं.
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