सरकार ने बुधवार को लोकसभा को बताया कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा वर्ष 2022-23 के दौरान 5 जी मोबाइल सेवा प्रारंभ करने की संभावना है. लोकसभा में दीपसिंह शंकरसिंह राठौड़ और रमेश बिधूड़ी के प्रश्न के लिखित उत्तर में संचार राज्य मंत्री देबुसिंह चौहान ने यह जानकारी दी. सदस्यों ने पूछा था कि क्या सरकार की भारत में 5 जी प्रौद्योगिकी शुरू करने की कोई योजना है. संचार राज्य मंत्री ने कहा कि 5जी सेवाओं को धीरे-धीरे शुरू करने और सेवाओं का वातावरण तैयार होने एवं मांग बढ़ने पर इसकी पूरी क्षमता प्राप्त करने की संभावना है.
चौहान ने कहा कि दूरसंचार विभाग ने 15 जून, 2022 की अधिसूचना के तहत 600 मेगाहर्ट्ज, 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज, 2500 मेगाहर्ट्ज, 3300 मेगाहर्ट्ज, 26 गीगा हर्ट्ज बैंडों के स्पेक्ट्रम की नीलामी की प्रक्रिया पहले शुरू कर दी है जिसमें 5जी सेवाओं को शुरू करने हेतु आवश्यक स्पेक्ट्रम शामिल है.
बताते चलें कि भारत में बहुत जल्द 5G सेवाएं जमीनी हकीकत बनने वाली हैं. भारत हाई-स्पीड 5जी सेवाएं लागू करने के अंतिम चरणों पर पहुंच गया है. इस स्पेक्ट्रम की नीलामी हो रही है. बुधवार को भी यह निलामी जारी रही.
5G auction is continuing even today and it is going to continue tomorrow also. At the end of the 9th round, we have grossed about Rs 1,49,454 Crores: Union Minister Ashwini Vaishnaw pic.twitter.com/l6PdiVNVLn
— ANI (@ANI) July 27, 2022
5G क्या है और मौजूदा 3G 4G सेवाओं से अलग कैसे है?
5G पांचवी जेनरेशन का मोबाइल नेटवर्क है, जो कुछ ही सेकेंड्स में बड़ा डेटा ट्रांसमीट कर सकता है. 3G और 4G की तुलना में 5G में लेटेंसी यानी धीमापन बहुत कम है, जिससे कि अलग-अलग सेक्टरों के यूजरों का अनुभव और बेहतर होगा. लेटेंसी कम होने से मतलब नेटवर्क की हाई-वॉल्यूम के डेटा को कम से कम देरी के साथ प्रोसेस करने की क्षमता से है. 5G के आने से यह भी उम्मीद है कि इससे रिमोट डेटा मॉनिटरिंग सेक्टरों जैसे कि- माइनिंग, वेयरहाउसिंग, टेलीमेडिसिन और मैन्युफैक्चरिंग में और ज्यादा विकास आएगा.
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