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आमेर किले में अमेरिकी उपराष्ट्रपति का हुआ भव्य स्वागत, राजस्थानी संस्कृति की दिखाई गई झलक, देखें तस्वीरें

JD Vance Jaipur Visit: अमेरिका के उपराष्ट्रपति की इस यात्रा को देखते हुए आमेर के किले को सोमवार दोपहर 12 बजे से 24 घंटे के लिए आम जनता के लिए बंद कर दिया गया. यात्रा के मद्देनजर शहर में सुरक्षा के चाकचौबंद बंदोबस्त किए गए हैं.

आमेर का किला देखने के लिए पहुंचे अमेरिकी उपराष्ट्रपति, सीएम भजनलाल ने किया स्वागत

जयपुर:

JD Vance Jaipur Visit: अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे डी वेंस और उनका परिवार मंगलवार की सुबह जयपुर स्थित विश्वविख्यात आमेर का किला देखने के लिए पहुंचे. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच वेंस का परिवार शहर में स्थित आलीशान रामबाग पैलेस होटल से रवाना हुआ और सुबह करीब 9:30 बजे आमेर के किले में पहुंचा. यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में नामित इस किले में वेंस परिवार का पारंपरिक रूप से स्वागत किया गया. जब वे आमेर किले के मुख्य प्रांगण जलेब चौक में दाखिल हुए, तो दो सजी-धजी हथिनी चंदा और माला ने अपनी सूंड उठाकर उनका स्वागत किया.

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मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने किले में उनकी अगवानी की और उनका स्वागत किया. वेंस ने परिवार सहित, राजस्थान की जीवंत संस्कृति की झलक पेश करने वाले कच्ची घोड़ी, घूमर और कालबेलिया सहित लोक नृत्यों की सांस्कृतिक प्रस्तुति का आनंद लिया.

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उपराष्ट्रपति वेंस अपने बेटे इवान और विवेक का हाथ थामे लाल कालीन पर चले, जबकि उनकी पत्नी उषा वेंस ने अपनी बेटी मीराबेल को गोद में उठाया हुआ था.

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ये लोग किले के प्रभावशाली प्रांगण और वास्तुकला से मंत्रमुग्ध दिखाई दिए. वेंस परिवार की इस यात्रा को देखते हुए आमेर के किले को सोमवार दोपहर 12 बजे से 24 घंटे के लिए आम जनता के लिए बंद कर दिया गया.

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आमेर का किला शहर से करीब 11 किलोमीटर दूर, अरावली पर्वतमाला की घाटी में स्थित है. यह भव्य किला विशाल महल परिसर है जिसे हल्के पीले और गुलाबी बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से बनाया गया है. किला चार मुख्य खंडों में विभाजित है, जिनके अपने अपने प्रांगण हैं. जयपुर में अपनी राजधानी स्थानांतरित करने से पहले आमेर कछवाहा राजपूतों की राजधानी हुआ करता था. मान सिंह प्रथम ने 16वीं शताब्दी के अंत में नए महल परिसर का निर्माण शुरू किया था. राजा मान सिंह प्रथम के बाद, राजा जय सिंह प्रथम और सवाई जय सिंह द्वितीय ने समय-समय पर जरूरतों के अनुसार इसमें संशोधन और बदलाव किए. उन्होंने अपनी रुचि के अनुसार आंतरिक साज-सज्जा में भी बदलाव किए. पूरे किले का निर्माण चार चरणों में किया गया था.

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किले के अंदर स्थित महल राजपूत महाराजाओं और उनके परिवारों का निवास स्थान था. इसमें 'दीवान-ए-आम', 'दीवान-ए-खास', 'शीश महल' और 'सुख निवास' शामिल हैं. शीश महल प्रकाश और दर्पण प्रभाव के लिए प्रसिद्ध है. दीवारों पर कई छोटे-छोटे दर्पण लगे हैं. हॉल का निर्माण इस तरह से किया गया है कि अगर प्रकाश की एक भी किरण अंदर आती है, तो वह वहां लगे दर्पणों में परावर्तित हो जाती है, और पूरा हॉल रोशन हो जाता है.

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वेंस की यात्रा के मद्देनजर शहर में सुरक्षा के चाकचौबंद बंदोबस्त किए गए हैं. जिन रास्तों से इनका काफिला गुजरना है वहां से यातायात भी दूसरे मार्गों से भेजा जा रहा है.

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