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This Article is From Oct 25, 2023

Wanaparthy Election Results 2023: जानें, वनपार्थी (तेलंगाना) विधानसभा क्षेत्र को

वनपार्थी विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 228069 वोटर हुआ करते थे, जिन्होंने 111956 वोट देकर तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के उम्मीदवार सिंगीरेड्डी निरंजन रेड्डी को जिताया था, जबकि 60271 वोट पा सके कांग्रेस के प्रत्याशी चिन्ना रेड्डी गिलेला 51685 वोटों से चुनाव हार गए थे.

Wanaparthy Election Results 2023: जानें, वनपार्थी (तेलंगाना) विधानसभा क्षेत्र को
तेलंगाना राज्य में एक ही चरण में 30 नवंबर को मतदान करवाया जाएगा, और मतगणना, यानी चुनाव परिणाम (Election Results) 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

देश के दक्षिणी हिस्से में बसे तेलंगाना (Telangana Assembly Elections 2023) राज्य में वानपर्ति जिले के भीतर वनपार्थी विधानसभा क्षेत्र आता है, जो अनारक्षित है. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट पर कुल 228069 मतदाता थे, और जिन्होंने पिछले चुनाव में तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के उम्मीदवार सिंगीरेड्डी निरंजन रेड्डी को 111956 वोट देकर जिताया था, और विधायक बनाया था, जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार चिन्ना रेड्डी गिलेला को 60271 मतदाताओं का भरोसा मिल सका था, और वह 51685 वोटों से चुनाव में पराजित हो गए थे.

वर्ष 2014 की 2 जून को नए तेलंगाना राज्य का गठन हुआ, लेकिन वहां पहली बार विधानसभा चुनाव वर्ष 2018 में हुए थे. विधानसभा चुनाव 2018 में तेलंगाना राष्ट्र समिति (जो अब भारत राष्ट्र समिति (BRS) के नाम से जानी जाती है) को 88 सीटों पर जीत मिली थी, और 119 सदस्यों वाली विधानसभा में TRS को प्रचंड बहुमत प्राप्त हुआ था. कांग्रेस पार्टी को महज़ 19 सीटों पर कामयाबी हासिल हो सकी थी. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) को सात सीटों पर, तेलुगूदेशम पार्टी (TDP) को दो सीटों पर, भारतीय जनता पार्टी (BJP) तथा ऑल इंडिया फ़ॉरवर्ड ब्लॉक (AIFB) को एक-एक विधानसभा सीट पर जीत हासिल हुई थी. इस विधानसभा चुनाव में TRS को 46.87 फ़ीसदी वोट मिले थे, जबकि प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस को 28.43 फ़ीसदी और भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों को 6.98 फ़ीसदी वोट मिल सके थे.

अलग राज्य के रूप में तेलंगाना (Telangana) के गठन से पहले यह आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) राज्य का हिस्सा हुआ करता था. दरअसल, वर्ष 2014 में अलग राज्य के गठन से कुछ ही वक्त पहले आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए थे, जिनमें TRS के 63 प्रत्याशी चुनाव जीतकर विधायक बने थे. नए राज्य के गठन के बाद भी तेलंगाना की 119-सदस्यीय विधानसभा में सरकार बनाने के लिए ज़रूरी आंकड़ा TRS के पास था, सो, इसी आधार पर TRS प्रमुख के. चंद्रशेखर राव (KCR) तेलंगाना के पहले मुख्यमंत्री बने थे.

गौरतलब है कि तेलंगाना के गठन के बाद से ही के. चंद्रशेखर राव सूबे के मुख्यमंत्री हैं, और कांग्रेस राज्य में प्रमुख विपक्षी दल है. तेलंगाना राज्य की 119 विधानसभा सीटों में 88 सीटें सामान्य उम्मीदवारों के लिए हैं, यानी अनारक्षित हैं, जबकि राज्य की 19 सीटें अनुसूचित जातियों (SC) के प्रत्याशियों के लिए तथा 12 विधानसभा सीटें अनुसूचित जनजाति (ST) उम्मीदवारों के लिए आरक्षित रखी गई हैं. तेलंगाना भौगोलिक दृष्टि से उत्तरी दिशा में महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़, पश्चिमी दिशा में कर्नाटक तथा दक्षिणी और पूर्वी दिशाओं में आंध्र प्रदेश से घिरा हुआ है.

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