2017 में हुए उन्नाव रेप की पीड़िता (Unnao rape victim) को सुरक्षा के मद्देनजर दिल्ली शिफ्ट कर दिया गया था. सरकार ने पीड़िता के आवास और शिक्षा जैसी बुनियादी जरूरतों का खर्च उठाने की पहल भी की थी. लेकिन कुछ ही सालों बाद अब पीड़िता को ये डर है कि उन्हें अपना घर खाली करना पड़ सकता है, क्योंकि सरकार ने कई महीनों से मकान का किराया नहीं चुकाया. 2017 उन्नाव रेप केस सामने आने के एक साल बाद पीड़िता ने अपने पिता को न्यायिक हिरासत में खो दिया, उसके बहुत जल्द दो चाची की सड़क हादसे में मौत हो गयी. उनकी सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने उन्हें दिल्ली शिफ्ट कर दिया था. हालांकि, दिल्ली में उन्होंने कोशिश की कि एक नई दुनिया शुरू की जाए. नई दुनिया बसाएं. लेकिन उसमें उसे समस्या का सामना करना पड़ रहा है. अभी उन्हें ये डर है कि जो घर उन्हें दिया गया है वो छिन सकता है.
पीड़िता ने सुनायी आपबीती
पीड़िता ने बताया कि डर ये है कि 2017 में हादसा हुआ था. 2018 में मेरे पिता को मारा गया था. 2019 में मेरा एक्सिडेंट हुआ, उसके बाद यूपी से सरकार ने दिल्ली शिफ्ट कर दिया. क्योंकि मेरे सारे केस दिल्ली ट्रांसफर हो गए थे. मैं दिल्ली में रहकर मेरे सारे केस लड़ रही हूं. अभी मेरे केस पेंडिंग में हैं. सारे केस चल रहे हैं.. लड़ाई चल रही है. हम लड़ रहे हैं.लेकिन घर के किराए और बिजली के बिल ये सब दिक्कतें हो रही है. सरकार से पैसा टाइम से आता नहीं है. यहां महिला आयोग को कोर्ट ने निर्देश दे रखा है. लेकिन मकान मालिक को समय से किराया नहीं दे पाता है. मकान मालिक बोलता है कि मुझे सरकारी पैसों से कोई मतलब नहीं है.
तीन महीने से मकान मालिक को नहीं मिला है किराया
मकान मालिक को तीन महीने से किराया नहीं मिला है. पैसा उसका बकाया है. वो मुझे परेशान कर देते हैं. बोलता है कि पानी और बिजली कनेक्शन काट देंगे. वो कहता है कि मेरा टाइम से किराया और बिजली का बिल आना चाहिए. मैंने महिला आयोग को इस बारे में बताया भी हमेशा 5-6 दिन में जाती हूं. वहां सवाल करती हूं कि उसे किराया नहीं मिल रहा वो मुझे परेशान करता है. लेकिन जब पैसा नहीं मिलता तो लाइट पानी सब काट देता है वो.
"मुझे पैसे वाले से केस लड़ना है"
मेरी पढ़ाई नहीं हो पा रही मुझे आगे की पढ़ाई करनी है मुझे सीखना है, मैं सिलाई भी सीख रही हूं, कंप्यूटर भी सीखना चाहती हूं. मैं आवेदन करती हूं तो कहते हैं कि आगे फाइल गई लेकिन होता कुछ नहीं. मेरा वक्त खराब हो रहा है. मुझे केस लड़ना है. क्योंकि अगली पार्टी पैसे वाली है. हमारे पास पैसा नहीं है. आगे बढ़ेंगे मैं नौकरी करूंगी तभी तो मैं केस लड़गी. मैं चाहती हूं कि टाइम से मेरे घर का किराया दिया जाए. मैं आगे बढ़ना चाहती हूं... मैं पढ़ना चाहती हूं.. तभी मैं केस लड़ पाऊंगी.
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