मुंबई हमले के दोषी अजमल कसाब को 2012 में येरवडा जेल में फांसी दे दी गई थी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
नए साल के दूसरे ही दिन पंजाब का पठानकोट आतंकी हमले से हिल गया। दरअसल शनिवार अलसुबह आतंकियों ने पठानकोट के एयरफोर्स बेस पर हमला कर दिया। हालांकि सुरक्षाबलों ने सभी चार आतंकी मार गिराए गए हैं। खबर के अनुसार हमले में एयरफ़ोर्स के दो जवान भी शहीद हुए हैं। लंबे समय से आतंकी हमले के बारे में मिल रही चेतावनी के बीच इस हमले ने एक बार फिर देश में आतंकी खतरे का बड़ा संकेत दिया है। भारत में इससे पहले भी कई बड़े आतंकवादी हमले हुए हैं। हम आपको देश में अब तक हुए 10 बड़े आतंकी हमलों के बारे में बताने जा रहे हैं-
26/11 मुंबई आतंकी हमला, 2008
इस रात अचानक मुंबई शहर गोलियों की आवाज से दहल उठा। हमलावरों ने शहर के दो पांच सितारा होटलों, सीएसटी रेलवे स्टेशन और एक यहूदी केंद्र को निशाना बनाया। शुरू में तो किसी को अंदाजा भी नहीं था कि यह इतना बड़ा आतंकी हमला हो सकता है। आतंकियों ने नरीमन हाउस, होटल ताज और होटल ओबेराय को कब्जे में ले लिया था। इसमें 160 से अधिक लोग मारे गए थे और 250 से अधिक लोग घायल हुए थे। मुंबई को आतंक के साए से बाहर निकालने में सुरक्षाकर्मियों को 60 घंटे से भी ज्यादा का समय लग गया था। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड्स (एनएसजी) और आतंकियों के बीच चली लंबी मुठभेड़ में 9 आतंकी मारे गए थे और दसवें आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया था। बाद में 21 नवंबर, 2012 को येरवडा जेल में कसाब को फांसी दे दी गई।
भारतीय संसद पर हमला, 13 दिसंबर 2001
इसे भारत में हुए आतंकी हमलों में सबसे बड़ा हमला कहना गलत नहीं होगा, क्योंकि यह हमला लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन पर हुआ था। संसद की कार्यवाही स्थगित होने के थोड़ी देर बाद दोपहर साढ़े ग्यारह के करीब पांच आतंकियों ने हमला बोल दिया था। इस हमले में संसद की सुरक्षा में लगे 8 जवान शहीद हुए थे, वहीं पांचों आतंकी मार गिराए गए थे। मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस के पांच जवान समेत एक CRPF महिला कॉन्स्टेबल और संसद के दो गार्ड शहीद हो गए थे, साथ ही कई जवान घायल भी हुए थे। हमले के समय संसद भवन में कई राजनेता मौजूद थे। इस हमले की साजिश रचने वाले अफज़ल गुरु को सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सज़ा सुनाई गई थी जिसकी दया याचिका राष्ट्रपति द्वारा खारिज करने के बाद 9 फरवरी 2013 को गुरु को तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई थी।
मुंबई सीरियल ब्लास्ट, 12 मार्च 1993
इस हमले में लगभग पूरी मुंबई में सीरियल धमाके हुए। इन धमाकों के पीछे दाउद इब्राहिम और डी कंपनी का हाथ माना गया था। इसमें 250 से अधिक लोग मारे गए थे, जबकि 700 से अधिक लोग घायल हुए थे। मुंबई सीरियल ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन को 30 जुलाई, 2015 को सुबह नागपुर की सेंट्रल जेल में फांसी दे दी गई थी।
मुंबई ट्रेन धमाका, 11 जुलाई 2006
