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क्या ममता बनर्जी के बयान से भड़की मुर्शिदाबाद हिंसा? अमित मालवीय ने वीडियो पोस्ट कर उठाए सवाल

Murshidabad violence: पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून का विरोध जारी है. इस बीच सीएम ममता बनर्जी का एक वीडियो बयान सोशल मीडिया पर पोस्ट कर भाजपा नेता अमित मालवीय ने लिखा कि मुर्शिदाबाद की हिंसा राज्य प्रायोजित है.

क्या ममता बनर्जी के बयान से भड़की मुर्शिदाबाद हिंसा? अमित मालवीय ने वीडियो पोस्ट कर उठाए सवाल
बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी.

Waqf Law Protest in Bengal: वक्फ कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हुए हिंसक प्रदर्शन को लेकर भाजपा TMC पर हमलावर है. इस बीच BJP IT सेल के हेड अमित मालवीय ने सोशल मीडिया मंच पर दो पोस्ट करते हुए इस मामले में ममता बनर्जी सरकार पर हमला बोला है. अमित मालवीय ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर दो पोस्ट किए. इसमें एक पोस्ट में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का वीडियो बयान है तो दूसरे में कोलकाता के मेयर और ममता सरकार के पूर्व मंत्री फिरहाद हकीम का बयान है. 

बंगाल की हिंसा पूर्व नियोजित और राज्य प्रोयाजितः अमित मालवीय

ममता बनर्जी का वीडियो बयान पोस्ट करते हुए अमित मालवीय ने लिखा, "पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक हिंसा पूर्व नियोजित और राज्य प्रायोजित है. 18 फरवरी, 2025 को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में बोलते हुए एक खास धार्मिक समूह को सीधे तौर पर विरोध-प्रदर्शन के लिए उकसाया." अमित मालवीय ने लिखा- ममता बनर्जी ने बेहद गैरजिम्मेदाराना और भड़काऊ टिप्पणी में कहा, “अगर वे आंदोलन का आह्वान करते हैं, तो क्या आप खुद को नियंत्रित कर पाएंगे?”

भाजपा नेता ने बताया कि यह बयान सीधे तौर पर उकसावे के समान था, जिससे हिंसक विरोध को बढ़ावा मिला, जिससे आम नागरिकों को नुकसान और व्यापक व्यवधान हो सकता था. ममता बनर्जी के नेतृत्व में ही पश्चिम बंगाल में इस तरह की अशांति और विनाश फैलने लगा है.

कोलकाता मेयर फिरहाद हकीम का वीडियो पोस्ट कर भी उठाए सवाल

अपने दूसरे पोस्ट में अमित मालवीय ने कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम का एक बयान शेयर किया है. जिसमें फिरहाद हकीम मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद वहां से हो रहे पलायन को उचित ठहरा रहे हैं. अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- यह किसी विडंबना से कम नहीं है कि सांप्रदायिक और भड़काऊ बयानबाजी के लिए चर्चित फिरहाद हकीम कोलकाता के मेयर हैं. 

सुभाष चंद्र बोस, देशबंधु चित्तरंजन दास जैसे दिग्गज लोग जिस कोलकाता में कभी मेयर थे, उसी पद फिरहाद हकीम का काबिज होना  परिष्कृत भद्रलोक संवेदनाओं के क्षरण का प्रतीक है. 

कश्मीरी हिंदूओं की तरह मुर्शिदाबाद से पलायन:अमित मालवीय

अमित मालवीय ने लिखा कि यह चिंताजनक है कि वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री और ममता बनर्जी के भरोसेमंद फिरहाद हकीम मुर्शिदाबाद से हिंदुओं के विस्थापन को न केवल उचित ठहरा रहे हैं, बल्कि उस पर संतोष भी व्यक्त कर रहे हैं. भाजपा नेता ने मुर्शिदाबाद से हो रहे पलायन को कश्मीरी पंडितों के पलायन से जोड़ते हुए लिखा कि बंगाली हिंदू कश्मीरी पंडितों की तरह अपनी ही मातृभूमि में शरणार्थी बनकर रह गए हैं, जिन्हें धार्मिक उत्पीड़न से बचने के लिए कश्मीर से भागकर जम्मू और शेष भारत में शरण लेनी पड़ी थी.

बंगाल में इस्लामीकरण की दिशा में गहरा धक्का

फिर उन्होंने फिहाद हकीम के उस विवाद का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कोलकाता के एक हिस्से को “मिनी पाकिस्तान” कहा था. अमित मालवीय ने आगे लिखा कि अगर ममता बनर्जी अपनी चुप्पी जारी रखती हैं, तो वह एक ऐसे व्यक्ति को सशक्त बनाने का जोखिम उठाती हैं, जिसकी वैचारिक महत्वाकांक्षाएं अंततः उनके नेतृत्व को चुनौती दे सकती हैं और बंगाल के इस्लामीकरण की दिशा में एक गहरा धक्का दे सकती हैं.

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