पशु क्रूरता के खिलाफ काम करने वाली दिल्ली की एक महिला वकील ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि त्रिपुरा के सिपाहीजाला जिले में भीड़ ने उन पर हमला किया, क्योंकि उन्होंने मवेशियों को ट्रकों में क्षमता से अधिक भरकर ले जाने की सूचना दी थी. वकील श्रेया अग्रवाल ने आरोप लगाया कि शनिवार को भीड़ ने भारत-बांग्लादेश सीमा के पास स्थित रूथखाला गांव के नजदीक पुलिस कर्मियों के सामने उनके वाहन में तोड़फोड़ की गई. वह वहां से किसी तरह बच निकलने में सफल रहीं.
श्रेया अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने पुलिस को सूचना दी थी कि उन्होंने दो ऐसे ट्रक देखे हैं जिनमें मवेशियों को ठूंसा गया था. वह पुलिस को मौके पर लेकर गईं, जिसके बाद घटना हुई. पुलिस ने बस इतना कहा कि मामले की जांच चल रही है.
अग्रवाल ने पत्रकारों से कहा, “घटना के संबंध में बिशालागढ़ थाने में दंगा, गैर कानूनी रूप से एकत्र होने, मारपीट, आपराधिक धमकी, लापरवाह व्यवहार जिससे संक्रामक रोग (कोविड-19) फैल सकता है, और महिला की गरिमा को नुकसान पहुंचाने के आरोप में शिकायत दर्ज कराई गई है.” वह एक मुकदमे के सिलसिले में त्रिपुरा आई थीं.
अग्रवाल ने कहा कि त्रिपुरा उच्च न्यायालय के रास्ते में, उन्होंने मवेशियों से भरे दो ट्रकों को देखा. उन्होंने कहा कि वह बिशालगढ़ थाने गईं और पुलिस से कहा कि वह उनके साथ रूथखाला गांव चले जहां वाहन खड़े थे जिनसे मवेशियों को उतारा जा रहा था.
उन्होंने आरोप लगाया कि जब वह पुलिस कर्मियों के साथ मौके पर पहुंचीं तो करीब 100 लोगों ने उनके वाहन को घेर लिया और पुलिस के सामने उन्हें तथा उनके साथियों को अपशब्द कहे. अग्रवाल ने दावा किया कि उनकी कार में भी तोड़फोड़ की गई, हालांकि वह किसी तरह मौके से भागने में सफल रहीं.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं