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This Article is From Aug 19, 2015

शहरों में आम समस्या हो गई 'काल ड्रॉप', हल किसी के पास नहीं

शहरों में आम समस्या हो गई 'काल ड्रॉप', हल किसी के पास नहीं
फाइल फोटो
नई दिल्ली: काल ड्रॉप को लेकर मोबाइल उपभोक्ताओं की शिकायतों का पुलिंदा बड़ा होता जा रहा है। लोग परेशान हैं, वह कहते हैं कि आजकल पैसे खर्च हो जाते हैं, लेकिन बात नहीं हो पाती। दरअसल कॉल ड्रॉप की समस्या अब देश के बड़े शहरों में  आम समस्या बन चुकी है। मुश्किल यह है कि पिछले कई महीनों से सरकार और ऑपरेटर्स इस समस्या को दूर करने के लंबे-चौड़े दावे करते रहे हैं, लेकिन आज तक इसका कोई नतीजा नहीं निकला।

बुधवार को केन्द्रीय टेलीकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पटना में ऐलान किया कि जल्द ही सरकारी इमारतों पर नए टावर लगेंगे। रविशंकर प्रसाद ने कहा, "मैंने तय किया है भारत सरकार की बिल्डिंग्स पर टावर लगेंगे। मैंने मुख्यमंत्रियों को भी लिखा है कि वे अपने यहां ज़िलों और ब्लाक्स में सरकारी भवनों पर टावर लगाने का परमिट दें।"

टेलीकॉम विभाग की तैयारी प्राइवेट टेलीकॉम ऑपरेटरों पर नकेल कसने की भी है। प्राइवेट टेलीकाम कंपनियों से कहा जा रहा है कि वे अपने संसाधनों में जल्दी सुधार और विस्तार करें। रविशंकर प्रसाद ने कहा, "हमने प्राइवेट कंपनियों को कहा है कि उन्हें उपभोक्ताओं के लिए काम करना होगा।"

टेलीकॉम सेक्टर के जानकार मानते हैं कि मोबाइल कम्युनिकेशन सेवा बहाल रखने के लिए दो सबसे महत्वपूर्ण चीजें हैं, कमर्शियल स्पैक्ट्रम और टॉवरों की उपलब्धता। आज देश में दोनों सेवाओं में बड़े स्तर पर सुधार की जरूरत है। टेलीकॉम विशेषज्ञ महेश उप्पल कहते हैं कि इन दोनों स्तरों पर सरकार और प्राइवेट टेलीकाम कंपनियों को मिलकर काम करना होगा।"

अब देखना होगा कि सरकार कितनी जल्दी इस समस्या को दूर करने में कामयाब होती है।

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