भीमसेन बस्सी
नई दिल्ली:
देश की राजधानी दिल्ली में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली पुलिस के बीच तकरार लगभग सार्वजनिक हो गई है। दिल्ली सरकार जहां बाकी राज्यों की तरह पुलिस को अपने अधीन लाना चाहती है वहीं दिल्ली पुलिस कमिश्नर का मानना है कि यह दिल्ली के लिए दुर्भाग्यपूर्ण हो जाएगा। ऐसे दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी से एनडीटीवी इंडिया की नीता शर्मा ने बात की... पेश है इंटरव्यू के कुछ अंश...
नीता : दिल्ली में कानून व्यवस्था को लेकर दिल्ली पुलिस और दिल्ली के मुख्यमंत्री में जंग छिड़ी हुई है। इसके बारे में हम बात करते हैं दिल्ली के पुलिस कमिश्नर भीमसेन बस्सी से सर अक्सर हमने फिल्मों में सुना है कि अपने आप को पुलिस के हवाले कर दो लेकिन अब सुन रहे हैं कि पुलिस हमारे हवाले कर दो, इस पर आप क्या कहेंगे?
पुलिस कमिशनर : दिल्ली पुलिस काम ही इतना अच्छा कर रही है कि सब उसे अपने काबू में रखना चाहते हैं।
नीता : दिल्ली पुलिस अगर दिल्ली सरकार को दे दी गई तो क्या सही है, आपकी क्या राय है?
पुलिस कमिशनर : वो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण होगा क्योंकि अभी दिल्ली पुलिस के पास इंडिपेंडेंस है, तब ख़त्म हो जाएगा।
नीता : दिल्ली सरकार कहती है कि वो रेफेरेंडम करवाएगी की क्या दिल्ली पुलिस केंद्र के तहत आनी चाहिए या राज्य के अधीन...
पुलिस कमिशनर : हमारा संविधान इसकी इजाजत नहीं देता और अगर ऐसा कोई लोगों में भ्रम फैला रहा है तो वो गलत है
नीता : अरविन्द केजरीवाल ही कह रहे हैं...
पुलिस कमिशनर : जो भी कह रहा है वो गलत है...
नीता : आम आदमी पार्टी का कहना है कि दिल्ली पुलिस स्टेट है, आप क्या कहेंगे?
पुलिस कमिशनर : जो ये कह रहा है वो गलत है उसे मालूम ही नहीं accountability क्या होती है
नीता : ये तू-तू मैं-मैं बहुत ज़्यादा हो गई आम जनता की कोई नहीं सुन रह रहा।
पुलिस कमिशनर : कोई तू-तू मैं-मैं नहीं है, सिर्फ एंटरटेनमेंट वैल्यू है। लोग अब सास बहू सीरियल कम और न्यूज़ ज़्यादा देखते हैं
नीता : आशुतोष का कहना है कि दिल्ली पुलिस को एक सीनियर कैबिनेट का मंत्री चला रहा है
पुलिस कमिशनर : आशुतोष मेरे अच्छे पहचान वाले हैं... उनका सोचना बिलकुल गलत है
नीता : जब आनंद पर्वत का वाक्या हुआ तब सामने आया था कि वो लड़की सुरक्षा मांग रही थी, लेकिन पुलिस ने नहीं दी पुलिस हमेशा ऐसी चूक क्यों करती है, अब उस पर विज्ञापन आ रहे है, क्या ये सही है?
पुलिस कमिशनर : विज्ञापन तो लोगों को गुमराह कर रहे है, वो गलत है जहां तक उस केस का सवाल है, कुछ गलती हुई, लेकिन अभी मैं उस पर टिपणी नहीं करूंगा क्योंकि मामला कोर्ट में है।
नीता : लोगों की शिकायत रहती है कि पुलिसेवाले पैसा लिए बिना कोई काम नहीं करते। कार्रवाई नहीं करते, आपने इसे बदलने के लिए कोई सिस्टम बनाया है?
पुलिस कमिशनर : मैं मानता हूं, कुछ पुलिस वाले भ्रष्ट हैं, लेकिन हम उन एरियाज में जहां पैसे कमाए जाने का स्कोप है, उन्हें ट्रांसपेरेंट बना रहे हैं। जैसे पुलिस वाले रेडिवलों से पैसा लेते थे, हमने एक नंबर निकाल दिया, कहा अगर कोई पैसे मांगता है तो आप हमें बताए। मैं यकीन दिलाता हूं, अगर आप कुछ सबूत लेकर पुलिस के पास आते हैं, तो उम्मीद से ज़्यादा कार्रवाई करूंगा।
नीता : आप जब मुख्यमंत्री से मिले अपने उन्हें 500 की लिस्ट दी? क्या ये सच है? कहा, इन्हें भी कंपनसेशन दो।
पुलिस कमिशनर : हां, क्योंकि मैं बहुत खुश हुआ कि किसी ने कंपनसेशन दिया इसीलिए मैंने उन्हें लिस्ट दी। क्योंकि अक्सर इस तरह के अपराध में पीड़ित बहुत गरीब घर से आता है, लेकिन किसी कारण से उन्होंने लिस्ट नहीं ली।
नीता : क्या उन्होंने कहा कि आप लिस्ट प्रधानमंत्री को दे दें?
पुलिस कमिशनर : मैं उस बात के ऊपर ज़्यादा बोलना नहीं चाहता इसीलिए कोई टिपणी नहीं करूंगा।
नीता : दिलीप पाण्डेय का कहना है कि दिल्ली पुलिस उसे मारना चाहती है।
पुलिस कमिशनर : मैं उन्हें यकीन दिलाना चाहता हूं कि हम उनकी शिकयत पर कानून के अनुसार कार्रवाई करेंगे।
नीता : आखिरी सवाल क्या दिल्ली पुलिस को गृहमंत्रालय या फिर प्रधानमंत्री कार्यालय चला रहा है?
