हत्या और दुष्कर्म से जुड़ा तृणमूल कांग्रेस सांसद तापस पाल के बयान से उपजा विवाद शांत भी नहीं पड़ा था कि पार्टी के एक विधायक ने 'असली मानव पुतला' फूंकने का बयान देकर राज्य में एक और विवाद पैदा कर दिया है।
तृणमूल से जुड़े प्रोग्रेसिव डॉक्टर्स एसोसिएशन की बैठक को संबोधित करते हुए इसके अध्यक्ष और विधायक निर्मल मांझी ने बुधवार को कहा था कि क्या लोग उन चिकिस्तकों के 'असली मानव पुतले' फूंकेंगे, जिन्होंने अपने तीन सहकर्मियों के निलंबन पर मुख्यमंत्री का पुतला जलाया था।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इंसेफ्लाइटिस के बढ़ते प्रभाव के लिए चिकित्सकों को जिम्मेदार ठहराते हुए उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्रिंसिपल अनूप कुमार रॉय सहित कई चिकित्सा अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। रॉय मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) से जुड़े एसोसिएशन ऑफ हेल्थ सर्विस डॉक्टर्स (एएचएसडी) के सदस्य भी हैं।
मांझी ने कहा, "यह ठीक है कि रॉय माकपा के एएचएसडी के नेता हैं, लेकिन वे सप्ताह में सिर्फ दो दिन काम करते हैं और सप्ताह के बाकी दिन घर पर रहते हैं। जब प्रशासन ने उनके खिलाफ कार्रवाई की, तो चिकित्सक मुख्यमंत्री का पुतला जला रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "अब सिर्फ यह देखना है कि क्या अब लोग वास्तविक इंसानी पुतले को जलाएंगे।"
सरकार को इंसेफ्लाइटिस से जुड़ी जानकारियां समय पर न दिए जाने के आरोप में निलंबित किए गए कुछ चिकित्सकों ने रॉय और अन्य के खिलाफ की गई कार्रवाई को अन्यायपूर्ण करार देते हुए उन्हें फिर बहाल करने की मांग की और कहा कि सरकार को उचित समय पर जानकारी दी गई थी।
मांझी के इस बयान की राजनीतिज्ञों और चिकित्सकों ने निंदा की है। माकपा के नेता सुजोन चक्रवर्ती ने कहा, "अब हमारे पास नेता हैं जो लोगों को जलाने की सलाह दे रहे हैं। तृणमूल से आप क्या और उम्मीद कर सकते हैं जो तापस पाल जैसे लोगों और भड़काऊ भाषण देने वालों की सराहना कर रही है।"
मांझी की आलोचना करते हुए एएचएसडी के अध्यक्ष गौतम मुखर्जी ने कहा कि यह बयान एक चिकित्सक को शोभा नहीं देता।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई के प्रमुख राहुल सिन्हा ने भी मांझी के बयान की निंदा करते हुए कहा कि पाल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई जब तक नहीं होगी, तृणमूल के नेता ऐसे बयान देते रहेंगे।
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