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गांव हुए 'गायब', बह गईं सड़कें... वायनाड में कैसे आया 'मौत का सैलाब', 84 की हुई मौत

Wayanad Landslides: भारी बारिश के दौरान रात करीब एक बजे मुंडक्कई कस्बे में पहला भूस्खलन हुआ. जब बचाव अभियान जारी था, तभी सुबह करीब 4 बजे चूरलमाला स्कूल के पास दूसरा भूस्खलन हुआ.

गांव हुए 'गायब', बह गईं सड़कें... वायनाड में कैसे आया 'मौत का सैलाब', 84 की हुई मौत
वायनाड के गांवों में भूस्खलन ने बड़े पैमाने पर तबाही के निशान छोड़े
वायनाड:

गांव हुए 'गायब', बह गईं सड़कें और पुल, नदियों में बहते दिखे शव... केरल के वायनाड में जब लोग मंगलवार की सुबह उठे, तो कुछ यही भयावह मंजर लोगों को देखने को मिला. जैसे ही वायनाड में मूसलाधार बारिश हुई, चूरलमाला गांव का एक बड़ा हिस्सा शहर के सबसे भीषण भूस्खलन में बह गया. बचावकर्मी, जिन्हें जीवित बचे लोगों की मदद के लिए लगाया गया था, उनका कहना है कि उन्हें अंदाजा ही नहीं था कि आपदा कितनी बड़ी है. रात 2 बजे से सुबह 6 बजे के बीच इलाके में एक के बाद एक 3 भूस्खलन हुए. भारी भूस्खलन के बाद दुकानों और वाहनों सहित चूरलमाला शहर का एक हिस्सा लगभग पूरी तरह से बर्बाद हो गया है. रात करीब 2 बजे, कम से कम दो से तीन बार भूस्खलन हुआ, इससे लोगों को संभलने का मौका ही नहीं मिला. वायनाड जिले में लगातार जारी भारी बारिश के कारण मंगलवार तड़के कई जगहों पर हुई भूस्खलन की घटनाओं में मरने वाले लोगों की संख्‍या 84 हो गई है... ये अभी और बढ़ सकती है, क्‍योंकि कई लोगों के नीचे दबे होने की खबर है. 

कैसे आया 'मौत का सैलाब'?

स्‍थानीय मीडिया के मुताबिक, केरल के वायनाड में सोमवार से भारी बारिश हो रही है. मौसम विभाग ने मंगलवार को मलप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड, कासरगोड और कन्नूर जिलों में रेड अलर्ट की घोषणा की गई है. भारी बारिश ही वायनाड में भूस्‍खलन की वजह बनी. लगातार हुई भारी बारिश के बार आए भूस्‍खलन में मकान और गाडि़यां किसी कागज की नाव की तरह बह गईं. भारी बारिश के दौरान रात करीब एक बजे मुंडक्कई कस्बे में पहला भूस्खलन हुआ. जब बचाव अभियान जारी था, तभी सुबह करीब 4 बजे चूरलमाला स्कूल के पास दूसरा भूस्खलन हुआ. यहां एक शिविर के रूप में काम कर रहे स्कूल और आस-पास के घरों और दुकानों में पानी और कीचड़ भर गया. मौसम विभाग ने वायनाड समेट 4 जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, ऐसे में लोगों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. 

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बह कर पेड़ों की टहनियों में फंसी कारें 

कल तक अपने मनोरम दृश्यों के लिए मशहूर मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांवों की अब भूस्खलन की चपेट में आने के बाद तस्वीर आज बदल गई है. अन्य हिस्सों से इन इलाकों में रहने वाले लोगों का संपर्क टूट गया है. भूस्‍खलन के बाद तबाही का मंजर बता रहा है कि उस समय क्‍या स्थिति रही होगी. बाढ़ के पानी में बहे वाहनों को कई स्थानों पर पेड़ों की टहनियों में फंसे और यहां-वहां डूबे हुए देखा जा सकता है. उफनती नदियों ने अपना मार्ग बदल लिया है और वे रिहायशी इलाकों में बह रही हैं, जिससे हालात और खराब हो गए हैं. बताया जा रहा है कि भूस्खलन रात करीब 2 बजे हुआ और इलाका पूरी तरह से कट गया. वायनाड जिला प्राधिकारियों के अनुसार, एक बच्चे समेत चार लोगों की मौत चूरलमाला शहर में हुई, जबकि थोंडरनाड गांव में एक नेपाली परिवार के एक वर्षीय बच्चे की जान जाने की खबर है. इसके अलावा, पांच वर्षीय बच्चे समेत तीन लोगों के शव पोथुकल गांव के पास एक नदी के किनारे से बरामद किए गए हैं. अधिकारियों के मुताबिक, भूस्खलन प्रभावित इलाकों में मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांव शामिल हैं.

