प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर नामीबिया से लाए गए चीतों को कुनो नेशनल पार्क में छोड़ा. भारत में चीतों को विलुप्त घोषित किए जाने के सात दशक बाद इस प्रजाति को देश में फिर से बसाने की परियोजना के तहत चीते विशेष मालवाहक विमान से लाए गए हैं. नेशनल पार्क में चीतों को छोड़ने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि 'अतीत सुनहरे भविष्य का मौका देता है.'
पीएम मोदी ने कहा, 'मैं हमारे मित्र देश नामीबिया और वहां की सरकार का भी धन्यवाद करता हूं, जिनके सहयोग से दशकों बाद चीते भारत की धरती पर वापस लौटे हैं. दशकों पहले, जैव-विविधता की सदियों पुरानी जो कड़ी टूट गई थी, विलुप्त हो गई थी, आज हमें उसे फिर से जोड़ने का मौका मिला है. आज भारत की धरती पर चीता लौट आए हैं. और मैं ये भी कहूंगा कि इन चीतों के साथ ही भारत की प्रकृतिप्रेमी चेतना भी पूरी शक्ति से जागृत हो उठी है.'
70 साल बाद भारत लौटा चीता, PM मोदी ने नामीबिया से लाए गए चीते कूनो नेशनल पार्क में छोड़े : 10 बातें
उन्होंने कहा, 'ये दुर्भाग्य रहा कि हमने 1952 में चीतों को देश से विलुप्त तो घोषित कर दिया, लेकिन उनके पुनर्वास के लिए दशकों तक कोई सार्थक प्रयास नहीं हुआ. आज आजादी के अमृतकाल में अब देश नई ऊर्जा के साथ चीतों के पुनर्वास के लिए जुट गया है. ये बात सही है कि, जब प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण होता है तो हमारा भविष्य भी सुरक्षित होता है. विकास और समृद्धि के रास्ते भी खुलते हैं. कुनो नेशनल पार्क में जब चीता फिर से दौड़ेंगे, तो यहां का ग्रासलैंड इकोसिस्टम फिर से रिस्टोर होगा, biodiversity और बढ़ेगी.'
साथ ही उन्होंने कहा, 'कुनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतों को देखने के लिए देशवासियों को कुछ महीने का धैर्य दिखाना होगा, इंतजार करना होगा. आज ये चीते मेहमान बनकर आए हैं, इस क्षेत्र से अनजान हैं. कुनो नेशनल पार्क को ये चीते अपना घर बना पाएं, इसके लिए हमें इन चीतों को भी कुछ महीने का समय देना होगा.
अंतरराष्ट्रीय गाइडलाइन्स पर चलते हुए भारत इन चीतों को बसाने की पूरी कोशिश कर रहा है.'