आगामी 10 तारीख से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के लिए लोगों के जबरदस्त उत्साह को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने बुधवार को अतिविशिष्ट व्यक्तियों से शुरुआती 15 दिनों के दौरान यात्रा पर न आने का अनुरोध किया ताकि आम श्रद्धालुओं को दर्शनों में किसी प्रकार की परेशानी न हो.
प्रदेश की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस संबंध में सभी प्रदेशों और संघ शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को एक पत्र लिखा है. पत्र में रतूड़ी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश में चार धामों के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और इस साल भी शुरुआती 15 दिनों में ही 10 लाख से ज्यादा तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद है.
उन्होंने कहा, ‘‘श्रद्धालुओं के अप्रत्याशित संख्या में आने की संभावना को देखते हुए यह अनुरोध किया जाता है कि गणमान्य व्यक्ति और प्रदेशों के अधिकारी 10 मई से 25 मई की अवधि के दौरान धामों की अपनी यात्रा को टाल दें.''
चार धामों के नाम से प्रसिद्ध गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम की यात्रा 10 मई से शुरू हो रही है. गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ के कपाट जहां अक्षय तृतीया के दिन 10 मई को खुलेंगे, वहीं बदरीनाथ के कपाट 12 मई को खुलेंगे.
यात्रा शुरू होने से पहले ही देश भर के श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है और अब तक चारधाम वेब पोर्टल, मोबाइल एप और व्हाटसएप के जरिए 17.88 लाख लोग अपना पंजीकरण करवा चुके हैं.
गढ़वाल के आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने बताया कि चारधाम यात्रा को लेकर राज्य सरकार के स्तर से पुख्ता तैयारियां की जा रही हैं, जिसकी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी नियमित रूप से समीक्षा कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि धामों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाओं में किसी भी तरह की कालाबाजारी एवं ठगी जैसी घटनाओं को रोकने के लिए इस बार केवल आईआरसीटीसी की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से टिकट बुकिंग की व्यवस्था की गई है. उन्होंने श्रद्धालुओं से इसी के माध्यम से टिकट बुक करने का अनुरोध किया.
गढ़वाल आयुक्त ने कहा कि इस बार पहले की तुलना में श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं में बढ़ोतरी की गई है. उन्होंने कहा कि पिछले साल केदारनाथ यात्रा मार्ग पर नौ स्थानों पर वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था थी जबकि अब 20 जगहों पर पार्किंग की जा सकेगी.
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