पूर्व चीफ़ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा का विदाई समारोह हंसी-मज़ाक से भरपूर रहा.
नई दिल्ली:
पूर्व चीफ़ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा का विदाई समारोह हंसी-मज़ाक से भरपूर रहा. मौजूदा चीफ़ जस्टिस ऑफ़ इंडिया रंजन गोगोई ने कहा कि पिछले 6 साल में जस्टिस मिश्रा के साथ उनकी दोस्ती रही और कुछ मामलों में मतभेद भी रहे. तो वहीं जस्टिस मिश्रा ने कहा कि मतभेद तब मनभेद में बदलते हैं जब झगड़ा शोहरत का हो. सीजेआई गोगोई ने हसंते हुए कहा कि जस्टिस दीपक मिश्रा क्रिकेट बॉल से टेनिस खेलते हैं. आपको बता दें कि पूर्व चीफ़ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा 2 अक्टूबर को रिटायर हुए थे. इसके बाद जस्टिस रंजन गोगोई ने सीजेआई की शपथ ली.
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आपको बता दें कि इससे पहले चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के विदाई समारोह में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के चेयरमैन विकास सिंह ने कहा CJI मिश्रा हालात का शिकार बने, ये दुर्भाग्यपूर्ण है. उनके ऊपर भी आरोप लगाए गए. विकास सिंह ने चीफ जस्टिस के विदाई समारोह में कहा कि कुछ लोगों ने एमसीआई मुद्दे जैसा पत्र सार्वजनिक कर सुप्रीम कोर्ट संस्था पर कीचड़ उछालने की कोशिश की. आज के जमाने में जज होना सबसे संवेदनशील ज़िम्मेदारी है. किसी भी जज पर सबसे आसान है कीचड़ उछालना. जस्टिस मिश्रा को जेंडर जस्टिस जज और महिला सशक्तिकरण वाले फैसलों के लिए याद किया जाएगा.
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गौरतलब है कि कि आखिरी दिन जब एक वकील ने गीत के जरिए उनके पूर्व सीजेआई के लंबे जीवन की कामना की तो उन्होंने बीच में रोकते हुए कहा कि अभी वह ‘दिल से बोल रहे हैं’ हालांकि शाम के वक्त दिमाग से जवाब देंगे. आधार, समलैंगिकता, विवाहेत्तर और सबरीमला जैसे विषयों पर महत्वपूर्ण फैसले सुनाने वाली पीठों की अध्यक्षता करने वाले पूर्व सीजेआई मिश्रा आखिरी दिन महज 25 मिनट तक चली अदालत की कार्यवाही के दौरान भावुक नजर आए थे.
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आपको बता दें कि इससे पहले चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के विदाई समारोह में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के चेयरमैन विकास सिंह ने कहा CJI मिश्रा हालात का शिकार बने, ये दुर्भाग्यपूर्ण है. उनके ऊपर भी आरोप लगाए गए. विकास सिंह ने चीफ जस्टिस के विदाई समारोह में कहा कि कुछ लोगों ने एमसीआई मुद्दे जैसा पत्र सार्वजनिक कर सुप्रीम कोर्ट संस्था पर कीचड़ उछालने की कोशिश की. आज के जमाने में जज होना सबसे संवेदनशील ज़िम्मेदारी है. किसी भी जज पर सबसे आसान है कीचड़ उछालना. जस्टिस मिश्रा को जेंडर जस्टिस जज और महिला सशक्तिकरण वाले फैसलों के लिए याद किया जाएगा.
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गौरतलब है कि कि आखिरी दिन जब एक वकील ने गीत के जरिए उनके पूर्व सीजेआई के लंबे जीवन की कामना की तो उन्होंने बीच में रोकते हुए कहा कि अभी वह ‘दिल से बोल रहे हैं’ हालांकि शाम के वक्त दिमाग से जवाब देंगे. आधार, समलैंगिकता, विवाहेत्तर और सबरीमला जैसे विषयों पर महत्वपूर्ण फैसले सुनाने वाली पीठों की अध्यक्षता करने वाले पूर्व सीजेआई मिश्रा आखिरी दिन महज 25 मिनट तक चली अदालत की कार्यवाही के दौरान भावुक नजर आए थे.
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