इस दिन मुंबई की लोकल ट्रेनों में अलग-अलग सात बम धमाके हुए थे। इन धमाकों में इंडियन मुजाहिदीन का हाथ था। इसमें 200 से अधिक लोग मारे गए थे और 700 अधिक जख्मी हुए थे। 30 सितंबर, 2015 को अदालत ने पांच दोषियों को फांसी की सज़ा सुनाई, वहीं सात को उम्रकैद की सजा दी।
अक्षरधाम मंदिर पर हमला, 24 सितंबर 2002
लश्कर और जैश ए मोहम्मद के आतंकी दोपहर 3 बजे के आसपास अक्षरधाम मंदिर में घुस गए थे। ऑटोमैटिक हथियारों और हैंड ग्रेनेड से लैस आतंकियों ने वहां मौजूद लोगों पर हमला कर दिया। गुजरात के गांधीनगर में स्थित इस मंदिर पर हुए हमले में 30 लोग मारे गए थे, जबकि 80 लोग घायल हो गए थे।
दिल्ली सीरियल बम ब्लास्ट, 29 अक्टूबर 2005
इस हमले में आतंकियों ने दिवाली से दो दिन पहले तीन बम धमाके किए। दो धमाके सरोजनी नगर और पहाड़गंज में हुए। तीसरा धमाका गोविंदपुरी में एक बस में हुआ। इसमें 60 से अधिक लोग मारे गए थे, जबकि 200 से अधिक घायल हुए थे।
जयपुर ब्लास्ट, 13 मई 2008
15 मिनट के भीतर ही नौ बम धमाकों से शहर गूंज उठा था। इन धमाकों में 63 लोग मारे गए थे, जबकि 210 लोग घायल हुए थे।
असम में धमाके, 30 अक्टूबर 2008
राजधानी गुवाहाटी के विभिन्न जगहों पर कुल 18 धमाके आतंकियों ने किए। इन धमाकों में 80 से अधिक लोग मारे गए जबकि 450 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
जम्मू कश्मीर विधानसभा भवन पर हमला, 1 अक्टूबर 2001
जैश ए मोहम्मद के तीन आत्मघाती हमलावरों ने विधानसभा पर हमला किया था। इसमें 35 से अधिक लोग मारे गए थे।
गुरदासपुर हमला, 27 जुलाई, 2015
पाकिस्तान से आए माने जा रहे तीन फिदायीन हमलावरों ने एक चलती बस में यात्रियों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं और दीनानगर थाने में घुसकर गोलियां चलाईं, जिसमें एक पुलिस अधीक्षक शहीद हो गए। इस हमले में 7 अन्य भी मारे गए, वहीं दिनभर चले अभियान के बाद तीनों आतंकवादी भी मार गिराए गए।
26/11 मुंबई आतंकी हमला, 2008
इस रात अचानक मुंबई शहर गोलियों की आवाज से दहल उठा। हमलावरों ने शहर के दो पांच सितारा होटलों, सीएसटी रेलवे स्टेशन और एक यहूदी केंद्र को निशाना बनाया। शुरू में तो किसी को अंदाजा भी नहीं था कि यह इतना बड़ा आतंकी हमला हो सकता है। आतंकियों ने नरीमन हाउस, होटल ताज और होटल ओबेराय को कब्जे में ले लिया था। इसमें 160 से अधिक लोग मारे गए थे और 250 से अधिक लोग घायल हुए थे। मुंबई को आतंक के साए से बाहर निकालने में सुरक्षाकर्मियों को 60 घंटे से भी ज्यादा का समय लग गया था। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड्स (एनएसजी) और आतंकियों के बीच चली लंबी मुठभेड़ में 9 आतंकी मारे गए थे और दसवें आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया था। बाद में 21 नवंबर, 2012 को येरवडा जेल में कसाब को फांसी दे दी गई।
भारतीय संसद पर हमला, 13 दिसंबर 2001
