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This Article is From Dec 27, 2018

Triple Talaq Bill: कांग्रेस और AIADMK के वॉकआउट के बीच लोकसभा में पास हुआ तीन तलाक बिल

तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) की प्रथा पर रोक लगाने के मकसद से लाए गए ट्रिपल तलाक विधेयक (Triple Talaq Bill) को लोकसभा में पेश किया गया और इसके बाद इसे पास भी कर दिया गया.

तीन तलाक बिल लोकसभा में पास.

नई दिल्ली:

तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) की प्रथा पर रोक लगाने के मकसद से लाए गए ट्रिपल तलाक विधेयक (Triple Talaq Bill) को लोकसभा में पेश किया गया और इसके बाद इसे पास भी कर दिया गया. वोटिंग के समय हालांकि कांग्रेस और एआईएडीएम ने लोकसभा से वॉकआउट कर दिया. कांग्रेस की मांग थी कि इस बिल को लेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए. कांग्रेस सहित विपक्ष ने इसके कई प्रावधानों पर आपत्तियां जताई और उन्हें 'असंवैधानिक' बताया और दावा किया कि इसका वास्तविक उद्देश्य मुस्लिम महिलाओं का सशक्तिकरण नहीं करना है, बल्कि मुस्लिम पुरुषों को दंडित करना है. विपक्ष ने संशोधित विधेयक को संसद की संयुक्त प्रवर समिति के पास भेजा जाए, ताकि विस्तार से इसकी जांच-परख हो सके. सरकार द्वारा मांगों को खारिज किए जाने के बाद विधेयक पर वोटिंग कराई गई और पांच घंटे से ज्यादा चली बहस के बाद इसे पारित किया गया. इसमें 245 सदस्यों ने विधेयक के पक्ष में मतदान किया, वहीं 11 ने इसके विरोध में वोट दिया. बहस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद नहीं थे. सदन ने एनके प्रेमचंद्रन के सांविधिक संकल्प एवं कुछ सदस्यों के संशोधनों को नामंजूर करते हुए मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2018 को मंजूरी दे दी.

दरअसल, पिछले सप्ताह सदन में इस पर सहमति बनी थी कि 27 दिसंबर को विधेयक पर चर्चा होगी. इससे पहले कांग्रेस ने इस पर सहमति जताई थी कि वह 'मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2018' पर होने वाली चर्चा में भाग लेगी. दरअसल, लोकसभा में पिछले हफ्ते जब मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक- 2018 चर्चा के लिए लाया गया तो सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सुझाव दिया कि इस पर अगले हफ्ते चर्चा कराई जाए. इस पर संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विपक्ष से आश्वासन मांगा कि उस दिन बिना किसी बाधा के चर्चा होने दी जाएगी. इस पर खड़गे ने कहा, 'मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इस विधेयक पर 27 दिसंबर को चर्चा कराइए. हम सभी इसमें हिस्सा लेंगे. हमारी पार्टी और अन्य पार्टियां भी चर्चा के लिए तैयार हैं.'

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Triple Talaq Bill in Lok Sabha Live Updates:

- वोटिंग के बाद लोकसभा में तीन तलाक बिल पास.

-  लोकसभा में तीन तलाक बिल पर बहस पूरी हो चुकी है. वोटिंग से पहले कांग्रेस ने किया वॉकआउट. कांग्रेस की मांग है कि बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए.

- एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि एक साल के बाद ट्रिपल तलाक बिल पर दोबारा चर्चा हो रही. इस एक साल में क्या बदला.

- केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि इस देश ने वह मंजर भी देखा जब दहेज लेने का कुछ लोगों ने समर्थन किया, लेकिन सदन ने इसे अपराध माना. सती प्रथा को भी खत्म किया गया.

- शिवसेना सांसद अरविंद गणपत सावंत ने लोकसभा में ट्रिपल तलाक बिल का समर्थन किया. साथ ही केंद्र सरकार से यूनिफॉर्म सिविल कोड, धारा-370 और राम मंदिर के लिए भी कानून लाने की मांग की. उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण राजनीतिक मुद्दा नहीं जनभावना है. काफी समय से यह मामला फंसा हुआ, यह संविधान का अपमान है. 


- मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि इस्लामिक देशों ने दशकों पहले 3 तलाक की कुरीति को खत्म किया.

-  अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यह इस्लाम धर्म से संबंधित मामला नहीं, यह एक सामाजिक कुरीति है. इसी तरह से सती प्रथा और बाल विवाह को भी खत्म किया गया.

- भाजपा सांसद मिनाक्षी लेखी ने लोकसभा में कहा कि महिलाओं के लिए सरकार ने की काम किए हैं. बिल को राजनीतिक रूप न दिया जाए.

 

- सरकार ने लोकसभा में बिल पेश करते हुए कहा कि इस पर राजनीति ना की जाए. वहीं कांग्रेस और टीएमसी सहित अन्य कई दलों ने बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग की है.