पुलिस कमिशनर : ये बिलकुल गलत है, दिल्ली पुलिस एक प्रोफेशनल फ़ोर्स है।
नीता : दिल्ली में कानून व्यवस्था को लेकर दिल्ली पुलिस और दिल्ली के मुख्यमंत्री में जंग छिड़ी हुई है। इसके बारे में हम बात करते हैं दिल्ली के पुलिस कमिश्नर भीमसेन बस्सी से सर अक्सर हमने फिल्मों में सुना है कि अपने आप को पुलिस के हवाले कर दो लेकिन अब सुन रहे हैं कि पुलिस हमारे हवाले कर दो, इस पर आप क्या कहेंगे?
पुलिस कमिशनर : दिल्ली पुलिस काम ही इतना अच्छा कर रही है कि सब उसे अपने काबू में रखना चाहते हैं।
नीता : दिल्ली पुलिस अगर दिल्ली सरकार को दे दी गई तो क्या सही है, आपकी क्या राय है?
पुलिस कमिशनर : वो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण होगा क्योंकि अभी दिल्ली पुलिस के पास इंडिपेंडेंस है, तब ख़त्म हो जाएगा।
नीता : दिल्ली सरकार कहती है कि वो रेफेरेंडम करवाएगी की क्या दिल्ली पुलिस केंद्र के तहत आनी चाहिए या राज्य के अधीन...
पुलिस कमिशनर : हमारा संविधान इसकी इजाजत नहीं देता और अगर ऐसा कोई लोगों में भ्रम फैला रहा है तो वो गलत है
नीता : अरविन्द केजरीवाल ही कह रहे हैं...
पुलिस कमिशनर : जो भी कह रहा है वो गलत है...
नीता : आम आदमी पार्टी का कहना है कि दिल्ली पुलिस स्टेट है, आप क्या कहेंगे?
पुलिस कमिशनर : जो ये कह रहा है वो गलत है उसे मालूम ही नहीं accountability क्या होती है
नीता : ये तू-तू मैं-मैं बहुत ज़्यादा हो गई आम जनता की कोई नहीं सुन रह रहा।
पुलिस कमिशनर : कोई तू-तू मैं-मैं नहीं है, सिर्फ एंटरटेनमेंट वैल्यू है। लोग अब सास बहू सीरियल कम और न्यूज़ ज़्यादा देखते हैं
नीता : आशुतोष का कहना है कि दिल्ली पुलिस को एक सीनियर कैबिनेट का मंत्री चला रहा है
पुलिस कमिशनर : आशुतोष मेरे अच्छे पहचान वाले हैं... उनका सोचना बिलकुल गलत है
नीता : जब आनंद पर्वत का वाक्या हुआ तब सामने आया था कि वो लड़की सुरक्षा मांग रही थी, लेकिन पुलिस ने नहीं दी पुलिस हमेशा ऐसी चूक क्यों करती है, अब उस पर विज्ञापन आ रहे है, क्या ये सही है?
पुलिस कमिशनर : विज्ञापन तो लोगों को गुमराह कर रहे है, वो गलत है जहां तक उस केस का सवाल है, कुछ गलती हुई, लेकिन अभी मैं उस पर टिपणी नहीं करूंगा क्योंकि मामला कोर्ट में है।
नीता : लोगों की शिकायत रहती है कि पुलिसेवाले पैसा लिए बिना कोई काम नहीं करते। कार्रवाई नहीं करते, आपने इसे बदलने के लिए कोई सिस्टम बनाया है?
पुलिस कमिशनर : मैं मानता हूं, कुछ पुलिस वाले भ्रष्ट हैं, लेकिन हम उन एरियाज में जहां पैसे कमाए जाने का स्कोप है, उन्हें ट्रांसपेरेंट बना रहे हैं। जैसे पुलिस वाले रेडिवलों से पैसा लेते थे, हमने एक नंबर निकाल दिया, कहा अगर कोई पैसे मांगता है तो आप हमें बताए। मैं यकीन दिलाता हूं, अगर आप कुछ सबूत लेकर पुलिस के पास आते हैं, तो उम्मीद से ज़्यादा कार्रवाई करूंगा।
नीता : आप जब मुख्यमंत्री से मिले अपने उन्हें 500 की लिस्ट दी? क्या ये सच है? कहा, इन्हें भी कंपनसेशन दो।
पुलिस कमिशनर : हां, क्योंकि मैं बहुत खुश हुआ कि किसी ने कंपनसेशन दिया इसीलिए मैंने उन्हें लिस्ट दी। क्योंकि अक्सर इस तरह के अपराध में पीड़ित बहुत गरीब घर से आता है, लेकिन किसी कारण से उन्होंने लिस्ट नहीं ली।
नीता : क्या उन्होंने कहा कि आप लिस्ट प्रधानमंत्री को दे दें?
पुलिस कमिशनर : मैं उस बात के ऊपर ज़्यादा बोलना नहीं चाहता इसीलिए कोई टिपणी नहीं करूंगा।
नीता : दिलीप पाण्डेय का कहना है कि दिल्ली पुलिस उसे मारना चाहती है।
पुलिस कमिशनर : मैं उन्हें यकीन दिलाना चाहता हूं कि हम उनकी शिकयत पर कानून के अनुसार कार्रवाई करेंगे।
नीता : आखिरी सवाल क्या दिल्ली पुलिस को गृहमंत्रालय या फिर प्रधानमंत्री कार्यालय चला रहा है?
पुलिस कमिशनर : ये बिलकुल गलत है, दिल्ली पुलिस एक प्रोफेशनल फ़ोर्स है।
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