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 400 परिवार अलग-थलग पड़े

केरल के मुख्य सचिव वी. वेणु ने स्थानीय मीडिया को बताया, "रात करीब 2 बजे, कम से कम दो से तीन बार भूस्खलन हुआ. इस समय, कुछ प्रभावित इलाके कट गए हैं. मौसम भी प्रतिकूल है, इसलिए एनडीआरएफ की टीमें इनमें से कुछ प्रभावित इलाकों में नहीं जा पा रही हैं. सभी लोग अलर्ट पर हैं. हम समन्वित तरीके से बचाव कार्य करेंगे. हम अभी भी पता लगा रहे हैं कि कितने लोग फंसे हुए हैं. बचाव कार्य सुनिश्चित करने के लिए लोगों को एयरलिफ्ट करने सहित सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है." स्थानीय लोग और पेशेवर बचाव ऑपरेटरों की एक टीम इलाके में लोगों का पता लगाने में लगी हुई है, जो दो हिस्सों में बंट गया है और करीब 400 परिवार अलग-थलग पड़ गए हैं.

कितना नुकसान हुआ, पर्यटकों भी फंसे ?

इस बीच, अट्टामाला, जिसमें अच्छी संख्या में होमस्टे हैं, बुरी तरह प्रभावित हुआ है और बचाव अभियान शुरू हो गया है और पर्यटकों के फंसने की खबरें हैं. घटनास्थल पर पहुंचे राज्य के वन मंत्री ए.के. ससीन्द्रन ने कहा कि नुकसान का आकलन करना अभी जल्दबाजी होगी. ससीन्द्रन ने कहा, "कम से कम 53 लोग यहां एक अस्पताल में भर्ती हैं और छह शव भी हैं. दूसरे अस्पताल में 13 लोग घायल हैं, जिन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है और वहां भी छह हैं. हमने बचाव अभियान शुरू कर दिया है और हेलीकॉप्टरों के आने का इंतजार कर रहे हैं. जल्द ही एक नया रोपवे बनाया जाएगा और सेना एक अस्थायी पुल भी बनाएगी, ताकि पुल के बह जाने के बाद फंसे लोगों को बचाया जा सके." 

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PM मोदी ने जताया दुख, किया मुआवजे का ऐलान

वायनाड भूस्खलन में 54 लोगों की मौत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है. इसके साथ ही उन्होंने मृतक परिजनों को दो लाख और घायलों को 50-50 हजार की सहायता राशि देने का ऐलान किया है. पीएम मोदी ने एक्स पोस्ट में लिखा, "वायनाड के कुछ हिस्सों में भूस्खलन से व्यथित हूं. मेरी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है. घायल लोगों के लिए जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं. सभी प्रभावित लोगों की सहायता के लिए बचाव अभियान फिलहाल चल रहा है. केरल के सीएम पिनराई विजयन से बात की और वहां की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया."

अभी मुश्किलें थमी नहीं...

केरल के कुछ जिलों के लोगों की मुश्किलें आने वाले कुछ दिनों में और बढ़ सकती हैं. दरअसल, भारी बारिश के कारण बाणासुरसागर बांध का जलस्‍तर काफी बढ़ गया है. ऐसे में नदियों के बढ़ते जल स्तर पर पनामाराम पूझा, करमनथोड नदी और कबानी नदी सहित नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क कर दिया गया है. बांध से पानी 8.5 क्यूसेक (घन मीटर प्रति सेकंड) की गति से करमनथोडु तक छोड़ा जाएगा. कल रात बांध का जलस्तर बांध के नियम स्तर 773.5 मीटर को पार कर गया था. बांध से कुल 35 घन मीटर पानी छोड़ा जाएगा.

(भाषा इनपुट के साथ...)

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