
आतंकवाद पर पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए विभिन्न देशों के दौरे पर जा रहे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने दूरी बना ली है. तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र सरकार को जानकारी दी कि यूसुफ पठान या कोई अन्य पार्टी सांसद इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा नहीं रहेगा. पार्टी ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा कौन सांसद होगा, यह पार्टी तय करेगी, केंद्र नहीं.
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से यूसुफ पठान का नाम वापस लेने के टीएमसी के फैसले पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा, 'ऐसे मामलों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. जब आप अंतरराष्ट्रीय मंच की बात कर रहे हैं और एक बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल जा रहा है, तो वैश्विक मंच पर ऐसे मुद्दों पर विवाद पैदा करना ठीक नहीं है. अगर कोई शिकायत है, तो उस पर आंतरिक रूप से चर्चा की जा सकती है.'
Patna, Bihar: On TMC's decision to withdraw Yusuf Pathan's name from all-party delegation visiting key partner countries as part of India's global outreach against terrorism, Union Minister Chirag Paswan says, "There should be no politics over such matters. When you're talking… pic.twitter.com/XfQ2FlGKjY
— IANS (@ians_india) May 19, 2025
जानिए क्या है मिशन 'पाक बेनकाब'
- ‘ऑपरेशन सिंदूर' के बाद आतंकवाद के खिलाफ भारत का संदेश लेकर सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल अलग-अलग देशों में जाएंगे.
- चार प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व सत्तारूढ़ दलों के नेता, जबकि तीन की अगुवाई विपक्षी दलों के नेता करेंगे.
- सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल हर तरह के आतंकवाद का मुकाबला करने की भारत की राष्ट्रीय सहमति और दृढ़ दृष्टिकोण को सामने रखेंगे.
- आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने के देश के मजबूत संदेश को दुनिया के सामने रखा जाएगा.
- सरकार ने नेतृत्व करने के लिए जिन नेताओं को चुना है, उनमें बीजेपी से रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे और जनता दल (यूनाइटेड) के संजय झा शामिल हैं.
- विपक्षी दलों से कांग्रेस के शशि थरूर, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की कनिमोई, राकांपा (एसपी) की सुप्रिया सुले शामिल हैं.
- पार्टी की ओर से नाम न दिए जाने के बावजूद केरल से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के केंद्र के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया था.
- थरूर ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा था कि उन्हें इस मामले में कोई राजनीति नहीं दिखती.
- सरकार की ओर से प्रतिनिधिमंडल के लिए चार सांसदों के नाम मांगे जाने के बाद कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, लोकसभा में पार्टी के उपनेता गौरव गोगोई, राज्यसभा सदस्य सैयद नासिर हुसैन और लोकसभा सदस्य राजा बरार के नाम दिए थे.
तृणमूल कांग्रेस का क्या है तर्क
TMC ने कहा, 'हमारा मानना है कि राष्ट्र सबसे ऊपर है और हमने अपने महान देश की रक्षा के लिए जो भी कार्रवाई आवश्यक है, उसे करने के लिए केंद्र सरकार को अपना समर्थन देने का वचन दिया है. हमारे सशस्त्र बलों ने हमारे देश को गौरवान्वित किया है और हम उनके प्रति हमेशा ऋणी रहेंगे. विदेश नीति पूरी तरह से केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में है. इसलिए, केंद्र सरकार ही हमारी विदेश नीति तय करे और इसकी पूरी जिम्मेदारी ले.'
#WATCH | Kolkata, WB: On being asked if TMC has opted out of the Centre's multi-party diplomatic mission aimed at countering Pakistan-sponsored terrorism, TMC National General Secretary and MP Abhishek Banerjee says, "I don't know from where you got this information. I am saying… pic.twitter.com/LToXDrFj5B
— ANI (@ANI) May 19, 2025
इस पर TMC के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि आपको यह जानकारी कहां से मिली. मैं यह बहुत स्पष्ट रूप से कह रहा हूं कि केंद्र सरकार जो भी निर्णय लेगी, जिसका उद्देश्य देश के राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए आतंकवाद का मुकाबला करना है, टीएमसी केंद्र के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहेगी. हमें किसी भी प्रतिनिधिमंडल के जाने से कोई समस्या नहीं है. हमारी पार्टी का कौन सदस्य प्रतिनिधिमंडल में जाएगा, यह मेरी पार्टी का फैसला है. केंद्र या केंद्र सरकार एकतरफा फैसला नहीं कर सकती कि किस पार्टी से कौन जाएगा. टीएमसी, डीएमके, कांग्रेस, आप और समाजवादी पार्टी का कौन सदस्य प्रतिनिधिमंडल में जाएगा, यह पार्टी को ही तय करना चाहिए.'
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