बोधगया:
बिहार के बोधगया के महाबोधि मंदिर परिसर में हुए धमाकों में टाइमर घड़ियों के साथ-साथ अमोनियम नाइट्रेट का प्रयोग किया गया था। निष्क्रिय किए गए विस्फोटकों से एक प्रकार के तय तरीके का प्रयोग स्थापित होता है। जांच एजेंसी इसी बात की तहकीकात कर रही हैं।
आरंभिक जांच में शक की सुई इंडियन मुजाहिद्दीन पर जा रही है क्योंकि ये धमाके जयपुर, पुणे और अहमदाबाद में हुए धमाकों से मिलते जुलते हैं।
फॉरंसिक विशेषज्ञों ने इन धमाकों में आरडीएक्स के प्रयोग से साफ इनकार किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि एक बम में करीब 150-200 ग्राम अमोनियम नाइट्रेट का प्रयोग किया गया।
जांचकर्ताओं का कहना है कि बॉल बियरिंग और कीलों का प्रयोग गैस सिलेंडरों में बतौर छर्रा किया गया। जांच बताती है कि सभी बमों में सुबह 5.30 बजे के लिए टाइम किया गया था।
बिहार पुलिस ने मंदिर परिसर में धमाकों के सिलसिले में एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया है।
आरंभिक जांच में शक की सुई इंडियन मुजाहिद्दीन पर जा रही है क्योंकि ये धमाके जयपुर, पुणे और अहमदाबाद में हुए धमाकों से मिलते जुलते हैं।
फॉरंसिक विशेषज्ञों ने इन धमाकों में आरडीएक्स के प्रयोग से साफ इनकार किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि एक बम में करीब 150-200 ग्राम अमोनियम नाइट्रेट का प्रयोग किया गया।
जांचकर्ताओं का कहना है कि बॉल बियरिंग और कीलों का प्रयोग गैस सिलेंडरों में बतौर छर्रा किया गया। जांच बताती है कि सभी बमों में सुबह 5.30 बजे के लिए टाइम किया गया था।
बिहार पुलिस ने मंदिर परिसर में धमाकों के सिलसिले में एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया है।
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