राममंदिर मुद्दे पर किसने क्या कहा...
नई दिल्ली:
राम मंदिर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की ताजा टिप्पणी 'यह मुद्दा कोर्ट के बाहर बातचीत से हल किया जाना चाहिए' के बाद हर ओर इस मुद्दे पर चर्चा हो रही है. नेता भी बयानबाजी कर रहे हैं. चारों तरफ इस मुद्दे पर चर्चा हो रही है. कोई कह रहा है आपसी भाईचारे और बातचीत से हल निकल जाएगा, लेकिन कोई कह रहा है कि इससे कुछ होने वाला नहीं है. बहरहाल इस मुद्दे पर राजनीति भी गर्म हैं. आइये जानते हैं कि इस मुद्दे पर किसने क्या कहा.
सुब्रह्मण्यम स्वामी - बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कोर्ट से आग्रह किया था कि वह पिछले छह साल से लंबित राम मंदिर अपील पर रोज़ाना सुनवाई करे और जल्द फैसला सुनाए
मायावती - मायावती इस मामले पर टिप्पणी करने से बचती दिखाई दीं. उन्होंने कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है.
असदुद्दीन ओवैसी - एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बाबरी मस्जिद मामला मालिकाना हक से जुड़ा हुआ है और वह देखना चाहते हैं कि मामले में क्या भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ ‘‘षड्यंत्र के आरोप’’ साबित होंगे.
उमा भारती - उमा भारती ने कहा है कि जहां रामलला हैं, वहां सोमनाथ जैसे भव्य मंदिर का निर्माण होगा. उन्होंने कोर्ट की सलाह का स्वागत करते हुए यह भी कहा कि उन्हें इस बात का भरोसा है कि मुस्लिम समाज सहयोग करेगा.
ज़फ़रयाब जिलानी - बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक ज़फ़रयाब जिलानी का भी कहना है कि पिछले 27 सालों में इस मुद्दे पर कई बार बातचीत हो चुकी है, लेकिन शीर्ष स्तर पर हुई तमाम बातचीत भी अब तक फ़ेल ही रही है, सो, अब अगर सुप्रीम कोर्ट के जज मध्यस्थता करें, तो ही हम भरोसा करेंगे.
लालकृष्ण आडवाणी - बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने राम मंदिर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का स्वागत किया और कहा कि सभी संबंधित पक्षों को आम सहमति बनानी चाहिए.
राशिद फिरंगी महली - मुस्लिम धर्मगुरु राशिद फिरंगी महली ने इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को सही बताते हुए कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के कहे का सम्मान करते हैं, और पर्सनल लॉ बोर्ड भी राम मंदिर - बाबरी मस्जिद विवाद के अदालती हल का पक्षधर रहा.
विनय कटियार - बीजेपी सांसद विनय कटियार ने कहा है कि कोर्ट के बयान का स्वागत करता हूं. उन्होंने कहा कि यह कोर्ट की टिप्पणी है, उनका फैसला नहीं है, लेकिन अब कोर्ट के कहने के बाद रास्ता ज़रूर निकलेगा.
सीताराम येचुरी - मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि सवाल यह है कि ज़मीन की मिल्कियत किसकी है, और चूंकि यह कानूनी मामला है, सो, यह कोर्ट को ही तय करना है, और उसी के बाद बात आगे बढ़ सकेगी.
प्रमोद तिवारी- कांग्रेस पार्टी का कहना है कि राम मंदिर का मुद्दा बीजेपी के लिए आस्था का नहीं, सियासी मामला है. कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा है कि यह मुद्दा बीजेपी के लिए न तो आस्था का सवाल है, और न ही वह इस पर कोई अमल या हल चाहती है.
दत्तात्रेय होसबोले - आरएसएस के प्रचारक दत्तात्रेय होसबोले ने कहा है कि सभी भारतीयों की शिरकत से भव्य राम मंदिर का निर्माण किया जाना चाहिए. उनका कहना है कि यह फैसला धर्म संसद तथा उन सभी पक्षों को करना है, जो कोर्ट गए हैं.
