मुंबई:
भारतीय क्रिकेट बोर्ड को चलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बनी प्रशासकों की समिति ने एक बार फिर जता दिया है कि वही है बोर्ड में बॉस. समिति के गुरुवार शाम दिए नए निर्देश से यह भी संकेत मिला है कि अगर एन श्रीनिवासन को बीसीसीआई पदाधिकारी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद में बोर्ड की नुमाइंदगी के लिए चुनते हैं तो वे इस फैसले पर लाल झंडी दिखा सकते हैं.
सारे राज्य संघों को भेजे खत में प्रशासकों ने बता दिया है कि अप्रैल 9 को पदाधिकारियों ने जो स्पेशल जनरल मीटिंग बुलाई है उसमें किसी भी फैसले को उनकी मंज़ूरी की ज़रूरत होगी. हम आपको बता दें कि हैदराबाद के एक पांच सितारा होटल में सारे पदाधिकारियों ने पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के साथ मुलाकात की थी.
प्रशासकों की समिति बैठक में मौजूद रह सकती है, लेकिन समिति के अध्यक्ष पूर्व सीएजी दूसरे कार्यक्रमों में व्यस्तता की वजह से इसमें भाग नहीं लेंगे. प्रशासकों की समिति ने अपने खत में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देकर तीनों पदाधिकारियों को भी बता दिया है "बोर्ड पदाधिकारी प्रशासकों की समिति की निगरानी और कंट्रोल की परिधि में काम करेंगे." यही नहीं अपने ख़त में उन्होंने सीईओ राहुल जौहरी को निर्देश देते हुए लिखा है "सारे अनुबंध/निविदा जिनका मूल्य 25 लाख रुपये से ज्यादा होगा वो सीईओ के ज़रिेए ही प्रशासकों की समिति के पास स्वीकृति के लिए लाया जाएगा."
पिछले कुछ दिनों से कार्यकारी सचिव अमिताभ चौधरी, कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी और कार्यकारी अध्यक्ष सीके खन्ना ने प्रशासकों की समिति से मुलाकात की है ताकि अपने अधिकारों के बारे में स्पष्टता ला सकें. उन्होंने यह भी कहा कि वे बीसीसीआई के संविधान से चलेंगे न कि हर बात में प्रशासकों की समिति की दखलंदाज़ी से. ऐसे में इस ख़त में प्रशासकों का यह कहना कि वे बैठक का एजेंडा और उसमें लिए गए फैसलों की जानकारी भी सीईओ राहुल जौहरी को देंगे, एक बार फिर पदाधिकारियों और प्रशासकों के बीच तकरार को बढ़ा सकता है.
सारे राज्य संघों को भेजे खत में प्रशासकों ने बता दिया है कि अप्रैल 9 को पदाधिकारियों ने जो स्पेशल जनरल मीटिंग बुलाई है उसमें किसी भी फैसले को उनकी मंज़ूरी की ज़रूरत होगी. हम आपको बता दें कि हैदराबाद के एक पांच सितारा होटल में सारे पदाधिकारियों ने पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के साथ मुलाकात की थी.
प्रशासकों की समिति बैठक में मौजूद रह सकती है, लेकिन समिति के अध्यक्ष पूर्व सीएजी दूसरे कार्यक्रमों में व्यस्तता की वजह से इसमें भाग नहीं लेंगे. प्रशासकों की समिति ने अपने खत में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देकर तीनों पदाधिकारियों को भी बता दिया है "बोर्ड पदाधिकारी प्रशासकों की समिति की निगरानी और कंट्रोल की परिधि में काम करेंगे." यही नहीं अपने ख़त में उन्होंने सीईओ राहुल जौहरी को निर्देश देते हुए लिखा है "सारे अनुबंध/निविदा जिनका मूल्य 25 लाख रुपये से ज्यादा होगा वो सीईओ के ज़रिेए ही प्रशासकों की समिति के पास स्वीकृति के लिए लाया जाएगा."
पिछले कुछ दिनों से कार्यकारी सचिव अमिताभ चौधरी, कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी और कार्यकारी अध्यक्ष सीके खन्ना ने प्रशासकों की समिति से मुलाकात की है ताकि अपने अधिकारों के बारे में स्पष्टता ला सकें. उन्होंने यह भी कहा कि वे बीसीसीआई के संविधान से चलेंगे न कि हर बात में प्रशासकों की समिति की दखलंदाज़ी से. ऐसे में इस ख़त में प्रशासकों का यह कहना कि वे बैठक का एजेंडा और उसमें लिए गए फैसलों की जानकारी भी सीईओ राहुल जौहरी को देंगे, एक बार फिर पदाधिकारियों और प्रशासकों के बीच तकरार को बढ़ा सकता है.
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