- लोकसभा में सरकार ने कहा कि यह नारी गरिमा के लिए सभी साथ आएं. 

 

 

- लोकसभा में तीन तलाक बिल पर विपक्षी पार्टियां लगातार विरोध कर रही हैं.

- संसद का शीतकालीन सत्र: लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित

- राफेल लड़ाकू विमान सौदे के मुद्दे पर विपक्ष के ज़ोरदार हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है.

- लोकसभा की कार्यवाही के दौरान गुरुवार को राफेल लड़ाकू विमान सौदे के मुद्दे पर विपक्ष ने ज़ोरदार हंगामा किया. इसी मुद्दे पर हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.

- कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्रिपल तलाक बिल पर लोकसभा में गुरुवार को होने वाली चर्चा को लेकर कहा, "हम चर्चा में भाग लेंगे, और अपनी बात रखेंगे... हम सरकार से अपील करेंगे कि उसे धार्मिक मामलों में दखल नहीं देना चाहिए..."

 

-बीजेपी और कांग्रेस ने लोकसभा के अपने सदस्यों को व्हिप जारी किया है और चर्चा के दौरान सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा है. अध्यादेश सितंबर में लाया गया था, जिसके अंतर्गत त्वरित तीन तलाक को भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध माना गया था. 

 

क्या नया है इस तीन तलाक बिल में:

पहला संशोधन: इसमें पहले का प्रावधान था कि इस मामले में पहले कोई भी केस दर्ज करा सकता था. इतना ही नहीं पुलिस खुद की संज्ञान लेकर मामला दर्ज कर सकती थी. लेकिन अब नया संशोधन ये कहता है कि अब पीड़िता, सगा रिश्तेदार ही केस दर्ज करा सकेगा.

दूसरा संशोधन: इसमें पहले का प्रावधान था कि पहले गैर जमानती अपराध और संज्ञेय अपराध था. पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती थी. लेकिन अब नया संशोधन यह कहता है कि मजिस्ट्रेट को जमानत देने का अधिकार होगा. 

तीसरा संशोधन: इसमें पहले का प्रावधान था कि पहले समझौते का कोई प्रावधान नहीं था. लेकिन अब नया संशोधन ये कहता है कि मजिस्ट्रेट के सामने पति-पत्नी में समझौते का विकल्प भी खुला रहेगा. 

पीएम मोदी ने 15 अगस्‍त को लाल किले से स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में कहा था कि तीन तलाक प्रथा मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय है. तीन तलाक ने बहुत सी महिलाओं का जीवन बर्बाद कर दिया है और बहुत सी महिलाएं अभी भी डर में जी रही हैं.  

2011 की जनगणना के मुताबिक, देश में 8.4 करोड़ मुस्लिम महिलाएं हैं और हर एक तलाकशुदा मर्द के मुकाबले 4 तलाक़शुदा औरतें हैं. 13.5 प्रतिशत लड़कियों की शादी 15 साल की उम्र से पहले हो जाती है और 49 प्रतिशत मुस्लिम लड़कियों की शादी 14 से 29 की उम्र में होती है. वहीं 2001-2011 तक मुस्लिम औरतों को तलाक़ देने के मामले 40 फीसदी बढ़े है.

तीन तलाक बिल पर AIMPLB अक्सर कहता रहा है कि मुस्लिम पक्ष की राय क्यों नहीं ली गई?, महिलाओं की परेशानी बढ़ानेवाला बिल, शरीयत के खिलाफ तीन तलाक बिल, शौहर जेल में होगा तो खर्च कौन देगा? जब तीन तलाक अवैध तो सजा क्यों? किसी तीसरे की शिकायत पर केस कैसे? जिसके साथ बच्चे का भला हो, उसके साथ रहे.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल 15 दिसंबर को ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक'को मंजूरी प्रदान की थी. गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाले अंतर-मंत्रालयी समूह ने विधेयक का मसौदा तैयार किया था. इस समूह में वित्त मंत्री अरूण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और कानून राज्य मंत्री पी पी चौधरी शामिल थे. 

22 अगस्त 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने एक बार में तीन तलाक को गैरकानूनी और असंवैधानिक करार दिया था. प्रस्तावित कानून के मसौदे के अनुसार किसी भी तरह से दिए गए तीन तलाक को गैरकानूनी और अमान्य माना जाएगा, चाहे वह मौखिक अथवा लिखित तौर पर दिया गया हो या फिर ईमेल, एसएमएस और व्हाट्सऐप जैसे इलेक्ट्रानिक माध्यमों से दिया गया हो. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले इस साल एक बार में तीन तलाक के 177 मामले सामने आए थे और फैसले के बाद 66 मामले सामने आए. इसमें उत्तर प्रदेश सबसे आगे रहा. इसको देखते हुए सरकार ने कानून की योजना बनाई.

VIDEO- लोकसभा में तीन तलाक बिल हंगामा, विपक्ष ने खड़े किए सवाल

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