यूपी पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में यूपी पुलिस ने दिल्ली पुलिस के एक कांस्टेबल के सहयोगी को गिरफ्तार किया है. इस मामले में आरोपी उस दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल को भी पुलिस ढूंढ़ रही है. उसके सहयोगी की पहचान हरियाणा के जींद निवासी महेंद्र शर्मा के रूप में हुई है.
पिछले महीने करीब 1,000 अभ्यर्थियों से दिल्ली पुलिसकर्मी और उनके सहयोगियों ने संपर्क करके इकट्ठा किया. इस के बाद उन्हें बस से हरियाणा के एक रिजॉर्ट में ले जाया गया. वहां पर यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती का क्वेश्चन पेपर और अंसर-की दे दी गई. इस दौरान अभ्यर्थियों के मोबाइल फोन और गैजेट्स रखवा लिया गए और कहा गया कि ले लोग इन्हें रट लें. इसकी तस्वीरों में रिजॉर्ट के लोन में बैठकर दर्जनों अभ्यर्थियों को क्वेश्चन पेपर और अंसर-की का रटा मारते हुए देखा गया.
सूत्रों के मुताबिक, हर अभ्यर्थी ने लीक पेपर हासिल करने के लिए सात लाख रुपए दिए थे (जो कि एग्जाम के बाद देने थे). आरोपियों ने अभ्यर्थियों की ऑरिजिनल मार्कशीट अपने पास रख ली, ताकि वे पैसा देने के मुकर ना जाएं.
एग्जाम पेपर और अंसर-की दो अन्य लोगों प्रयागराज के अभिषेक शुक्ला और ग्रेटर नोएडा के रवि अत्तरी से खरीदे गए थे. ये दोनों साल 2015 में AIPMT पेपर लीक मामले में भी शामिल थे. पुलिस का मानना है कि अभिषेक और रवि इस मामले की आखिरी कड़ी हो सकते हैं.
एएसपी बृजेश कुमार सिंह ने कहा, "रवि और अभिषेक की गिरफ्तारी और उनसे पूछताछ इस जांच की आखिरी कड़ी हो सकती है और इसके लिए पूरी कोशिश की जा रही है."
इस एग्जाम के पेपर लीक करने की कथित तौर पर प्लानिंग करने के मामले में एक महीने में 15 अन्य लोगों को हिरासत में लिया गया है. इसके आरोपी अभ्यर्थियों से 8 लाख रुपए ले रहे थे.
यूपी पुलिस कांस्टेबल की इस भर्ती के एग्जाम में करीब 48 लाख अभ्यर्थी बैठे थे. हालांकि, पेपर लीक के कई मामले सामने आने के बाद इस एग्जाम को रद्द कर दिया गया था.
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