तृणमूल कांग्रेस की मुखिया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने उप-राष्ट्रपति चुनाव(vice presidential election) में मतदान से दूर रहने की घोषणा की है. ममता बनर्जी के इस फैसले से विपक्षी दल सोच में पड़ गए हैं. टीएमसी के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि एनडीए के उप-राष्ट्रपति उम्मीदवार जगदीप धनखड़ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के तौर पर पक्षपाती औऱ राजनीतिक रूप से प्रेरित रहे हैं.
अभिषेक बनर्जी ने कहा कि हम वैसे भी जगदीप घनखड़ का समर्थन नहीं करेंगे. उन्होंने साथ ही कहा कि टीएमसी की बैठक में अधिकांश सांसदों ने ये फैसला किया कि जिस तरह से उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्षी उम्मीदवार का चयन किया गया है वो उचित नहीं है. इसीलिए हम इस चुनाव में वोटिंग से अलग रहेंगे.
टीएमसी की लोकसभा और राज्यसभा के 33 सांसदों की गुरुवार को बैठक हुई. इसमें सांसदों का कहना था कि उपराष्ट्रपति के लिए विपक्ष के उम्मीदवार के तौर पर मार्गेट अल्वा का चयन करते समय टीएमसी की अनदेखी की गई.
बता दें कि विपक्ष की उपराष्ट्रपति उम्मीदवार मार्गेट अल्वा ने जब नामांकन दाखिल किया था, उस वक्त भी टीएमसी की तरफ से वहां कोई नहीं था.
गौरतलब है कि 2019 में पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनने के बाद से लगातार जगदीप धनखड़ और ममता बनर्जी सरकार के बीत तनातनी की खबरें सुर्खियों में रही हैं.
उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 19 जुलाई है. वहीं मतदान 6 अगस्त को होगा.
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