प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
देश के प्रमुख केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने कहा है कि वे दो सितंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की घोषणा पर कायम हैं और इस बार की हड़ताल पिछले साल की तुलना में बड़ी होगी. उनका कहना है कि सरकार ने उनकी 12 सूत्री मांगों पर ध्यान नहीं दिया है और सरकार एकतरफा तरीके से श्रम सुधार लागू कर रही है.
केंद्रीय संगठनों ने दावा किया है कि इस साल हड़ताल में करीब 15 करोड़ श्रमिक शामिल होंगे और यह पिछले साल से भी बड़ी होगी क्योंकि इस बार भारतीय मजदूर संघ के सदस्य भी इसमें शामिल होंगे.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ा भारतीय मजदूर संघ इकलौता बड़ा संगठन है जो हड़ताल की इस घोषणा से अपने को दूर रखे हुए है क्योंकि सरकार ने यूनियनों की मांगों पर विचार करने का आश्वासन दे रखा है.
हड़ताल का आह्वान करने वाली यूनियनों की बुधवार को यहां एक संयुक्त प्रेसवार्ता में सीटू के महासचिव तपन सेन ने कहा कि भारतीय मजदूर संघ के कुछ नेताओं ने इससे अलग रहने की बात की है लेकिन इसकी राज्य इकाइयां हड़ताल में शामिल होंगी. उन्होंने कहा कि श्रमिक सरकार के उकसावे से की जाने वाली संदिग्ध गविधियों का करारा जवाब देंगे.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
केंद्रीय संगठनों ने दावा किया है कि इस साल हड़ताल में करीब 15 करोड़ श्रमिक शामिल होंगे और यह पिछले साल से भी बड़ी होगी क्योंकि इस बार भारतीय मजदूर संघ के सदस्य भी इसमें शामिल होंगे.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ा भारतीय मजदूर संघ इकलौता बड़ा संगठन है जो हड़ताल की इस घोषणा से अपने को दूर रखे हुए है क्योंकि सरकार ने यूनियनों की मांगों पर विचार करने का आश्वासन दे रखा है.
हड़ताल का आह्वान करने वाली यूनियनों की बुधवार को यहां एक संयुक्त प्रेसवार्ता में सीटू के महासचिव तपन सेन ने कहा कि भारतीय मजदूर संघ के कुछ नेताओं ने इससे अलग रहने की बात की है लेकिन इसकी राज्य इकाइयां हड़ताल में शामिल होंगी. उन्होंने कहा कि श्रमिक सरकार के उकसावे से की जाने वाली संदिग्ध गविधियों का करारा जवाब देंगे.
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