देश की सबसे सुरक्षित जेल तिहाड़ इन दिनों 'चाकूबाज़' कैदियों से परेशान है. बीते 19 दिनों में यहां दो गैंगवार की घटनाएं हुई. इन घटनाओं में दो बड़े गैंगस्टर की हत्या कर दी गई. 14 अप्रैल को प्रिंस तेवतिया की हत्या कर दी गई थी. 2 मई को एक और गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या कर गई है. ऐसे में तिहाड़ जेल प्रशासन की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर एशिया की सबसे सुरक्षित समझी जाने वाली तिहाड़ जेल में कैदियों के पास चाकू कहां से आता है.
तिहाड़ जेल सूत्रों के मुताबिक, एग्जॉस्ट फैन की ब्लेड तोड़कर या फिर खिड़की की जाली को तोड़कर या किसी भी ऐसी लोहे की धातु को घिसकर उसे धारदार बनाया जाता है. जो चाकू की तरह काम करता है. ऐसी चीज के पीछे कपड़ा बांधकर उसका हत्था तैयार किया जाता है. जेल में कैदी अपने दुश्मन गैंग के लोगों पर हमला करने के लिए इस तरह से चाकू बनाते हैं.
जेल नंबर 8-9 में कुल 2350 कैदी
वारदात को अंजाम देने से पहले कई दिनों तक पत्थर पर घिसकर ऐसे चाकुओं को धार दिया जाता है. अप्रैल में जेल नंबर 8 और 9 में कुल 32 बार सर्च ऑपरेशन चलाया गया. इस दौरान 22 चाकू धारदार मिले. जबकि 30 से 35 ऐसी लोहे की छड़ें मिली, जिनको धारधार किया जाना बाकी था. बता दें कि जेल नंबर 8-9 में कुल 2350 कैदी बंद हैं. इनपर नज़र रखने के लिए 60 सुरक्षा कर्मी तैनात होते हैं. जेल नंबर 8-9 में कुल 975 सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं.
गोगी गैंग के सदस्यों ने किया मर्डर
तिहाड़ जेल प्रशासन समय-समय पर कैदियों की सुरक्षा की समीक्षा भी करता है. इसके बाद ज़रूरत के हिसाब से कैदियों की जेल बदली जाती है. इसी कड़ी में टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के आरोपी योगेश टुंडा को 30 मार्च को जेल नंबर 8 में शिफ्ट किया गया था. कैदी राजेश को भी उसी दिन जेल नंबर 8 में शिफ्ट किया गया था. जबकि दीपक तीतर 6 जनवरी 2023 से ही जेल नंबर 8 में बंद था. रियाज़ भी यहां पहले से बंद था. चारों आरोपियों को गोगी गैंग का सदस्य बताया जाता है.
गोगी की हत्या का बदला लेने के लिए रची साजिश
सूत्रों के मुताबिक, 30 मार्च को योगेश और राजेश के 8 नंबर जेल में आने के बाद हत्या के 15 दिन पहले ही सुनील मान उर्फ टिल्लू ताजपुरिया को मंडोली जेल से तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया गया था. इसके बाद चारों कैदियों ने गोगी की हत्या का बदला लेने की साजिश रची.
एग्जॉस्ट फैन की पत्तियां तोड़ बनाया चाकू
इसके लिए इन्होंने एग्जॉस्ट फैन की पत्तियां तोड़कर चाकू बनाये. वारदात वाले दिन ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर के बीच में बनी सिक्योरिटी ग्रिल को तोड़ा. इसके बाद नीचे कूदकर टिल्लू पर हमला कर दिया. पूरी वारदात 2 से 3 मिनट के बीच में ही खत्म हो गई. चारों कैदियों ने अपने-अपने चाकू से टिल्लू पर 90 से ज्यादा वार किए.
जेल का ऑडिट करवाने पर विचार कर रहा प्रशासन
प्रिंस तेवतिया और टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के बाद अब तिहाड़ जेल प्रशासन पीडब्ल्यूडी से जेल का ऑडिट करवाने पर विचार कर रही है, ताकि ये पता लगाया जा सके कि आखिर जेल में कौन से बदलाव करने से कैदी जेल की चीज़ों से चाकू नहीं बना पाएंगे.
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