CWC की बैठक में दोबारा आए राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर में हालात खराब की बात कहकर क्या छिपा लिया?

राहुल के जाने के बाद करीब 1 घंटे बाद खत्म हो गई. राहुल आए तो सही बैठक में ही थे लेकिन और कश्मीर पर भी बात हुई होगी लेकिन वह असली बात को छिपा गए कि उन्हें इसलिए बुलाया गया था ताकि फिर जिम्मेदारी उन को सौंपी जा सके. 

CWC की बैठक में दोबारा आए राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर में हालात खराब की बात कहकर क्या छिपा लिया?

CWC की बैठक में दोबारा आए थे राहुल गांधी

खास बातें

  • सोनिया गांधी बनीं अंतरिम अध्यक्ष
  • सभी कमेटियां राहुल के नाम पर थीं सहमत
  • राहुल गांधी ने जिम्मेदारी लेने से किया इनकार
नई दिल्ली:

कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक में सोनिया गांधी को पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष बना दिया गया है. अब वह नए अध्यक्ष के चुने जाने तक पार्टी की अगुवाई करेंगी. लेकिन सोनिया के ऐलान से पहले एक नाटकीय घटनाक्रम हुआ. दरअसल कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक में 5 उपसमितियां बनाई गईं और सभी को अपनी-अपनी राय देनी थी. इसी बीच सोनिया गांधी और राहुल गांधी कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक से बाहर आ गए. सोनिया गांधी ने कहा कि उनका अध्यक्ष चुने जाने की प्रक्रिया में शामिल होना उचित नहीं है और न ही राहुल का. इसके बाद सभी समितियों ने अपनी रिपोर्ट दी जिसमें राहुल गांधी को ही दोबारा पार्टी अध्यक्ष बनाने की मांग हुई. थोड़ी देर बाद राहुल गांधी फिर आ गए और थोड़ी देर बाद फिर वहां से रवाना हो गए. जाते-जाते उन्होंने कहा कि वह इसलिए आए थे या उनको इसलिए बुलाया गया था क्योंकि जम्मू-कश्मीर में हालात खराब होने की खबर आई है और इसलिए उस पर प्रेजेंटेशन दिया गया जिसमें सरकार से मांग की गई कि वह स्थिति साफ करे. यही बयान राहुल गांधी बाहर देकर चले गए पूछे जाने पर यह कहा कि अंदर मीटिंग जारी है.

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अब सवाल यह उठा कि कश्मीर में अभी ऐसा क्या हो गया जिसको लेकर राहुल गांधी को बुलाया गया और प्रेजेंटेशन दिया गया. जबकि सीडब्ल्यूसी की बैठक खास तौर पर कांग्रेस के नए अध्यक्ष को चुनने के लिए बुलाई गई थी. फिर अंदाजा लगाया कि राहुल गांधी ने जो कश्मीर की बात की वह संभवत बीबीसी और कुछ दूसरी एजेंसियों की तरफ से जो एक वीडियो फुटेज आया है जिसमें कश्मीर के हालात खराब होने की बात की गई. राहुल गांधी ने मांग की कि सरकार को पूरी तरह पारदर्शिता के साथ हालात को सामने रखे. लेकिन कश्मीर में तुरंत कुछ ऐसा नहीं हुआ था. जब बैठक में सारी माथापच्ची कांग्रेस अध्यक्ष को चुनने को लेकर चल रही थी तो राहुल गांधी का आना और फिर चले जाना कई सवाल छोड़ गया. माना जा रहा है कि राहुल गांधी को यह बताने के लिए बुलाया गया था कि सभी समितियों ने उन्हीं के ही नाम पर राय जाहिर की है. लेकिन राहुल गांधी पहले ही इस पद से इस्तीफा दे चुके हैं इसलिए उन्होंने प्रस्ताव को ठुकरा दिया और बाहर निकल गए.

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और सच भी यही हुआ जब कांग्रेस की आधिकारिक प्रेस कांफ्रेंस हुई जिसमें रणदीप सिंह सुरजेवाला ने साफ कहा कि पांचों कमेटियों में राहुल गांधी का ही नाम आया लेकिन राहुल गांधी ने विनम्रता पूर्वक इसे ठुकरा दिया और फिर कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी को यह जिम्मेदारी दी गई जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया. यह बैठक राहुल के जाने के बाद करीब 1 घंटे बाद खत्म हो गई. राहुल आए तो सही बैठक में ही थे लेकिन और कश्मीर पर भी बात हुई होगी लेकिन वह असली बात को छिपा गए कि उन्हें इसलिए बुलाया गया था ताकि फिर जिम्मेदारी उन को सौंपी जा सके. 

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