इसे भारत में हुए आतंकी हमलों में सबसे बड़ा हमला कहना गलत नहीं होगा, क्योंकि यह हमला लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन पर हुआ था। संसद की कार्यवाही स्थगित होने के थोड़ी देर बाद दोपहर साढ़े ग्यारह के करीब पांच आतंकियों ने हमला बोल दिया था। इस हमले में संसद की सुरक्षा में लगे 8 जवान शहीद हुए थे, वहीं पांचों आतंकी मार गिराए गए थे। मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस के पांच जवान समेत एक CRPF महिला कॉन्स्टेबल और संसद के दो गार्ड शहीद हो गए थे, साथ ही कई जवान घायल भी हुए थे। हमले के समय संसद भवन में कई राजनेता मौजूद थे। इस हमले की साजिश रचने वाले अफज़ल गुरु को सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सज़ा सुनाई गई थी जिसकी दया याचिका राष्ट्रपति द्वारा खारिज करने के बाद 9 फरवरी 2013 को गुरु को तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई थी।
मुंबई सीरियल ब्लास्ट, 12 मार्च 1993
इस हमले में लगभग पूरी मुंबई में सीरियल धमाके हुए। इन धमाकों के पीछे दाउद इब्राहिम और डी कंपनी का हाथ माना गया था। इसमें 250 से अधिक लोग मारे गए थे, जबकि 700 से अधिक लोग घायल हुए थे। मुंबई सीरियल ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन को 30 जुलाई, 2015 को सुबह नागपुर की सेंट्रल जेल में फांसी दे दी गई थी।
मुंबई ट्रेन धमाका, 11 जुलाई 2006
इस दिन मुंबई की लोकल ट्रेनों में अलग-अलग सात बम धमाके हुए थे। इन धमाकों में इंडियन मुजाहिदीन का हाथ था। इसमें 200 से अधिक लोग मारे गए थे और 700 अधिक जख्मी हुए थे। 30 सितंबर, 2015 को अदालत ने पांच दोषियों को फांसी की सज़ा सुनाई, वहीं सात को उम्रकैद की सजा दी।
अक्षरधाम मंदिर पर हमला, 24 सितंबर 2002
लश्कर और जैश ए मोहम्मद के आतंकी दोपहर 3 बजे के आसपास अक्षरधाम मंदिर में घुस गए थे। ऑटोमैटिक हथियारों और हैंड ग्रेनेड से लैस आतंकियों ने वहां मौजूद लोगों पर हमला कर दिया। गुजरात के गांधीनगर में स्थित इस मंदिर पर हुए हमले में 30 लोग मारे गए थे, जबकि 80 लोग घायल हो गए थे।
दिल्ली सीरियल बम ब्लास्ट, 29 अक्टूबर 2005
इस हमले में आतंकियों ने दिवाली से दो दिन पहले तीन बम धमाके किए। दो धमाके सरोजनी नगर और पहाड़गंज में हुए। तीसरा धमाका गोविंदपुरी में एक बस में हुआ। इसमें 60 से अधिक लोग मारे गए थे, जबकि 200 से अधिक घायल हुए थे।
जयपुर ब्लास्ट, 13 मई 2008
15 मिनट के भीतर ही नौ बम धमाकों से शहर गूंज उठा था। इन धमाकों में 63 लोग मारे गए थे, जबकि 210 लोग घायल हुए थे।
असम में धमाके, 30 अक्टूबर 2008
राजधानी गुवाहाटी के विभिन्न जगहों पर कुल 18 धमाके आतंकियों ने किए। इन धमाकों में 80 से अधिक लोग मारे गए जबकि 450 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
जम्मू कश्मीर विधानसभा भवन पर हमला, 1 अक्टूबर 2001
जैश ए मोहम्मद के तीन आत्मघाती हमलावरों ने विधानसभा पर हमला किया था। इसमें 35 से अधिक लोग मारे गए थे।
गुरदासपुर हमला, 27 जुलाई, 2015
पाकिस्तान से आए माने जा रहे तीन फिदायीन हमलावरों ने एक चलती बस में यात्रियों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं और दीनानगर थाने में घुसकर गोलियां चलाईं, जिसमें एक पुलिस अधीक्षक शहीद हो गए। इस हमले में 7 अन्य भी मारे गए, वहीं दिनभर चले अभियान के बाद तीनों आतंकवादी भी मार गिराए गए।
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