भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा हाल ही में जारी की गई रिपोर्ट के मद्देनजर देश भर के व्यापारी, कनफ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के नेतृत्व में अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने की मांग को लेकर एक बड़ा देशव्यापी अभियान शुरू करने जा रहे हैं. सीसीआई की रिपोर्ट में ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन और फ्लिपकार्ट की गंभीर प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं को उजागर किया गया है.
उक्त कंपनियों के खिलाफ अभियान चलाने निर्णय रविवार को नई दिल्ली में कैट द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय व्यापार शिखर सम्मेलन के समापन पर लिया गया.
देश भर के 350 से अधिक दिग्गज व्यापारियों ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव में कहा कि, "सीसीआई (CCI) रिपोर्ट ने कई अनैतिक प्रथाओं को उजागर किया है, जिनका छोटे और मध्यम व्यापारियों पर गंभीर प्रभाव पड़ा है. इनमें भारी छूट, चुनिंदा विक्रेताओं को वरीयता देना और प्रतिस्पर्धा के मानदंडों का उल्लंघन शामिल है. यह निष्कर्ष और भी पुष्टि करते हैं कि ये ई-कॉमर्स प्लेटफार्म ऐसे तरीके अपना रहे हैं जो प्रतिस्पर्धा के समान अवसरों को विकृत करते हैं, जिससे लाखों व्यापारियों और खुदरा विक्रेताओं को अपूरणीय क्षति हो रही है. इसलिए, हम सीसीआई से आग्रह करते हैं कि वह उचित कार्रवाई करे, न्याय की दिशा में आगे बढ़ते हुए अमेज़न और फ्लिपकार्ट के खिलाफ तुरंत अभियोजन शुरू करे और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करे."
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इस देशव्यापी अभियान का उद्देश्य सीसीआई पर दबाव बनाना है कि वह अमेज़न और फ्लिपकार्ट के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही शुरू करे, जिन्होंने भारतीय कानूनों का उल्लंघन कर छोटे व्यवसायों के हितों को नुकसान पहुंचाया है. व्यापारी एकजुट होकर तुरंत और सख्त कार्रवाई की मांग करेंगे, जिसमें कानून की संबंधित धाराओं के तहत अभियोजन शामिल होगा.
शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और कैट सलाहकार स्मृति ईरानी ने भारतीय अर्थव्यवस्था में छोटे व्यापारियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "छोटे व्यापारी वर्तमान में भारतीय खुदरा बाजार का 90% हिस्सा बनाते हैं और देश के निर्यात में 45% का योगदान करते हैं. 2023 में उनका व्यापारिक कारोबार 480 बिलियन डॉलर का था और यह आंकड़ा 2025 तक 1.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. इसलिए हमें निर्यात को बढ़ावा देने और व्यापारियों के लिए व्यापार करने में आसानी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए."
इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि "ऑनलाइन ऑर्डर्स में से 71% छोटे व्यापारियों द्वारा पूरे किए जाते हैं, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों से. हमें यह आकलन करने के प्रयास करने होंगे कि क्या ये व्यापारी ई-कॉमर्स की ओर बदलाव से लाभान्वित हो रहे हैं और उनकी क्षमता को पहचानने के महत्व को समझते हुए उन्हें आवश्यक समर्थन प्रदान करना होगा."
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इसके साथ ही, कैट (CAIT) ने व्यापारियों और छोटे व्यवसाय मालिकों के उन्नयन के लिए एक महत्वपूर्ण पहल शुरू करने का भी निर्णय लिया है. इस अभियान का उद्देश्य व्यापारियों को डिजिटल कौशल, आधुनिक उपकरणों और संसाधनों तक पहुंच प्रदान कर उन्हें बदलते व्यापारिक परिदृश्य में प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाना है.
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यह पहल छोटे व्यापारियों और खुदरा विक्रेताओं को ई-कॉमर्स, डिजिटल मार्केटिंग, वित्तीय साक्षरता और सोशल मीडिया का उपयोग करके व्यापार को बढ़ाने का प्रशिक्षण प्रदान करेगी. इससे यह सुनिश्चित होगा कि भारतीय व्यापारी नई तकनीकों और प्लेटफार्मों का लाभ उठाकर अपने व्यवसायों को प्रतिस्पर्धात्मक और भविष्य के लिए तैयार बना सकें. भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ होने के नाते, व्यापारियों को डिजिटल क्रांति में सबसे आगे रहना चाहिए.
कैट इस अभियान के लिए सरकार से सक्रिय समर्थन प्राप्त करने का प्रयास करेगा ताकि देश में व्यापारियों का समग्र विकास सुनिश्चित किया जा सके. अभियोजन और सशक्तिकरण के लिए दोहरे अभियान का शुभारंभ भारत के व्यापार क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ का प्रतिनिधित्व करता है. बिजनेस लीडर्स ने कहा कि, "हम सरकार, प्रवर्तन एजेंसियों और व्यापक व्यावसायिक समुदाय से न्याय और प्रगति की इस लड़ाई में शामिल होने का आह्वान करते हैं."
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