
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पिछले एक दशक में देश के बुनियादी ढांचे के विकास और किसानों के कल्याण के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए हैं. इंफो इन डाटा की ओर से शेयर की गई जानकारी के अनुसार, साल 2026 तक पीएम मोदी के कार्यकाल में पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) 65.82 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इंफो इन डाटा द्वारा आरबीआई, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के हवाले से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार (2014-2026) तक मोदी सरकार के कार्यकाल में पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) 65.82 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा.
यह यूपीए सरकार (2004-2014) के कार्यकाल में 12.39 लाख करोड़ रुपये था. यूपीए सरकार और मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान कैपेक्स में 431 फीसदी की शानदार वृद्धि दर्ज की गई है. इसके अलावा, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खर्च में भी भारी बढ़ोतरी हुई है, जो किसानों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) के अलावा, मोदी सरकार के कार्यकाल में एमएसपी में भी शानदार वृद्धि देखने को मिली है. आंकड़ों की मानें को यूपीए सरकार (2004-2014) के दौरान एमएसपी 7.04 लाख करोड़ रुपये थी, जो मोदी सरकार के कार्यकाल में (2014-24) तक 23.12 लाख करोड़ रुपये है. एमएसपी के आंकड़ों में मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान 228 फीसदी की शानदार बढ़त देखने को मिली है.
इंफो इन डाटा द्वारा जारी किए गए इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि मोदी सरकार ने न केवल देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश किया है, बल्कि किसानों की आय बढ़ाने और उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए भी ठोस कदम उठाए हैं.
एमएसपी पर खर्च में 228 प्रतिशत की वृद्धि इस बात का सबूत है कि सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के अपने संकल्प के प्रति गंभीर है. यूपीए के कार्यकाल में एमएसपी पर कुल 7.04 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए थे, जबकि एनडीए सरकार ने 2014 से 2024 तक 23.12 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया.
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