उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को दावा किया कि राज्य में अब तक एक लाख से अधिक लाउडस्पीकर उतारे गए हैं और अधिकारियों को यह जिम्मेदारी सौंपी कि उतारे गये लाउडस्पीकर दोबारा न लगने पाएं. शनिवार की शाम झांसी पहुंचे मुख्यमंत्री योगी ने जनप्रतिनिधियों से चर्चा करने के साथ ही विकास कार्यों की मंडलीय समीक्षा की और यह दावा किया कि प्रदेश में अब तक एक लाख से अधिक लाउडस्पीकर उतारे गए हैं. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि उतारे गए लाउडस्पीकर दोबारा न लगने पाएं. योगी ने कहा कि धार्मिक आयोजन धार्मिक स्थलों के परिसर के भीतर ही सीमित होने चाहिए, किसी भी पर्व-त्योहार का आयोजन सड़क पर नहीं होना चाहिए और इन आयोजनों से सामान्य नागरिकों के आवागमन में कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए.
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में धार्मिक स्थलों पर लगाए गए अवैध लाउडस्पीकर को हटाने तथा अन्य लाउडस्पीकर की आवाज को निर्धारित सीमा तक सीमित करने का अभियान पिछली 25 अप्रैल को शुरू हुआ था और एक मई तक चला.
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने लखनऊ में जारी एक बयान में कहा था कि अवैध रूप से लगाए गए लाउडस्पीकर सभी धार्मिक स्थलों से बिना किसी भेदभाव के हटाये जा रहे हैं और ऐसे सभी लाउडस्पीकर को अवैध की श्रेणी में रखा गया है जिन्हें लगाने के लिए प्रशासन से अनुमति नहीं ली गई है. कुमार ने यह भी कहा था कि लाउडस्पीकर के सिलसिले में हो रही कार्रवाई के दौरान उच्च न्यायालय के आदेशों को भी ध्यान में रखा जा रहा है.
मुख्यमंत्री योगी ने झांसी में मंडलीय समीक्षा के अलावा विकासखंड बबीना में जाकर पेयजल योजना की जमीनी हकीकत जानी. उन्होंने अधिकारियों को हिदायत दी कि विकास योजनाओं को समय से पूरा किया जाए और चेतावनी दी कि समय से योजनाओं को पूरा न करने वाली कंपनियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाए. उन्होंने भू-माफिया के खिलाफ सख्ती बरतने और कानून-व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने पर भी जोर दिया.
योगी ने यहाँ आयुक्त सभागार में झांसी मंडल के झांसी, ललितपुर, जालौन की परियोजनाओं एवं विकास कार्यों/कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए कहा कि राज्य सरकार विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश की जनता को लाभान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध है. इस सम्बन्ध में किसी भी स्तर पर लापरवाही व उदासीनता बरते जाने पर संबंधित की जवाबदेही तय की जाएगी.
मुख्यमंत्री ने बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए महत्वाकांक्षी परियोजना जल जीवन मिशन के अंतर्गत अमृत पेयजल योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि योजना के द्वितीय चरण की प्रगति संतोषजनक नहीं है. उन्होंने निर्देश दिए की संबंधित कंपनी को ब्लैक लिस्टेड ( काली सूची में डालते हुए) करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराएं. उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी कार्यदायी संस्थाएं जिनकी कार्यक्षमता शिथिल है, उनके स्थान पर अन्य एजेंसियों द्वारा कार्य कराया जाना सुनिश्चित किया जाए ताकि योजना समय से पूर्ण हो सके.
मुख्यमंत्री ने मंडल की कानून-व्यवस्था की समीक्षा करते हुए कानून-व्यवस्था पर नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने ललितपुर में हुई घटना को लेकर भी गहरा असंतोष व्यक्त किया और पुलिस अधीक्षक से इस संबंध में जवाब तलब किया. उन्होंने विलम्ब से की गई कार्यवाही पर भी सख्त नाराजगी जाहिर की.
उल्लेखनीय है कि ललितपुर के पाली थाना क्षेत्र में तत्कालीन थाना प्रभारी द्वारा पिछले दिनों एक 13 साल की दुष्कर्म पीड़िता के साथ दुराचार किए जाने का मामला सामने आया था. कथित तौर पर दुष्कर्म करने के आरोपी निलंबित थाना प्रभारी निरीक्षक को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर पुलिस ने संबंधित अदालत में पेश किया जहां से उसे अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. अब तक इस मामले में एक महिला सहित सभी छह आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं.
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