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This Article is From Jun 07, 2012

यूपीए की पहली सरकार के वक्त से लटका पेंशन बिल फिर अटका

यूपीए की पहली सरकार के वक्त से लटका पेंशन बिल फिर अटका
नई दिल्ली: यूपीए के सहयोगी दलों में मतभेदों के बीच कैबिनेट ने महत्वपूर्ण पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण विधेयक, 2011 में बदलाव पर फैसला टाल दिया है।

कैबिनेट बैठक के बाद एक मंत्री ने बताया कि विधेयक पर विचार किया गया, लेकिन फैसला टाल दिया गया। सूत्रों ने बताया कि यूपीए के सहयोगियों में तृणमूल कांग्रेस पेंशन और बीमा सुधारों का मुखर विरोध कर रही है। यूपीए में तृणमूल का प्रतिनिधित्व करने वाले रेल मंत्री मुकुल रॉय कैबिनेट बैठक के दौरान इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोले।

एजेंडा के मुताबिक कैबिनेट को विधेयक में बदलावों को मंजूरी देनी थी, ताकि अगले महीने से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र के दौरान इसे पारित कराया जा सके। सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट को पेंशन फंड ग्राहकों को सुनिश्चित आय देने संबंधी प्रस्ताव पर विचार करना था। इस बारे में बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने सुझाव दिया था। विधेयक को लोकसभा में 24 मार्च, 2011 को पेश किया गया था। विधेयक एक वैधानिक प्राधिकरण के गठन का प्रावधान करता है, ताकि पेंशन फंड में प्रोत्साहन, विकास एवं नियामक कामकाज हो सकें। 2003 से आंतरिक पेंशन फंड नियामक विकास प्राधिकरण काम कर रहा है। इसका गठन सरकारी आदेश के जरिए किया गया था।

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