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This Article is From Aug 15, 2018

वियना दुनिया का सबसे रहने लायक शहर, जानें दिल्‍ली और मुंबई कौन से पायदान पर

इकनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (ईयूआई) की रिपोर्ट के अनुसार, दस शीर्ष शहरों में वियना, मेलबर्न, ओसाका, कैलगरी, सिडनी, वैंकूवर, तोक्यो, टोरंटो, कोपेनहेगन और एडिलेड शामिल हैं

वियना दुनिया का सबसे रहने लायक शहर, जानें दिल्‍ली और मुंबई कौन से पायदान पर
दुनिया के रहने लायक शहरों की सूची में भारत समेत दक्षिणी एशियाई देशों का प्रदर्शन बहुत निराशाजनक रहा
नई दिल्ली: इकनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (ईयूआई) की रिपोर्ट के अनुसार, दस शीर्ष शहरों में वियना, मेलबर्न, ओसाका, कैलगरी, सिडनी, वैंकूवर, तोक्यो, टोरंटो, कोपेनहेगन और एडिलेड शामिल हैं. यह पहली बार है कि जब किसी यूरोपीय शहर को पहली बार रैंकिंग में शीर्ष पर रखा गया है.शहरों की रैकिंग राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता, अपराध, शिक्षा और स्वास्थ्यसेवा तक पहुंच समेत कई कारकों के आधार पर की गयी है.  ईयूआई के मुख्य अर्थशास्त्री औरएशिया के प्रबंध निदेशक सिमॉन बापतिस्त ने कहा, "सूचकांक में दक्षिण एशियाई शहरों का प्रदर्शन खराब रहा. 6 शहरों में हमने दिल्ली (112) को शीर्ष पर और उसके बाद मुंबई (117) को रखा है.    

वहीं आवास एवं शहरी मामलों के राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शहरी क्षेत्रों में सुगमतापूर्ण जीवन की दशा से जुड़े 'जीवन सुगमता सूचकांक' जारी किए थे. इसमें पुणे अव्वल रहा है. नवी मुंबई को दूसरा तथा ग्रेटर मुंबई को तीसरा स्थान मिला. अन्य प्रमुख महानगरों में चेन्नई को 14वां स्थान और दिल्ली को 65वां स्थान प्राप्त हुआ था. कोलकाता ने इसमें हिस्सा नहीं लिया था .

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आवास एवं शहरी मामलों के राज्यमंत्री हरदीप पुरी ने कहा था कि जीवन सुगमता सूचकांक चार मानदंडों-शासन, सामाजिक संस्थाओं, आर्थिक एवं भौतिक अवसंरचना श्रेणियों में कुल 20 मानकों पर आधारित है. सूचकांक के अन्य मानकों प्रशासनिक सहूलियतें, आधारभूत ढांचागत सुविधायें, सामाजिक एवं आर्थिक सुविधाओं के मामले में भी नई दिल्ली शीर्ष दस शहरों की सूची में जगह नहीं बना पाई है.

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सूचकांक में सिर्फ सार्वजनिक खुले इलाके (पब्लिक ओपन स्पेस) के मामले में दिल्ली पहले स्थान पर रही, जबकि स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में सबसे पीछे अर्थात 111वें स्थान पर, अर्थ एवं रोजगार के मामले में 109वें, शिक्षा और प्रदूषण कम करने के मामले में 100वें, बिजली आपूर्ति के मामले में 101वें, सुरक्षा के मामले में 65वें, जलापूर्ति के मामले में 57वें, ठोस कचरा प्रबंधन के मामले में 50वें और उपयोग में लाए जा चुके पानी के प्रबंधन के मामले में 25वें स्थान पर रही.

हरदीप पुरी ने बताया कि जून 2017 में 1.12 करोड़ की आबादी वाले नई दिल्ली सहित 116 शहरों को शामिल करते हुए इस सूचकांक को तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी. बता दें कि नई दिल्ली के प्रदर्शन में शहर के सभी पांचों स्थानीय निकायों का समग्र प्रदर्शन शामिल है. सूचकांक में पश्चिम बंगाल के चार शहर हावड़ा, न्यू टाउन कोलकाता और दुर्गापुर ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा ही नहीं लिया, जबकि छत्तीसगढ़ का नया रायपुर और आंध्र प्रदेश के अमरावती को मानकों के अनुरूप नहीं पाए जाने पर प्रतियोगिता में शामिल नहीं किया गया. वहीं, गुरुग्राम को इसमें बाद में शामिल किए जाने के बाद प्रतियोगिता में कुल 111 शहरों ने हिस्सेदारी की.

सुगमतापूर्ण जीवन के मामले में शीर्ष दस शहरों में पुणे, नवी मुंबई और ग्रेटर मुंबई के अलावा तिरुपति, चंडीगढ़, ठाणे, रायपुर, इंदौर, विजयवाड़ा और भोपाल का स्थान आता है. जबकि सबसे पीछे के पांच शहरों में उत्तर प्रदेश का रामपुर शहर सबसे निचले पायदान पर है, उससे पहले कोहिमा 110वें, पटना 109वें, बिहार शरीफ 108वें और भागलपुर 107वें स्थान पर रहा. वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी शहर सूचकांक में 33वें स्थान पर है. (इनपुट भाषा से)


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