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महाराष्ट्र की जंग, कौन किसके संग : जानिए उद्धव ठाकरे के दिल्ली दौरे के मायने

उद्धव ठाकरे तीन दिन के दौरे पर आज दिल्‍ली पहुंचे. इस दौरान उद्धव ठाकरे सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे. साथ ही अन्‍य पार्टियों के नेताओं के साथ भी मुलाकात करेंगे.

महाराष्ट्र की जंग, कौन किसके संग : जानिए उद्धव ठाकरे के दिल्ली दौरे के मायने
नई दिल्‍ली:

महाराष्ट्र (Maharashtra) में जल्‍द ही विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने वाला है और मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासत गर्म है. शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे पार्टी के प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) दिल्ली आ गए हैं. तीन दिन के दौरे के दौरान उद्धव ठाकरे अहम बैठकें करने वाले हैं. इसमें इंडिया ब्लॉक के अहम नेताओं के साथ बैठक भी होगी. संसद सत्र के दौरान उद्धव ठाकरे का यह दूसरा दिल्ली दौरा है. पिछले शीतकालीन सत्र के दौरान उद्धव ठाकरे ने महाविकास अघाड़ी के सांसदों से मुलाकात की थी, लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस दौरे का महत्व और बढ़ गया है. 

महाविकास अघाड़ी यह संदेश देना चाहती है कि विधानसभा चुनाव में वह मिलकर चुनाव लड़ेगी. मंगलवार दोपहर उद्धव ठाकरे दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे और वहां से अपने परिवार के साथ संजय राउत के आवास पर पहुंचे. शिवसेना यूबीडी के सांसदों ने उनका स्वागत किया. साथ ही राज्यसभा और लोकसभा सांसदों के साथ चर्चा भी की. 

सोनिया गांधी और राहुल गांधी से आज करेंगे मुलाकात

उद्धव ठाकरे दूसरे दिन यानी बुधवार को सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे. साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से भी मिलेंगे. शरद पवार से मुलाकात होनी भी तय है. आम आदमी पार्टी, आरजेडी, समाजवादी पार्टी के नेताओं के साथ बैठक करेंगे. साथ ही उद्धव ठाकरे तीसरे दिन गुरुवार को उपराष्ट्रपति से मुलाकात करने उनके आवास पर जाएंगे. 

शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राउत ने कहा कि लोकसभा में महाराष्‍ट्र से हमें अच्‍छा रिजल्‍ट मिला है. हमारी बातचीत होगी कि तीनों पार्टियों को मिलकर महाराष्‍ट्र विधानसभा में महाविकास अघाड़ी को लाना है. वहीं महाराष्‍ट्र कांग्रेस के प्रभारी रमेश चेन्‍नीथला ने कहा कि महाराष्‍ट्र के चुनाव में महाविकास अघाड़ी की जीत होगी, जनता हमारे पक्ष में है. इस भ्रष्‍ट सरकार के खिलाफ लोग वोट देने के लिए तैयार हैं. 

इंडिया ब्लॉक के कई नेता केंद्रीय जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं. अरविंद केजरीवाल अभी भी जेल में है. इसके अलावा मनीष सिसोदिया को भी राहत नहीं मिली है. ऐसे में ईडी-सीबीआई के कथित दुरुपयोग को लेकर उद्धव ठाकरे आम आदमी पार्टी और अन्य दलों के नेताओं से चर्चा कर सकते हैं. इन बैठकों के जरिए यह संदेश देने की कोशिश की जाएगी कि महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी और राष्‍ट्रीय स्‍तर पर इंडिया ब्लॉक मजबूत है. 

तय हो सकता है सीट बंटवारे का फॉर्मूला 

तीन दिन के दिल्ली दौरे में उद्धव ठाकरे राज्यसभा सांसद संजय राउत के आवास पर ही रहेंगे और अहम नेताओं से मुलाकात करेंगे. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव सामने हैं, ऐसे में इस बैठक में सीट बंटवारे का फार्मूला तय होने की संभावना है. उद्धव ठाकरे राहुल गांधी और शरद पवार के साथ चर्चा करेंगे. महाराष्ट्र विधानसभा की रणनीति भी यहीं से तय होगी. 

मुंबई में मिले BJP, शिवसेना और NCP के नेता

उधर, महायुति में भी काफी हलचल देखने को मिल रही है. मुंबई में बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के नेता मिले हैं. बैठक में संयुक्त सभाओं को लेकर भी चर्चा की गई है.

8 अगस्त से अजित पवार की जन सम्मान यात्रा भी निकलने जा रही है. यह यात्रा नासिक से शुरू होगी और कई इलाकों में जाएगी. अजित पवार की यात्रा उत्तर महाराष्ट्र, विदर्भ और मराठवाड़ा से गुजरेगी. साथ ही उनकी यह यात्रा पश्चिमी महाराष्ट्र और मुंबई के सभी विधानसभा क्षेत्रों से भी गुजरेगी. 

महीने के आखिर में सीट बंटवारे पर बातचीत संभव 

महायुति के तीनों प्रमुख नेताओं में तालमेल की कमी की बातें सामने आ रही हैं और तीनों प्रमुख नेता अलग-अलग प्रचार में जुटे हैं. उधर, सरकार का फोकस मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना पर है. रक्षाबंधन के मौके पर गरीब महिलाओं के खाते में पैसे भेजे जाएंगे और जुलाई-अगस्त के करीब 3 हजार रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे. अब तक 2 करोड़ महिलाओं ने रजिस्ट्रेशन करवा लिया है. साथ ही सरकार किसानों की नाराजगी को भी दूर करने की कोशिश कर रही है. जहां तक सीटों के बंटवारे का सवाल है, माना जा रहा है कि अगस्त के आखिर में इस बारे में बातचीत संभव हो सकती है. 

महाराष्‍ट्र में AAP का अकेले चुनाव लड़ने का फैसला 

वहीं महाविकास अघाड़ी पार्टी की बैठक से पहले इंडिया गठबंधन को आम आदमी पार्टी ने झटका दिया है. आम आदमी पार्टी ने महाराष्ट्र में अकेले ही चुनाव लड़ने का फैसला किया है. पार्टी की महाराष्ट्र की अध्यक्ष प्रीति मेनन ने यह ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि इंडिया ब्लॉक में तो रहेंगे लेकिन महाराष्ट्र में आम आदमी पार्टी अकेली चलेगी. मुंबई की सभी 36 सीटों पर पार्टी के उम्मीदवार उतारे जाएंगे. प्रीति मेनन ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है. 

सूत्रों के मुताबिक, सीट बंटवारे को लेकर जल्द से जल्द बातचीत शुरू हो, इसके लिए लेकर राहुल गांधी ने पिछले दिनों उद्धव ठाकरे को फोन किया था और शरद पवार से भी बात की थी. उस दौरान उद्धव ठाकरे की तरफ से जानकारी दी गई थी कि वह जल्द ही दिल्ली का दौरा करेंगे और राहुल गांधी के साथ मुलाकात होगी. उद्धव ठाकरे का दिल्ली में आकर कांग्रेस के बड़े नेताओं से मुलाकात करना निश्चित तौर पर यह एक संकेत देने की कोशिश है कि महाविकास अघाड़ी एक साथ है. 

राष्‍ट्रीय राजनी‍ति में पैर जमाने की कोशिश में उद्धव : चोरमारे  

वरिष्ठ पत्रकार विजय चोरमारे ने कहा कि शिवसेना अपना फोकस महाराष्ट्र और महाराष्‍ट्र से ज्‍यादा मुंबई में करती रही है, लेकिन जब से इंडिया गठबंधन बना है और उसमें शिवसेना का उद्धव ठाकरे गुट शामिल हुआ है, तब से उद्धव ठाकरे राष्ट्रीय राजनीति में अपने पैर जमाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव आने वाले हैं. महाराष्ट्र के कांग्रेस नेता बयान देते रहे हैं कि वह हम सबसे बड़ी पार्टी हैं और हमें सबसे ज्यादा सीट चाहिए. ऐसे में उद्धव ठाकरे महाराष्‍ट्र के कांग्रेस नेताओं को यह संदेश देना चाहते हैं कि मैं आपके हाइकमान से सीटों के बंटवारे को  लेकर बातचीत कर रहा हूं, जिससे महाराष्‍ट्र के नेता सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान न हो. 

AAP के अकेले चुनाव लड़ने का नहीं होगा असर : चोरमारे 

उन्‍होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के अकेले चुनाव लड़ने का बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ने वाला है. उन्‍होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की महाराष्ट्र में कहीं भी ताकत नहीं है, वो एनजीओ की तरह अपनी राजनीति करते रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि दिल्ली और पंजाब में सत्ता में आने के बाद में भी महाराष्‍ट्र में आम आदमी पार्टी के कैडर ने संगठन मजबूत करने के लिए कोशिश नहीं की है.  

उन्‍होंने कहा कि आज अजित पवार की पार्टी के सामने चुनौती है कि महाराष्‍ट्र की राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाए. लोकसभा चुनाव में अजित पवार की पार्टी को करारा झटका मिला है. उनका एक ही सांसद चुनकर आया है. उन्‍हें लोगों को यह बताना है कि भले ही लोकसभा चुनाव में एक ही सांसद चुनकर आया हो, लेकिन विधानसभा चुनाव में भाजपा और एकनाथ शिंदे की शिवसेना के बराबर की सीटें लड़ना चाहते हैं. 

महायुति से अलग होकर चुनाव लड़ सकते हैं अजित पवार!

अजित पवार के महायुति में रहने के बारे में संदेह बताया जा रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हो या अमित शाह हो या देवेंद्र फडणवीस हो,  इन तीनों नेताओं के साथ अजित पवार के अच्‍छे संबंध हैं. ऐसे में मुझे लगता है कि वो अजित पवार को अकेला नहीं छोड़ेंगे. उन्‍होंने कहा कि यदि बीजेपी को लगता है कि महायुति में उनके रहने से महायुति को कोई फायदा नहीं हो रहा तो अजित पवार को अलग लड़ाया जा सकता है, जिससे वो महाविकास अघाड़ी की कुछ पार्टियों का नुकसान करें. 

सीएम कैंडिडेट के सवाल पर चोरमारे ने कहा कि आज की अगर बात करें तो उद्धव ठाकरे सीएम कैंडिडेट हो सकते हैं. पिछले कुछ दिनों पहले जब उद्धव ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं के सामने जिस तरह से देवेंद्र फड़णनीस और जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला किया था और दिखा दिया था कि महाविकास अघाड़ी को नेतृत्व देने की क्षमता सिर्फ मुझ में ही है, लेकिन महाराष्‍ट्र में 1995 से गठबंधन की राजनीति में एक फॉर्मूला चलता आया है कि जिस दल के विधायक अधिक होते हैं, उस उस दल का मुख्यमंत्री बनता है. 

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