Gogamedi Murder Case: करणी सेना प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के मामले में एक के बाद एक कई खुलासे हो रहे हैं, जो पुलिस जांच को सही दिशा दे सकते हैं. करणी सेना प्रमुख की हत्या के सीसीटीवी फुटेज के विश्लेषण से कुछ ऐसा मिला है, जिससे मामले में नया मोड आ सकता है. दरअसल, गोलीबारी में शामिल व्यक्ति की भी मौत हो गई है.
गोलीबारी में मारा गया एक शूटर
तीन शूटर्स में से एक की पहचान नवीन सिंह शेखावत के रूप में हुई, जो गोलीबारी में मारा गया. हालांकि, पुलिस सूत्रों ने कहा कि फुटेज को करीब से देखने पर स्पष्ट रूप से संकेत मिलता है कि शेखावत कुछ और कर रहे थे. उन्होंने जाहिर तौर पर आखिरी मिनट में शूटिंग के दौरान खुद को बचाने का प्रयास भी किया, लेकिन वह सफल नहीं हो पाए और गोली लगने से उनकी मौत हो गई.
हत्या में शामिल था शेखावत
सूत्रों ने कहा कि शेखावत हत्या में पूरी तरह से शामिल था क्योंकि वह सुखदेव सिंह गोगामेड़ी पर खुफिया जानकारी इकट्ठा कर रहा था और करणी सेना प्रमुख के घर के आसपास करीबी से नज़र बनाए हुए था.
राजस्थान में बड़े पैमाने पर हुआ विरोध प्रदर्शन
हालांकि ये बात अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है कि अंतिम समय में किस कारण से उन्होंने अपना मन बदला. हालांकि, सूत्रों ने कहा कि उन्हें इस बात पर कुछ स्पष्टता मिल गई होगी कि उनके कार्यों का क्या प्रभाव पड़ेगा. सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई करणी सेना प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की सनसनीखेज हत्या के बाद राजस्थान में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ.
लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से जुड़े गैंगस्टर ने ली थी जिम्मेदारी
पुलिस के अनुसार, गोगामेड़ी हत्याकांड के साजिशकर्ताओं में से एक रामवीर ने हत्या से पहले जयपुर में अपने दोस्त फौजी की मदद के लिए इस साजिश को अंजाम देने के लिए तैयारियां की थी. आरोपी गोगामेड़ी से मिलने के बहाने उनके घर गए थे और कुछ मिनट बात करने के बाद उन्होंने गोगामेड़ी पर गोलियां चला दीं. उन्होंने गोगामेड़ी के सहयोगी नवीन शेखावत की भी गोली मारकर हत्या कर दी थी जिसके माध्यम से वे गोगामेड़ी के आवास तक पहुंचे थे. लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से जुड़े गैंगस्टर रोहित गोदारा ने हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए कहा था कि गोगामेड़ी ने उसके दुश्मनों का समर्थन किया है.
ऐसे गिरफ्त में आए शूटर
गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई से करीबी तौर पर जुड़े गैंगस्टर रोहित गोदारा ने इस हत्याकांड की जिम्मेदारी ली थी. रोहित गोदारा ने पहले एक फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि गोगामेदी अपने दुश्मनों की मदद कर रहे थे और इसी वजह से हमला हुआ. पुलिस ने कहा कि शूटर, गोगामेड़ी की हत्या के बाद रोहित गोदारा के करीबी सहयोगी वीरेंद्र चौहान के साथ लगातार संपर्क में थे, जिसका नाम कई आपराधिक मामलों में भी था. शूटरों की हालिया लोकेशन का पता उनके मोबाइल फोन से लगाया गया, क्योंकि वे भागने के दौरान वीरेंद्र चौहान को कॉल कर रहे थे. शूटरों ने पुलिस को बताया है कि वे पहले ट्रेन से हिसार गए और फिर उधम सिंह के साथ मनाली गए. वे एक दिन के लिए मंडी में भी रुके. मंडी से तीनों लोग चंडीगढ़ आए, जहां उन्हें पकड़ लिया गया.
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