कांग्रेस सांसद के परिवार के स्वामित्व वाली शराब कंपनी के खिलाफ आयकर विभाग की छापेमारी में 351 करोड़ रुपये की ‘‘अब तक की सबसे अधिक'' नकदी जब्त किये जाने के साथ ही ‘‘अवैध'' तरीके से अर्जित धन के इस्तेमाल को लेकर हवाला ऑपरेटर और ‘मुखौटा (शेल) कंपनियों' की भूमिका जांच के दायरे में है. आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी.
आयकर विभाग की क्षेत्रीय जांच शाखा द्वारा कार्रवाई पर एक अंतरिम रिपोर्ट विभाग के प्रशासनिक निकाय, दिल्ली में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को भी भेज दी गई है.
यह तलाशी भुवनेश्वर मुख्यालय वाली बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड (बीडीपीएल) के खिलाफ शुरू हुई. कंपनी के कथित कर चोरी और ‘‘ऑफ द बुक (जिसका लेखा-जोखा कंपनी के वित्तीय रिकॉर्ड में नहीं हो)' लेन-देन के आरोप में छह दिसंबर को आयकर विभाग के अधिकारियों ने कार्रवाई शुरू की. अधिकारियों ने तलाशी अभियान के छठे दिन सोमवार को लगभग सात स्थानों पर छापेमारी जारी रखी.
अधिकारियों ने कहा कि कुछ पंचनामा पर हस्ताक्षर करने और बयान दर्ज करने के बाद जल्द ही तलाशी बंद कर दिए जाने की उम्मीद है.
रविवार को, नकदी की पांच दिन से जारी गिनती समाप्त होने के बाद आयकर विभाग ने एक ही अभियान में किसी भी एजेंसी द्वारा देश में सबसे अधिक 351 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की.
सूत्रों ने बताया कि ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल में 30-34 परिसरों की तलाशी ली गई. उन्होंने बताया कि विभाग ने करीब तीन किलोग्राम सोने के आभूषण भी जब्त किये.
सूत्रों ने बताया कि इन तीन राज्यों में काम करने वाले कई हवाला ऑपरेटर और कुछ मुखौटा या संदिग्ध कंपनियां विभाग की जांच के दायरे में हैं, क्योंकि इन तलाशी और भारी नकदी की बरामदगी के दौरान उनकी भूमिका का संकेत देने वाले दस्तावेज बरामद हुए हैं.
विभाग ने झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य धीरज प्रसाद साहू के रांची और अन्य स्थानों पर स्थित परिसरों की भी तलाशी ली। कंपनी और साहू ने अपने खिलाफ की जा रही कार्रवाई के संबंध में ‘पीटीआई-भाषा' के सवालों का जवाब नहीं दिया.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा के नेतृत्व में पार्टी सांसदों ने सोमवार को संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि छापेमारी के दौरान जब्त की गई नकदी से साबित होता है कि विपक्षी पार्टी भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई हैं.
नड्डा ने कहा, ‘‘यह आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे इनके कारनामे का छोटा सा हिस्सा है. सोनिया गांधी और राहुल गांधी को जवाब देना होगा कि यह किसका पैसा है और इसे कैसे लूटा गया?''
लोकसभा में भी भाजपा सदस्यों ने यह मुद्दा सदन में उठाया. कांग्रेस ने यह दावा करते हुए खुद को सांसद से अलग कर लिया है कि पार्टी का उनके व्यवसाय से कोई लेना-देना नहीं है.
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने पिछले सप्ताह 'एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘सांसद धीरज साहू के व्यवसाय से कांग्रेस का कोई लेना-देना नहीं है. सिर्फ वही बता सकते हैं और उन्हें यह स्पष्ट करना भी चाहिए कि कैसे आयकर अधिकारियों द्वारा कथित तौर पर उनके ठिकानों से इतनी बड़ी मात्रा में नकदी बरामद की जा रही है.''
विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि अब यह स्पष्ट है कि जांच एजेंसियों के दुरुपयोग संबंधी उनका ‘दुष्प्रचार' इस डर के कारण था कि उनके भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हो जाएगा.
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने एक बयान में विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस' (इंडिया) के नेताओं की ‘चुप्पी' पर सवाल उठाया और कहा कि वह समझ सकते हैं कि कांग्रेस चुप क्यों है? साथ ही उन्होंने आश्चर्य जताया कि तृणमूल कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक), जनता दल (यूनाइटेड) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) जैसी पार्टियां चुप क्यों हैं?
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