भारत में अमेरिकी मिशन ने इस साल 10 लाख से अधिक गैर-आप्रवासी वीजा आवेदनों पर कार्यवाही करके अपने लक्ष्य को पार कर लिया है. भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने एमआईटी में ग्रेजुएशन कर रहे अपने बेटे को देखने के लिए अमेरिका जा रहे एक भारतीय जोड़े को व्यक्तिगत रूप से 10 लाखवां वीजा सौंपा.
यह मील का पत्थर दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी के बीच अमेरिका और भारत के मजबूत संबंधों का प्रतीक है. यह कोविड महामारी के बाद अमेरिका की यात्रा करने के लिए भारतीयों की बढ़ती रुचि को भी स्पष्ट करता है.
दस लाखवां गैर-आप्रवासी वीजा दिल्ली की डॉ रंजू सिंह को दियासमाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अमेरिका के लिए दस लाखवां गैर-आप्रवासी वीजा प्राप्त करने वाली दिल्ली की डॉ रंजू सिंह हैं. उनके पति को अगला वीजा दिया गया. राजदूत एरिक गार्सेटी ने जोड़े को वीजा सौंपते समय उनका स्वागत "मिस्टर एंड मिसेज वन मिलियन" कहकर किया. यह जोड़ा अगले साल मई में अमेरिका की यात्रा करेगा.
US Ambassador to India Eric Garcetti hands over passport to one millionth visa holder and her spouse in Delhi pic.twitter.com/U77h5rn752
— ANI (@ANI) September 28, 2023
डॉ रंजू सिंह लेडी हार्डिंग कॉलेज में वरिष्ठ सलाहकार हैं. उनको इस साल का दस लाखवां वीजा और उनके पति पुनीत डारगन को अगला वीजा दिया गया है. राजदूत गार्सेटी ने इस दंपति से अमेरिका यात्रा के बारे में जानकारी हासिल की तथा उन्हें सलाह दी कि एक पर्यटक के तौर पर उन्हें क्या चीज जरूर देखनी चाहिए.
दस लाख आव्रजन वीजा आवेदनों के निपटारे का लक्ष्य पा लियागार्सेटी ने कहा,‘‘मैं आज भारत के लिए, भारतीयों के लिए और अमेरिका के लिए इससे ज्यादा खुश नहीं हो सकता. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि आइए, वीजा प्रक्रियाओं में तेजी लाते हुए बेहतर काम करते हैं और इसलिए यहां विदेश मंत्रालय ने हैदराबाद...आदि स्थानों में और इकाइयों को मंजूरी दी. और लोग इन वीजा पर काम कर सकते हैं. हमने अपनी प्रणाली में बदलाव किया, हमने कड़ी मेहनत की और इस साल दस लाख आव्रजन वीजा आवेदनों के निपटारे का लक्ष्य पा लिया.''
उन्होंने कहा, ‘‘भारत के साथ हमारी साझेदारी अमेरिका के अहम द्विपक्षीय संबंधों में से एक है... बल्कि यह तो दुनिया के सबसे अहम संबंधों में से एक है. हमारे लोगों के बीच संबंध पहले से कहीं अधिक मजबूत हैं, हम आने वाले महीनों में अधिक से अधिक भारतीय आवेदकों को अमेरिका की यात्रा करने और अमेरिका-भारत मित्रता का प्रत्यक्ष अनुभव करने का अवसर देने के लिए वीजा कार्य जारी रखेंगे.''
डॉ रंजू सिंह ने कहा, ‘‘हमारा वीजा साक्षात्कार समाप्त होने के बाद हमें ईमेल मिला कि हमें वीजा लेने आना होगा. हमें बताया गया कि हमें दस लाखवां वीजा मिला है. राजदूत ने व्यक्तिगत तौर पर हमसे मुलाकात की, यह बेहद खास पल था. हम अमेरिका जाने के लिए उत्सुक हैं, हम वहां एमआईटी में अपने बेटे के कार्यक्रम में शामिल होंगे और फिर पर्यटकों के तौर पर भ्रमण करेंगे.''
दुनिया भर में सभी वीज़ा आवेदकों में से 10 प्रतिशत से अधिक भारतीयपिछले साल 12 लाख से अधिक भारतीयों ने अमेरिका का दौरा किया था, जिससे यह दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण यात्रा संबंधों में से एक बन गया. अब दुनिया भर में सभी वीज़ा आवेदकों में से 10 प्रतिशत से अधिक भारतीय हैं, जिनमें से 20 फीसदी छात्र वीजा चाहते हैं और 65 प्रतिशत एच एंड एल-श्रेणी के रोजगार वीजा के लिए आवेदन करते हैं.
अमेरिकी वीजा की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अमेरिका ने भारत में अपने परिचालन में पर्याप्त निवेश किया है. अमेरिकी मिशन ने वीजा प्रोसेसिंग को सुव्यवस्थित करने के लिए अपने कार्यबल का विस्तार किया है. चेन्नई में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास में सुविधाएं बढ़ाई गई हैं और हैदराबाद में एक नए वाणिज्य दूतावास भवन का उद्घाटन किया गया है.
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