
वक़्फ़ बिल को लेकर सस्पेंस मंगलवार को ख़त्म हो गया. बुधवार को लोकसभा में वक़्फ़ संशोधन बिल पर चर्चा होगी. इसके लिए 8 घंटे का समय तय किया गया है. बीजेपी और कांग्रेस ने अपने सभी सांसदों को सदन में उपस्थित रहने को लेकर व्हिप जारी कर दिया है.
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की अध्यक्षता में हुई कार्य मंत्रणा समिति यानि BAC की बैठक में तय हुआ कि,
- बुधवार को लोकसभा में वक़्फ संशोधन बिल पर चर्चा होगी
- चर्चा के लिए आठ घंटे का समय तय किया गया है
हालांकि विपक्षी सांसदों ने चर्चा के लिए 12 घंटे का समय आवंटित करने की मांग की थी. विपक्ष की ये मांग ठुकरा दी गई, जिसके बाद इन सदस्यों ने वॉकआउट किया.


जेडीयू, टीडीपी और एलजेपी बिल के समर्थन में हैं. इन दलों को पहले बिल के कुछ बिंदुओं पर आपत्ति थी. टीडीपी ने अब वक़्फ़ बिल का समर्थन करने को लेकर अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है.
जेपीसी ने बिल में जिन बदलावों की सिफ़ारिश की उनमें कई बदलाव सहयोगी दलों की ओर सुझाए गए थे. बदलावों के बाद सहयोगी दलों की आपत्ति दूर कर ली गई हैं.
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- लोकसभा में एनडीए के पास 293 सांसदों का समर्थन हैं
- जबकि बहुमत के लिए 272 का आंकड़ा चाहिए
- इसी तरह राज्यसभा में एनडीए के पास 119 का आंकड़ा मौजूद है
- जबकि बहुमत के लिए 118 सांसदों का समर्थन चाहिए
- फ़िलहाल हाशिए पर बैठे बीजेडी , बीआरएस और वाईएसआर कांग्रेस का स्टैंड अभी नहीं पता है.

समाजवादी पार्टी ने व्हिप जारी किया है. लोकसभा में सपा के मुख्य सचेतक धर्मेंद्र यादव के हस्ताक्षर से जारी व्हिप पत्र में बुधवार को लोकसभा में वक़्फ़ संशोधन विधेयक को लेकर सभी सांसदों से मौजूद रहने को कहा गया है.
संख्या बल में कमज़ोरी को भांपते हुए कांग्रेस सांसद और जेपीसी के सदस्य इमरान मसूद ने ऐलान कर दिया कि बिल पारित होने के बाद इसे अदालत में चुनौती दी जाएगी.
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विपक्ष ने अपनी रणनीति तय करने के लिए मंगलवार शाम बैठक की. इसमें इंडिया गठबंधन के सभी घटक दलों के नेता शरीक हुए. बुधवार सुबह कांग्रेस के लोकसभा सदस्यों की भी बैठक बुलाई गई है, जिसे राहुल गांधी संबंधित करेंगे.
लोकसभा में बिल का विरोध करेगी कांग्रेस
बिल को लेकर कांग्रेस का कहना है कि पार्टी का जो रुख पहले था वही आज भी है. सदन में इस बिल का विरोध किया जाएगा, क्योंकि इस बिल के माध्यम से एनडीए सरकार की बांटने की कोशिश है. कांग्रेस के सदस्यों ने जेपीसी में जो विचार व्यक्त किए हैं, वही विचार आज भी है. इस बिल को लाकर सिर्फ बांटने का प्रयास किया जा रहा है. भाजपा की सरकार हमेशा ही ऐसा करती है. इसका एक स्टेप वक्फ संशोधन बिल है. कांग्रेस हमेशा से 'अल्पसंख्यकों' के साथ रही है.
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