उत्तराखंड में एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगढ़ जल विद्युत परियोजना स्थल से शनिवार को तीन और शव बरामद किए गए, जिससे राज्य में सात फरवरी को ग्लेशियर फटने से आई आपदा में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 65 हो गई. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. एनडीआरएफ के कमांडेंट पी के तिवारी ने बताया कि शनिवार को तपोवन परियोजना बैराज के पास गाद निकालने वाले टैंक से ये शव बरामद किए गए. चमोली जिले में ऋषिगंगा नदी पर ग्लेशियर के फटने से हुए हिमस्खलन और भारी बाढ़ की चपेट में आने से कई लोग लापता हो गए थे.
13 दिनों से अधिक समय से परियोजना स्थल पर तलाशी अभियान युद्ध स्तर पर जारी है. हिमस्खलन में 13.2 मेगावाट की ऋषिगंगा जल विद्युत परियोजना पूरी तरह से ध्वस्त हो गई, जबकि तपोवन-विष्णुगढ़ जल विद्युत परियोजना को व्यापक क्षति हुई. तीन और शवों की बरामदगी के साथ, त्रासदी में मरने वालों की संख्या 65 हो गई है, जबकि 139 लोग अभी भी लापता है.
इस बीच, चमोली के जिला मजिस्ट्रेट स्वाति एस भदौरिया ने शनिवार को एनटीपीसी को परियोजना स्थल पर चल रहे अभियान में अतिरिक्त उपकरणों को लगाने और धौलीगंगा नदी के रास्ते को दूसरी तरफ मोड़ने के लिए कहा, ताकि उसका पानी बैराज से तपोवन सुरंग में न बहने पाए, जिससे कीचड़ साफ करने के प्रयासों में बाधा आ सकती है.
भदौरिया ने कहा कि बैराज से सुरंग में बहने वाला नदी का पानी सुरंगों में बचाव दल के लिए एक बड़ा सिरदर्द रहा है, जिससे मलबा साफ करने का अभियान अधिक चुनौतीपूर्ण बन गया है. डीएम ने कहा कि रैणी में मुख्य परियोजना स्थल पर बचाव अभियान पूरा हो गया है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं