रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने रविवार को कहा कि इस बात की संभावना है कि तत्कालीन लोक निर्माण विभाग मंत्री समेत गोवा के दो मंत्रियों ने 2010 में राज्य में एक जल विकास परियोजना के लिए एक वैश्विक परामर्श कंपनी से घूस ली हो।
कंपनी ने अमेरिकी सरकार की एक एजेंसी के सामने यह बात स्वीकार की है कि उसने लगभग 6.3 करोड़ रुपये की घूस दी थी।
पणजी से 35 किलोमीटर दूर स्थित मडगांव में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए पर्रिकर ने कहा, "परियोजना जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी से संबद्ध थी। इसीलिए हो सकता है कि तत्कालीन लोक निर्माण विभाग मंत्री इसमें शामिल हों। चूंकि इस परियोजना के लिए वित्तीय मंजूरी की भी जरूरत थी, इसीलिए अन्य मंत्री के भी इस मामले में शामिल होने की संभावना है।"
तत्कालीन लोक निर्माण विभाग मंत्री चर्चिल अलेमो ने इस बयान पर टिप्पणी करने से मना करते हुए कहा कि उन्हें नहीं पता कि मीडिया में क्या बयान चल रहा है।
अमेरिकी सरकार के न्याय विभाग के दस्तावेजों के अंश का हवाला देते हुए राष्ट्रीय मीडिया में रपटें जारी की जा रही है। इन रपटों में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय कंपनी लुईस बर्जर के दो शीर्ष अधिकारियों ने भारत के एक मंत्री और सरकार के अधिकारियों को 2010 में 976,630 डॉलर की घूस दी थी। यह घूस पांच साल के लिए गोवा वाटर सप्लाई एंड सीवेज परियोजना का ठेका लेने के लिए दी गई थी।
मीडिया रपटों में दस्तावेजों के हवाले से यह भी दावा किया जा रहा है कंपनी के दोनों अधिकारियों ने घूस देने के लिए माफी मांगी है।
गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर ने शनिवार को कथित घूसखोरी के इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की थी। साथ ही उन्होंने कहा था कि वह इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखेंगे।
कंपनी ने अमेरिकी सरकार की एक एजेंसी के सामने यह बात स्वीकार की है कि उसने लगभग 6.3 करोड़ रुपये की घूस दी थी।
पणजी से 35 किलोमीटर दूर स्थित मडगांव में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए पर्रिकर ने कहा, "परियोजना जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी से संबद्ध थी। इसीलिए हो सकता है कि तत्कालीन लोक निर्माण विभाग मंत्री इसमें शामिल हों। चूंकि इस परियोजना के लिए वित्तीय मंजूरी की भी जरूरत थी, इसीलिए अन्य मंत्री के भी इस मामले में शामिल होने की संभावना है।"
तत्कालीन लोक निर्माण विभाग मंत्री चर्चिल अलेमो ने इस बयान पर टिप्पणी करने से मना करते हुए कहा कि उन्हें नहीं पता कि मीडिया में क्या बयान चल रहा है।
अमेरिकी सरकार के न्याय विभाग के दस्तावेजों के अंश का हवाला देते हुए राष्ट्रीय मीडिया में रपटें जारी की जा रही है। इन रपटों में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय कंपनी लुईस बर्जर के दो शीर्ष अधिकारियों ने भारत के एक मंत्री और सरकार के अधिकारियों को 2010 में 976,630 डॉलर की घूस दी थी। यह घूस पांच साल के लिए गोवा वाटर सप्लाई एंड सीवेज परियोजना का ठेका लेने के लिए दी गई थी।
मीडिया रपटों में दस्तावेजों के हवाले से यह भी दावा किया जा रहा है कंपनी के दोनों अधिकारियों ने घूस देने के लिए माफी मांगी है।
गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर ने शनिवार को कथित घूसखोरी के इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की थी। साथ ही उन्होंने कहा था कि वह इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखेंगे।
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