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अब घूस भी मासिक किश्तों में दे सकते हैं, यक़ीन नहीं तो ये पढ़ लीजिए

Bareilly Bribe In EMI: ईएमआई में आजतक लोगों ने सामान, कार, घर खरीदते सुना होगा, लेकिन यूपी के बरेली में एक बाबू ने रिश्वत को भी EMI में कर दिया. रणदीप सिंह की इस रिपोर्ट में जानिए क्या है मामला...

अब घूस भी मासिक किश्तों में दे सकते हैं, यक़ीन नहीं तो ये पढ़ लीजिए
Bareilly Bribe In EMI: बरेली के अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के ऑफिस में तैनात वरिष्ठ सहायक वक्फ मोहम्मद आसिफ को गिरफ्तार कर लिया गया है.

Bareilly Bribe In EMI: उत्तर प्रदेश के बरेली में घूसखोरी का अजब ग़ज़ब मामला सामने आया है. दरअसल अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के बाबू ने मदरसे को स्थानांतरित करने की फाइल को आगे बढ़ाने के लिए पीड़ित से ₹1लाख की रिश्वत मांगी. जब उसने ₹1 लाख की रिश्वत देने में असमर्थता जताई तो बाबू ने उसे आसान किस्तों (EMI) में बना दिया और ₹100000 रिश्वत की पहली किस्त जैसे ही बाबू ने पकड़ी तो विजिलेंस की टीम ने उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया और उसे जेल भेज दिया है. बताया जा रहा है बाबू ने ₹1 लाख की रिश्वत के बदले कई किश्तें बना दी और पहली किश्त 18000 रुपये की बनाई. 

बरेली में ही नहीं बरेली जनपद में भी EMI रिश्वत लेने का ये पहला मामला है. यह पहला अपने आप में अनोखा मामला है जब किसी बाबू ने रिश्वत लेने के लिए किश्तें बना दी और पहली किश्त की रकम लेते ही वह गिरफ्तार हो गया. विजिलेंस की टीम ने जब बाबू को गिरफ्तार किया गया, तो पूरे जिले में हड़कंप मच गया. हालांकि विभाग की ओर से जब इस बारे में प्रेस नोट जारी किया गया तो इस बात की पुष्टि हो गई. विभाग में भी इस बात को लेकर खूब चर्चा है.

6 महीने तक रोकी फाइल

बताया जा रहा है कि बरेली के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के ऑफिस में ये बाबू तैनात है. बरेली के अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के ऑफिस में तैनात वरिष्ठ सहायक वक्फ मोहम्मद आसिफ को गिरफ्तार कर लिया गया है. बताया जा रहा है कि आरोपी बाबू ने बरेली के थाना बहेड़ी के रहने वाले आरिश मदरसा मंजूरियां अख्तरूल उलूम से ₹1 लाख की रिश्वत मांगी थी. जब रिश्वत के पैसे नहीं मिले तो बाबू ने आरिश को ये रिश्वत देने के लिए आसान किश्तों में बदल दिया, लेकिन रिश्वत नही छोड़ी. वरिष्ठ बाबू आसिफ ने बहेड़ी के और जब तक रिश्वत नहीं मिल गई तब तक बाबू ने फाइल को पूरे 6 महीने तक रोक के रखा. 

विजिलेंस टीम ने किया गिरफ्तार 

इस पूरे मामले में परेशान पीड़ित की ओर से विजीलेंस टीम से शिकायत की गई. इसके बाद विजिलेंस की टीम ने इस पूरे मामले की जांच पड़ताल शुरू की और जांच सही होने के बाद टीम बनाई गई. फिर विजिलेंस की टीम ने शिकायत मिलने के बाद बरेली के विकास भवन स्थित अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के ऑफिस में जाल बिछाया. जैसे ही आरोपी बाबू ने शिकायतकर्ता से रिश्वत की पहली किस्त को हाथ में पकड़ा,  वैसे ही विजीलेंस की टीम ने बाबू को गिरफ्तार कर लिया और मुकदमा पंजीकृत करने के बाद उसे जेल भेज दिया. 

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