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This Article is From Oct 19, 2012

'खुद' का लोकपाल करेगा अंजलि, मयंक, प्रशांत पर लगे आरोपों की जांच

नई दिल्ली: इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को घोषणा की कि तीन सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की एक समिति उनकी पार्टी के तीन प्रमुख सदस्यों के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करेगी।

केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा, "अंजलि दमानिया, प्रशांत भूषण और मयंक गांधी के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं।" तीनों के मामले आईएसी के आंतरिक लोकपाल के पास भेजे जाएंगे।

केजरीवाल ने कहा, "यदि किसी के खिलाफ आरोप सही पाए गए तो उसे पार्टी से निकाल दिया जाएगा।" केजरीवाल ने एक राजनीतिक पार्टी शुरू की है, जिसके नाम की घोषणा नवम्बर में होनी है।

आईएसी के लोकपाल के सदस्यों में दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एपी शाह, बम्बई उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बीएस मार्लापल्ले और दिल्ली उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जसपाल सिंह शामिल हैं।

केजरीवाल ने कहा कि पार्टी सोमवार को भूषण, दमानिया और गांधी के मामलों को लोकपाल समिति के पास भेज देगी।

आईएसी के एक बयान में कहा गया है, "लोकपाल से अनुरोध किया जाएगा कि इन आरोपों की तेजी के साथ जांच की जाए और यथासम्भव तीन महीने के भीतर जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंप दी जाए।"

सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता किशनजी राव ने आरोप लगाया है कि मयंक गांधी ने बिल्डरों की मदद करने के लिए अपने गैर सरकारी संगठन, रिमेकिंग ऑफ मुम्बई का दुरुपयोग किया।

मयंक गांधी, बिल्डर ललित गांधी के भतीजे हैं, जो कि लोक ग्रुप के मालिक हैं। राव ने आरोप लगाया है कि मयंक गांधी ने ललित गांधी और अन्य बिल्डरों के लिए भूमि सौदे झटकने के लिए अपने संगठन का दुरुपयोग किया।

कांग्रेस ने भूषण पर हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में भूमि सौदे में अनियमिततता का आरोप लगाया है।

दमानिया पर आरोप है कि उन्होंने महाराष्ट्र के करजत में दो किसानों से सात एकड़ जमीन खरीदी थी और बाद में उसके उपयोग की प्रकृति गैर कृषि उद्देश्य के लिए बदलवा ली।

केजरीवाल ने कहा कि आईएसी जल्द ही एक ई-मेल आईडी की घोषणा करेगा, जिस पर लोग उनकी पार्टी के किसी सदस्य के खिलाफ आरोप और उसके पक्ष में सबूत भेज सकते हैं।

मुम्बई पुलिस के सेवानिवृत्त अधिकारी वाईपी सिंह ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल ने केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों का खुलासा नहीं किया, इस पर केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने 25 मई को ही पवार के खिलाफ आरोपों को उठाया था।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह राजनीतिज्ञों के खिलाफ भ्रष्टाचार का खुलासा करने में चयनात्मक रवैया अपना रहे हैं, केजरीवाल ने कहा, "हम इसलिए चयनात्मक हैं, क्योंकि हम जिम्मेदार हैं। बोलने से पहले हम सबूत जुटाते हैं।"
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