नई दिल्ली:
एनडीटीवी के खास साप्ताहिक कार्यक्रम 'वॉक द टॉक' में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इशरत जहां मामले में अपनी सरकार के रुख को एक बार फिर दोहराया। इस कार्यक्रम में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम करने के स्टाइल और बीजेपी सरकार की पिछले दो साल की उपलब्धियों पर बात की।
कार्यक्रम में राजनाथ ने कही ये बातें...
अन्य पार्टियों के लोगों को राष्ट्रद्रोही ठहराने के मुद्दे पर
पिछली सरकार से मिली विरासत पर
इशरत जहां और बाटला हाउस मामले पर
एनआईए के मामले पर
पीएम मोदी और एलके आडवाणी के काम करने के स्टाइल पर
कार्यक्रम में राजनाथ ने कही ये बातें...
- मुझे लगता है जो व्यक्ति देश का गृह मंत्री हो उसे कम बोलना चाहिए।
- मैं तभी बोलता हूं जब जरूरी हो। किसी भी विषय पर बोलते समय जरूरी ऐहतियात बरतता हूं, खासकर अगर उस मामले की जांच चल रही हो तो।
- देश की सुरक्षा से संबंधित कुछ संवेदनशील सवाल हैं और मुझे लगता है कि गृहमंत्री को कुछ भी बोलने से पहले जरूरी ऐहतियात बरतनी चाहिए।
अन्य पार्टियों के लोगों को राष्ट्रद्रोही ठहराने के मुद्दे पर
- हम किसी को राष्ट्रद्रोही नहीं कह सकते, कोई भी व्यक्ति जिसका जन्म भारत में हुआ हो उसे देशद्रोही नहीं कहा जा सकता।
पिछली सरकार से मिली विरासत पर
- सुरक्षा के क्षेत्र में कई बड़ी चुनौतियां हैं, जिन्हें मंत्री बनने के बाद मैंने समझा।
- मैं पिछली सरकार और उन्होंने अपने समय में क्या किया, इस पर बात नहीं करूंगा।
- हर सरकार कुछ अलग करना चाहती है।
- कई बार ऐसे मौके भी आते हैं, जब हम कोशिश करते हैं, लेकिन सफल नहीं हो पाते।
इशरत जहां और बाटला हाउस मामले पर
- जहां तक इशरत जहां का मामला है, इस बारे में मैं अपनी बात संसद में रख चुका हूं और मैंने बताया था कि केस से जुड़ी कुछ फाइलें गायब हैं।
- मैंने इस मामले में एक कमेटी गठित की और वे मामले की जांच कर रहे हैं।
- मुझे नहीं लगता कि यह फर्जी मुठभेड़ थी और आप यह तो जानते ही हैं कि मामला कोर्ट में भी गया था। कोर्ट ने इस मामले में अपनी राय दी थी।
- यह पहली बार है जब खुफिया ब्यूरो और सीबीआई आमने-सामने हैं और यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है।
एनआईए के मामले पर
- एनआईए एक स्वायत्त संस्था है। हमारी सरकार बनने के बाद मैंने कोशिश की है कि एजेंसी को अधिकत्तम स्वायतता दी जाए।
- अगर उन्हें कोई कानूनी सलाह चाहिए होती है तो वे अब सीधे कानून मंत्रालय के पास जा सकते हैं। इसके लिए उन्हें मेरे पास आने की कोई जरूरत नहीं है।
पीएम मोदी और एलके आडवाणी के काम करने के स्टाइल पर
- हर किसी के काम करने का तरीका अलग होता है। हमारे प्रधानमंत्री ने पिछले दो साल में जो कुछ किया है उसके लिए उन्हें श्रेय दिया जाना चाहिए।
- कोई भी यह मानने को तैयार ही नहीं था कि हमारी अर्थव्यवस्था गति हासिल कर सकती है। आज हालात बिल्कुल अलग हैं।
- पिछली सरकार पर भ्रष्टाचार के बड़े आरोप थे। हमारी सरकार पर कोई आरोप नहीं है।
- अब दुनिया मानती है कि भारत तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है।
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