अप्रैल का महीना खत्म होने जा रहा है, लेकिन मौसम (Weather Report) आमतौर पर नरम बना हुआ है. पिछले 2- 3 दिनों से उत्तरी मैदानी इलाकों, मध्य, पूर्व, पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में प्री-मॉनसून बारिश (Pre-Monsoon Rainfall) हो रही है. अब मई में बारिश का अनुमान जताया गया है. मई में मासिक अधिकतम तापमान पूर्व-मध्य और पूर्वी भारत और पूर्वोत्तर, प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से अधिक रहने की उम्मीद है. हालांकि, उत्तर-पश्चिम और पश्चिम-मध्य भारत में इसके सामान्य से लेकर सामान्य से नीचे रहने की संभावना है.
मौसम विभाग का कहना है कि इस साल मई का पहला हफ्ता पिछले कई सालों की तुलना में ज्यादा बारिश वाला लग रहा है. मई (Weather Forecast May 2023) साल के सबसे गर्म महीनों में गिना जाता है, लेकिन लगातार हो रही बारिश की ये गतिविधियां लोगों को लू और गर्म मौसम से काफी हद तक राहत देंगी. हालांकि, इसकी वजह से गेहूं और सरसों की फसल की कटाई में परेशानी आ सकती है.
इन राज्यों में बारिश होने की संभावना
देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से लेकर सामान्य से नीचे न्यूनतम तापमान अनुभव होने की संभावना है. केवल उत्तर-पश्चिम और पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर जहां कुछ क्षेत्रों में सामान्य से अधिक न्यूनतम तापमान होने की संभावना है. मई 2023 के दौरान बिहार, झारखंड, ओडिशा, गांगेय पश्चिम बंगाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश और तटीय आंध्र प्रदेश के अधिकांश हिस्सों, पूर्वी मध्य प्रदेश, तेलंगाना और उत्तरी छत्तीसगढ़ और तटीय गुजरात के कुछ हिस्सों में सामान्य से अधिक उष्ण लहर दिनों की संभावना है.
देश भर में मई 2023 में औसत वर्षा सामान्य (एलपीए का 91-109%) रहने की संभावना है. उत्तर-पश्चिम भारत, पश्चिम-मध्य भारत के कई हिस्सों और प्रायद्वीपीय भारत के उत्तरी भाग में सामान्य और सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है. हालांकि, पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों, पूर्व-मध्य भारत के कई हिस्सों और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत कुछ हिस्सों में सामान्य से नीचे बारिश होने की संभावना है'.
कब आएगा मॉनसून?
मॉनसून की रफ्तार को लेकर IMD मई में एक बार फिर अनुमान जारी करेगा. इसमें पता चलेगा कि मॉनसून की रफ्तार कैसी है. आमतौर पर मॉनसून की शुरुआत 25 मई से 1 जून के बीच होती है. इस दौरान मॉनसून केरल में दस्तक देता है. मौसम विभाग के मुताबिक, अमूमन केरल में मॉनसून 1 जून को पहुंचता है. इसके अलावा तमिलनाडु, बंगाल की खाड़ी, कोंकण में भी मॉनसून 15 जून तक सक्रिय होता है.
किसानों के लिए जरूरी अपडेट
जून महीने में वर्षा पर आधारित कृषि क्षेत्र के लिए अच्छी खबर आ सकती है. दरअसल, सामान्य मॉनसून की स्थिति में बारिश होने से फसलों को फायदा मिल सकता है. हालांकि, कमजोर पड़ने पर पैदावार को नुकसान होने की संभावना रहती है. अगले अनुमान में ज्यादा साफ होगा कि कृषि के लिए इस साल का मॉनसून कैसा रह सकता है.
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