- उत्तरकाशी के धराली गांव में बादल फटने से भीषण त्रासदी हुई, कई इमारतें पूरी तरह जमींदोज हो गईं
- धराली गांव गंगोत्री के रास्ते का अहम पड़ाव है, जहां कई रिजॉर्ट, गेस्टहाउस और होटल बने हुए हैं
- बादल फटने की वजह से करीब 30 सेकंड के अंदर ही इमारतें ताश के पत्तों की तरह उड़ गईं.
महज 30 सेकंड और एक भरा-पूरा इलाका मलबे के ढेर में तब्दील हो गया, और छोड़ गया करीब 20 फुट ऊंचा मलबे का ढेर. ये सब इतनी तेजी से हुआ कि लोगों को संभलने तक का मौका नहीं मिला. मलबे में दबी इमारतें इस त्रासदी की गंभीरता की चीख-चीखकर गवाही दे रही हैं. उत्तरकाशी के धराली खीर गाढ़ में बादल फटने के बाद का नजारा रौंगटे खड़े करने वाला है. वीडियो में साफ दिख रहा है कि पूरे वेग से आता सैलाब किस तरह तिनके की तरह दर्जनों होटलों और मकानों को बहा ले जाता है.
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गंगोत्री से 20 किमी दूर है धराली
उत्तरकाशी जिले का धराली गांव गंगोत्री धाम के रास्ते का एक अहम पड़ाव है. यह गांव हर्षिल से लगभग तीन-चार किलोमीटर दूर पड़ता है. यहां से गंगोत्री धाम करीब 20 किलोमीटर है. गंगोत्री जाने वाले यात्री हर्षिल में पड़ाव करते हैं. जो लोग हर्षिल में नहीं रुक पाते, वो धराली में रुकते हैं. धराली कस्बे के बाद गंगोत्री तक पहाड़ी रास्ता है. बीच में कोई कस्बा नहीं है. इसकी वजह से धराली में बहुत से गेस्टहाउस, होमस्टे, रेस्टोरेंट और ढाबे आदि बने हुए हैं.
बादल फटने से तिनके की तरह बहीं इमारतें
धराली के ऊपर खीर गंगा के जल ग्रहण क्षेत्र में बादल फटने से ये त्रासदी हुई है. वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह भारी तादाद में पानी के साथ बड़े-बड़े पत्थर और मलबा नीचे की तरफ आता है, और मुहाने पर बनी इमारतों को बहा ले जाता है. हादसे के बाद दो-तीन मंजिला इमारतें भी लगभग पूरी तरह मलबे में जमींदोज हो गईं. इमारतें की तो सिर्फ छतें ही नजर आ रही हैं. अधिकतर इमारतें मलबे में दबी हुई दिख रही हैं.
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सेना, NDRF, प्रशासन ने संभाला मोर्चा
इस आपदा में 50-60 लोगों के लापता होने की खबर है. पुलिस, दमकल विभाग, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और भारतीय सेना ने तुरंत राहत और बचाव कार्य कर दिया है. उत्तराखंड पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर हादसे की जानकारी देते हुए बताया कि उत्तरकाशी के धराली, खीर गाढ़ में जलस्तर बढ़ने से धराली मार्केट क्षेत्र में नुकसान होने की सूचना है, राहत और बचाव कार्य चलाया जा रहा है.
उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने से तबाही#Uttarkashi pic.twitter.com/gLy6vniOfM
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बादल फटना किसे कहते हैं?
धराली में इस आपदा की वजह बादल फटने को बताया जा रहा है. तकनीकी भाषा में बताएं तो जब एक घंटे में 100 मिलीमीटर बारिश किसी जगह पर हो जाती है, तब उसे बादल फटना कहते हैं. पहाड़ी इलाकों में ऐसा अकसर उस वक्त होता है, जब नमी भरे और गर्म हवा के बादल पहाड़ों से टकराते हैं. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 4 अगस्त को उत्तराखंड के कई इलाकों के लिए अलर्ट जारी किया था. इसमें उत्तरकाशी, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी और चमोली सहित राज्य के कई हिस्सों में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई थी.
हालात पर सीएम धामी की नजर
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि धराली क्षेत्र में बादल फटने से हुए भारी नुकसान का समाचार अत्यंत दुखद एवं पीड़ादायक है. राहत एवं बचाव कार्यों के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जिला प्रशासन और अन्य संबंधित टीमें युद्ध स्तर पर जुटी हुई हैं. इस संबंध में लगातार वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क में हूं. स्थिति की गहन निगरानी की जा रही है. ईश्वर से सभी के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूं.
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