उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) के सभी आठ, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के तीन और केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का एक प्रत्याशी जीता है।
चुनाव के लिए मतदान शुक्रवार दिन में हुआ और देर शाम तक मतगणना के बाद परिणाम घोषित कर दिया गया। सपा से जीते विधायकों में अहमद हसन, वीरेंद्र सिंह, साहेब सिंह सैनी, आशू मलिक, अशोक वाजपेयी, सरोजनी अग्रवाल, रमेश यादव व रामजतन राजभर हैं।
बसपा के नवनिर्वाचित विधायकों में नसीमुद्दीन सिद्दीकी, धर्मवीर अशोक व प्रदीप जाटव तथा भाजपा से लक्ष्मण आचार्य हैं। भाजपा ने दयाशंकर सिंह को भी मैदान में उतारा था लेकिन वह चुनाव हार गए।
विधान परिषद की आठ सीटों के लिए हो रहे चुनाव के लिए आज सुबह तिलक हॉल में मतदान शुरू हुआ। कुल 403 विधायक मतदाताओं में से 399 ने वोट डाले। बाराबंकी में इंजीनियर की हत्या के आरोपी भगोड़े बसपा विधायक ने भी विधानसभा में आकर वोट डाला। उसकी पुलिस तलाश कर रही है।
महोबा की चरखारी सीट से विधायक कप्तान सिंह की सदस्यता रद्द कर दी गई, जिससे वे वोट नहीं डाल सके। बीमारी के चलते सपा के वकार अहमद शाह व प्रेम प्रकाश भी मतदान नहीं कर सके, जबकि रायबरेली से पीस पार्टी के विधायक अखिलेश सिंह और मनोनीत विधायक फ्रांसिस फैंथम ने भी मतदान नहीं किया।
गौरतलब है कि विधानसभा में सपा के 229, बसपा के 80, भाजपा के 41, कांग्रेस के 28, राष्ट्रीय लोकदल के आठ, पीस पार्टी के चार, कौमी एकता दल के दो, इत्तिहाद मिल्लत काउंसिल, तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी व अपना दल के एक-एक के साथ छह निर्दलीय के अलावा एक नामित विधायक भी हैं।
इस बार चुनाव में 12 सीट के लिए 13 प्रत्याशी मैदान में थे। इसी कारण से मतदान हुआ। भाजपा को उम्मीद थी कि उसके दोनों उम्मीदवार सफल होंगे लेकिन परिणाम आने पर एक ही प्रत्याशी विजयी हो सका।
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