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"संयुक्त राष्ट्र को साजिश के तहत कमजोर किया जा रहा": NDTV वर्ल्ड समिट में किशोर महबूबानी

India UNSC Claim : UNSC के पूर्व अध्यक्ष ने कहा है कि ब्रिटेन की जगह भारत को सुरक्षा परिषद में सदस्यता देनी चाहिए. इससे संयुक्त राष्ट्र के साथ दुनिया का भी भला होगा...

किशोर महबूबानी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष रहे हैं.

India Claim On UNSC: एशिया रिसर्च इंस्टीट्यूट नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के प्रतिष्ठित फेलो किशोर महबूबानी  (Kishore Mahbubani) ने  NDTV वर्ल्ड समिट में कहा कि संयुक्त राष्ट्र को सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्यों ने साजिश कर कमजोर किया है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के पूर्व अध्यक्ष महबूबानी ने कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, रूस और फ्रांस को फैसले लेने वाले महासचिव नियुक्त करने के लिए राजी करना चाहिए. 

ब्रिटेन एक खोया हुआ देश

किशोर महबूबानी ने संयुक्त राष्ट्र में सुधार की आवश्यकता और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों से निपटने के लिए वैश्विक निकाय के महत्व पर जोर दिया. महबुबानी ने लंदन के एक प्रमुख समाचार पत्र में हाल ही में प्रकाशित एक कॉलम का उल्लेख किया, जिसमें ब्रिटेन से भारत को अपनी स्थायी यूएनएससी सीट छोड़ने का आह्वान किया गया था. उन्होंने कहा कि यूएनएससी में वीटो की अवधारणा द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद की अवधि के दौरान महान शक्तियों को समायोजित करने के लिए पेश की गई थी. इतने सालों के बाद, स्पष्ट रूप से आज की महान शक्तियों की संरचना को बदलने का समय आ गया है और भारत निर्विवाद रूप से महान शक्तियों में से एक है. ब्रिटेन आर्थिक रूप से नीचे गिर रहा है और एक खोया हुआ देश है.

भारत के आने से ये फायदे

UNSC के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि मैं जानता हूं कि भारत में कई लोग अभी भी कुछ हद तक पश्चिम की ओर देखना चाहते हैं, लेकिन पश्चिम पूरी तरह से खो गया है. भूराजनीतिक और आर्थिक रूप से ही नहीं बल्कि घरेलू स्तर पर भी पश्चिम संकट में है. भविष्य में विकास यहीं एशिया में होने वाला है. यूरोप में नहीं. अमेरिका फिर भी विकास करेगा. अगर भारत ने यूक्रेन समस्या का शांतिपूर्ण समाधान खोजने की कोशिश में अपना योगदान बढ़ाया तो यह एक जबरदस्त योगदान होगा. इसी तरह, भारत उन कुछ देशों में से एक है जो विरोधी पक्षों से बात कर सकता है.इजरायल से बात कर सकता है. ईरान से बात कर सकता है और निश्चित रूप से सभी अरब देशों से बात कर सकता है और फिर यहां भी भारत एक चिंताजनक समस्या को हल करने में बड़ा योगदान दे सकता है. मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि भारत अपना पक्ष अधिक स्पष्टता से रखे. यूके को धक्का दें और कहें, ठीक है, आपका दिन अच्छा रहा. यह आपके लिए आगे बढ़ने का समय है और यदि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ब्रिटेन की सीट लेता है, तो दुनिया खुश होगी क्योंकि वे जानते हैं कि भारत एक ऐसा परिप्रेक्ष्य प्रदान करेगा जिसे पश्चिम, पूर्व और उत्तर सभी समझेंगे.

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