फाइल फोटो
लखनऊ/इलाहाबाद:
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रवक्ता राम माधव ने बुधवार को कहा कि एक तथाकथित मुस्लिम नेता के दबाव में आकर उत्तर प्रदेश सरकार ने 84 कोसी परिक्रमा पर रोक लगाकर ठीक काम नहीं किया है।
आरएसएस प्रवक्ता राम माधव ने कहा, 'केंद्र व प्रदेश सरकार को तय करना होगा कि इस देश में कैसा मुस्लिम नेतृत्व चाहिए। पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जैसा या भारत माता को 'डायन' कहने वाला आजम खान जैसा।'
उत्तर प्रदेश की प्रयाग नगरी इलाहाबाद में रक्षाबंधन के मौके पर आयोजित एक समारोह में राम माधव ने ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा, "अच्छा होगा कि संतों की भावनाओं को कुचलने के बजाय सरकार अपने निर्णय पर पुनर्विचार करे। संतों के निर्णय के आधार पर हम चौरासी कोसी परिक्रमा जारी रखेंगे। सरकार का सिर्फ इतना दायित्व बनता है कि वह इस यात्रा को सही प्रकार से संपन्न कराए।"
माधव ने कहा, "समाज को तय करना होगा कि हमें संतों व महात्माओं के पीछे खड़ा होना है या जो अल्पकाल के लिए सत्ता की कुर्सी पर बैठने के लालच में देश व समाज को तोड़ते हैं, उनके पीछे।"
केंद्र सरकार की नीतियों पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार देश की आर्थिक स्थिति इतनी नाजुक हुई है। देश की अर्थव्यवस्था पूर्ण रूप से चौपट हो गई है। सीमाओं पर स्थिति अत्यंत गंभीर है। देश की सीमाओं को लेकर सरकार में एकमत नहीं है। प्रधानमंत्री यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि सीमा की देखभाल रक्षामंत्री करेंगे या गृहमंत्री या पूरी सरकार करेगी।
उन्होंने कहा, "आज देश को एक नई सोच व नई दिशा देने वाले नेतृत्व की आवश्यकता है। हमारा देश कमजोर नहीं है, बल्कि नेतृत्व कमजोर है। अब इसे बदलने का समय आ गया है।"
मोदी का नाम लिए बगैर उनके नेतृत्व में अगली सरकार बनाने की ओर इशारा करते हुए माधव ने कहा कि देश के सामने कमजोर नेतृत्व को बदलने का विकल्प भी तैयार है। अब आवश्यकता है कि सभी लोग उस दिशा में प्रयास करें।
आरएसएस प्रवक्ता राम माधव ने कहा, 'केंद्र व प्रदेश सरकार को तय करना होगा कि इस देश में कैसा मुस्लिम नेतृत्व चाहिए। पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जैसा या भारत माता को 'डायन' कहने वाला आजम खान जैसा।'
उत्तर प्रदेश की प्रयाग नगरी इलाहाबाद में रक्षाबंधन के मौके पर आयोजित एक समारोह में राम माधव ने ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा, "अच्छा होगा कि संतों की भावनाओं को कुचलने के बजाय सरकार अपने निर्णय पर पुनर्विचार करे। संतों के निर्णय के आधार पर हम चौरासी कोसी परिक्रमा जारी रखेंगे। सरकार का सिर्फ इतना दायित्व बनता है कि वह इस यात्रा को सही प्रकार से संपन्न कराए।"
माधव ने कहा, "समाज को तय करना होगा कि हमें संतों व महात्माओं के पीछे खड़ा होना है या जो अल्पकाल के लिए सत्ता की कुर्सी पर बैठने के लालच में देश व समाज को तोड़ते हैं, उनके पीछे।"
केंद्र सरकार की नीतियों पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार देश की आर्थिक स्थिति इतनी नाजुक हुई है। देश की अर्थव्यवस्था पूर्ण रूप से चौपट हो गई है। सीमाओं पर स्थिति अत्यंत गंभीर है। देश की सीमाओं को लेकर सरकार में एकमत नहीं है। प्रधानमंत्री यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि सीमा की देखभाल रक्षामंत्री करेंगे या गृहमंत्री या पूरी सरकार करेगी।
उन्होंने कहा, "आज देश को एक नई सोच व नई दिशा देने वाले नेतृत्व की आवश्यकता है। हमारा देश कमजोर नहीं है, बल्कि नेतृत्व कमजोर है। अब इसे बदलने का समय आ गया है।"
मोदी का नाम लिए बगैर उनके नेतृत्व में अगली सरकार बनाने की ओर इशारा करते हुए माधव ने कहा कि देश के सामने कमजोर नेतृत्व को बदलने का विकल्प भी तैयार है। अब आवश्यकता है कि सभी लोग उस दिशा में प्रयास करें।
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