"...भारत में नहीं था" : कोर्ट में अपनी ताजा अपील में बोले पूर्व WFI प्रमुख बृज भूषण

बृज भूषण पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है, जिसका पिछले साल देश के शीर्ष पहलवानों ने विरोध किया था.

12 वर्षों तक भारतीय कुश्ती महासंघ का नेतृत्व करने के बाद बृज भूषण ने पिछले साल के अंत में पद छोड़ दिया था.

नई दिल्ली:

दिल्ली की एक अदालत ने महिला पहलवानों द्वारा दायर यौन उत्पीड़न मामले में बीजेपी सांसद और पूर्व कुश्ती निकाय प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ आरोप तय करने पर अपना आदेश टाल दिया है. बृज भूषण ने मामले में आगे दलीलें देने के लिए राउज एवेन्यू कोर्ट में एक नई अर्जी दायर की थी. अपनी अपील में उन्होंने दावा किया कि जब एक शिकायतकर्ता को कथित तौर पर परेशान किया गया तो वह भारत में नहीं थे.

अभियोजन पक्ष ने इसे देरी की रणनीति बताया और आवेदन का विरोध किया है. दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रहे सहायक लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि आवेदन देर से दायर किया गया है और आगे की जांच की मांग की गई है. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने इसके बाद आदेश को स्थगित कर दिया और इसे 26 अप्रैल के लिए सुरक्षित रख लिया है. 

बृज भूषण पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है, जिसका पिछले साल देश के शीर्ष पहलवानों ने विरोध किया था. उन्होंने आरोपों से इनकार किया था, लेकिन जनवरी में दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि बृज भूषण और उनके सह-आरोपी, भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त "प्रथम दृष्टया" सबूत हैं. 

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

12 वर्षों तक भारतीय कुश्ती महासंघ का नेतृत्व करने के बाद उन्होंने पिछले साल के अंत में पद छोड़ दिया था. दिसंबर में हुए ताज़ा WFI चुनावों में बृजभूषण के सहयोगी संजय सिंह को शीर्ष पद के लिए चुना गया था. भाजपा ने छह बार के सांसद रहे बृजभूषण को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार नहीं बनाया.