दिग्विजय सिंह - कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस मुद्दे पर खुद पहल करनी चाहिए, क्योंकि योगी आदित्यनाथ किस रास्ते पर चले जाएंगे, यह हम सबके लिए चिंता का विषय है.
महेश शर्मा - केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का स्वागत करते हुए कहा है कि हमारी पार्टी ने हमेशा कहा है कि राम मंदिर का मुद्दा संवैधानिक ढांचे के भीतर सहमति के माध्यम से ही हल होना चाहिए.
सुब्रह्मण्यम स्वामी - बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कोर्ट से आग्रह किया था कि वह पिछले छह साल से लंबित राम मंदिर अपील पर रोज़ाना सुनवाई करे और जल्द फैसला सुनाए
मायावती - मायावती इस मामले पर टिप्पणी करने से बचती दिखाई दीं. उन्होंने कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है.
असदुद्दीन ओवैसी - एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बाबरी मस्जिद मामला मालिकाना हक से जुड़ा हुआ है और वह देखना चाहते हैं कि मामले में क्या भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ ‘‘षड्यंत्र के आरोप’’ साबित होंगे.
उमा भारती - उमा भारती ने कहा है कि जहां रामलला हैं, वहां सोमनाथ जैसे भव्य मंदिर का निर्माण होगा. उन्होंने कोर्ट की सलाह का स्वागत करते हुए यह भी कहा कि उन्हें इस बात का भरोसा है कि मुस्लिम समाज सहयोग करेगा.
ज़फ़रयाब जिलानी - बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक ज़फ़रयाब जिलानी का भी कहना है कि पिछले 27 सालों में इस मुद्दे पर कई बार बातचीत हो चुकी है, लेकिन शीर्ष स्तर पर हुई तमाम बातचीत भी अब तक फ़ेल ही रही है, सो, अब अगर सुप्रीम कोर्ट के जज मध्यस्थता करें, तो ही हम भरोसा करेंगे.
लालकृष्ण आडवाणी - बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने राम मंदिर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का स्वागत किया और कहा कि सभी संबंधित पक्षों को आम सहमति बनानी चाहिए.
राशिद फिरंगी महली - मुस्लिम धर्मगुरु राशिद फिरंगी महली ने इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को सही बताते हुए कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के कहे का सम्मान करते हैं, और पर्सनल लॉ बोर्ड भी राम मंदिर - बाबरी मस्जिद विवाद के अदालती हल का पक्षधर रहा.
विनय कटियार - बीजेपी सांसद विनय कटियार ने कहा है कि कोर्ट के बयान का स्वागत करता हूं. उन्होंने कहा कि यह कोर्ट की टिप्पणी है, उनका फैसला नहीं है, लेकिन अब कोर्ट के कहने के बाद रास्ता ज़रूर निकलेगा.
सीताराम येचुरी - मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि सवाल यह है कि ज़मीन की मिल्कियत किसकी है, और चूंकि यह कानूनी मामला है, सो, यह कोर्ट को ही तय करना है, और उसी के बाद बात आगे बढ़ सकेगी.
प्रमोद तिवारी- कांग्रेस पार्टी का कहना है कि राम मंदिर का मुद्दा बीजेपी के लिए आस्था का नहीं, सियासी मामला है. कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा है कि यह मुद्दा बीजेपी के लिए न तो आस्था का सवाल है, और न ही वह इस पर कोई अमल या हल चाहती है.
दत्तात्रेय होसबोले - आरएसएस के प्रचारक दत्तात्रेय होसबोले ने कहा है कि सभी भारतीयों की शिरकत से भव्य राम मंदिर का निर्माण किया जाना चाहिए. उनका कहना है कि यह फैसला धर्म संसद तथा उन सभी पक्षों को करना है, जो कोर्ट गए हैं.
दिग्विजय सिंह - कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस मुद्दे पर खुद पहल करनी चाहिए, क्योंकि योगी आदित्यनाथ किस रास्ते पर चले जाएंगे, यह हम सबके लिए चिंता का विषय है.
महेश शर्मा - केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का स्वागत करते हुए कहा है कि हमारी पार्टी ने हमेशा कहा है कि राम मंदिर का मुद्दा संवैधानिक ढांचे के भीतर सहमति के माध्यम से ही हल होना चाहिए.
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