नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को दुनिया के उन महत्वपूर्ण नेताओं में शामिल हो गए, जिनकी मोम की प्रतिमा मैडम तुसाद के सिंगापुर, हांगकांग और बैंकॉक के संग्रहालय में लगी हैं।
पीएम मोदी की मोम की प्रतिमा को सोमवार को उनके 7, रेसकोर्स रोड आवास पर दिखाया गया था। यह प्रतिमा लंदन में मैडम तुसाद के मुख्यालय में लगेगी और लोग इसे 28 अप्रैल को देख सकेंगे। प्रतिमा में मोदी को हाथ जोड़कर 'नमस्ते' करते दिखाया गया है, जो उजला कुर्ता और क्रीम रंग की जैकेट में हैं।
मैडम तुसाद की तरफ से लगाए गए एक वीडियो में पीएम मोदी कह रहे हैं, 'मैं क्या कह सकता हूं? जहां तक कला की बात है तो मैडम तुसाद की टीम जो करती है, वह अद्भुत है। भगवान ब्रह्मा जो करते हैं, वही सामान्यत: कलाकार करते हैं। आज मुझे लोगों के मुख्य सेवक के तौर पर अपनी मोम की प्रतिमा से मिलने का अवसर मिला।'
1,50,000 पौंड का खर्च
चारों प्रतिमाओं को बनाने में विश्व प्रसिद्ध संग्रहालय के कलाकारों की टीम को चार महीने का समय लगा और इस पर 1,50,000 पौंड का खर्च आया। वीडियो तब रिकार्ड किया गया जब उन्हें यह दिखाया गया था। इसमें प्रधानमंत्री करीब से प्रतिमा को देखते हुए नजर आते हैं।
20 शहरों में हैं मैडम तुसाद के मोम संग्रहालय की शाखाएं
मैडम तुसाद के मोम संग्रहालय की स्थापना 1836 में हुई थी और दुनिया भर के 20 शहरों में इसकी शाखाएं है। संग्रहालय के अधिकारियों ने मार्च में मोदी की कद काठी का विवरण और उनकी तस्वीरें ली थी जब उन लोगों ने यहां उनके आवास का दौरा किया।
लंदन में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन, जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वां ओलांद जैसे विश्व के नेताओं के साथ उनकी प्रतिमा 28 अप्रैल को शामिल होगी। संग्रहालय में महात्मा गांधी और विंस्टन चर्चिल की भी इस तरह की प्रतिमा है। मैडम तुसाद के महाप्रबंधक एडवर्ड फुलेर ने कहा, 'मैडम तुसाद लंदन में वैश्विक मंच पर मोदी का स्वागत करते हुए हम खुश होंगे।'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
पीएम मोदी की मोम की प्रतिमा को सोमवार को उनके 7, रेसकोर्स रोड आवास पर दिखाया गया था। यह प्रतिमा लंदन में मैडम तुसाद के मुख्यालय में लगेगी और लोग इसे 28 अप्रैल को देख सकेंगे। प्रतिमा में मोदी को हाथ जोड़कर 'नमस्ते' करते दिखाया गया है, जो उजला कुर्ता और क्रीम रंग की जैकेट में हैं।
मैडम तुसाद की तरफ से लगाए गए एक वीडियो में पीएम मोदी कह रहे हैं, 'मैं क्या कह सकता हूं? जहां तक कला की बात है तो मैडम तुसाद की टीम जो करती है, वह अद्भुत है। भगवान ब्रह्मा जो करते हैं, वही सामान्यत: कलाकार करते हैं। आज मुझे लोगों के मुख्य सेवक के तौर पर अपनी मोम की प्रतिमा से मिलने का अवसर मिला।'
1,50,000 पौंड का खर्च
चारों प्रतिमाओं को बनाने में विश्व प्रसिद्ध संग्रहालय के कलाकारों की टीम को चार महीने का समय लगा और इस पर 1,50,000 पौंड का खर्च आया। वीडियो तब रिकार्ड किया गया जब उन्हें यह दिखाया गया था। इसमें प्रधानमंत्री करीब से प्रतिमा को देखते हुए नजर आते हैं।
20 शहरों में हैं मैडम तुसाद के मोम संग्रहालय की शाखाएं
मैडम तुसाद के मोम संग्रहालय की स्थापना 1836 में हुई थी और दुनिया भर के 20 शहरों में इसकी शाखाएं है। संग्रहालय के अधिकारियों ने मार्च में मोदी की कद काठी का विवरण और उनकी तस्वीरें ली थी जब उन लोगों ने यहां उनके आवास का दौरा किया।
लंदन में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन, जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वां ओलांद जैसे विश्व के नेताओं के साथ उनकी प्रतिमा 28 अप्रैल को शामिल होगी। संग्रहालय में महात्मा गांधी और विंस्टन चर्चिल की भी इस तरह की प्रतिमा है। मैडम तुसाद के महाप्रबंधक एडवर्ड फुलेर ने कहा, 'मैडम तुसाद लंदन में वैश्विक मंच पर मोदी का स्वागत करते हुए हम खुश होंगे।'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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